Jalandhar By Poll: अकाली दल की अपील, 10 मई तक प्रो. दविंदरपाल सिंह भुल्लर को रिहा नही किया, तो जालंधर के मतदाता AAP का बहिष्कार करें 

Daily Samvad
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डेली संवाद, जालंधर। Jalandhar By Poll: शिरोमणी अकाली दल ने आज इस हलके के मतदाताओं से प्रो. दविंदरपाल सिंह भुल्लर को 10 मई से पहले रिहा नही करने की स्थिति में आम आदमी पार्टी का बहिष्कार करने की अपील की है। यहां एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए वरिष्ठ अकाली नेता सरदार विरसा सिंह वल्टोहा ने कहा कि प्रो. भुल्लर की रिहाई की फाइल पिछले डेढ़ साल से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मेज पर पड़ी है।

उन्होंने कहा कि इस तथ्य के बावजूद कि फाइल को आधिकारिक तौर पर मंजूरी दे दी गई थी, प्रो. भुल्लर की रिहाई को टालने के लिए जानबूझकर चार बार सजा समीक्षा बोर्ड को भेजा गया। अकाली दल के वरिष्ठ नेता सरदार वल्टोहा ने प्रो. भुल्लर की रिहाई के लिए पंजाबियों से दिल्ली के मुख्यमंत्री को फाइल पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर करने की अपील करते हुए कहा, ‘‘ दुनिया भर में सिख इस बात से परेशान हैं कि प्रो. भुल्लर को रिहा नही किया जा रहा, जबकि उनकी मानसिक स्थिति बिगड़ने के कारण मानवीय आधार पर उनकी रिहाई की सिफारिश की गई थी।

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उन्होंने कहा कि सिख इस बात से आहत है कि जहां पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारों को रिहा किया गया, वहीं दोहरी सजा काट चुके और 28 से 30 साल तक जेल में रहने वाले सिख बंदियों को रिहा नही किया जा रहा है’’। सरदार वल्टोहा ने भाई बलवंत सिंह राजोआणा की रिहाई में देरी के लिए भारतीय जनता पार्टी की निंदा की।

उन्होने कहा भाई राजोआणा की रिहाई के मामले में केंद्र अपने कदम पीछे खींच रहा है, जबकि इस मामले को सुप्रीम कोर्ट ने उठाया था, जिसने केंद्र सरकार से शिरोमणी कमेटी द्वारा बंदी सिंहों की ओर से दायर दया याचिका पर निर्णय लेने के लिए कहा गया था। अकाली नेता ने इस बात पर हैरानी जताते हुए कहा कि भाई राजोआणा सहित सिख बंदियों को रिहा क्यों नही किया जा रहा है, जबकि केंद्रीय मंत्री गजेंद शेखावत ने उनकी रिहाई की मांग वाले फाॅर्म पर हस्ताक्षर कर दिए थे।

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उन्होने कहा, ‘‘ भाजपा के अन्य नेता सहित 25 लाख लोग बंदी सिंह परिवार की रिहाई की मांग हो गए हैं। उन्होने कहा कि भाजपा को सिख समुदाय की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए और 2019 में किए गए सभी बंदियों को रिहा करना चाहिए। वरिष्ठ अकाली नेता ने तीनों सिख बंदियों की समय पूर्व रिहाई की भी मांग की, जिन्हे कई सालों से नियमित जमानत भी दी गई थी।

उन्होंने कहा कि इन बंदियों में से एक -गुरमीत सिंह इंजीनियर ने समय से पहले रिहाई के लिए आवेदन किया था, लेकिन पंजाब की आप सरकार ने अदालत में कहा था कि गुरमीत ‘‘ बुरे दिमाग का व्यक्ति है और आतंकवाद में शामिल हो सकता है’’। इस रवैये की निंदा करते हुए उन्होने कहा , ‘‘ इसीलिए हम कहते हैं कि यह सरकार सिख विरोधी और पंजाब विरोधी है, क्योंकि यह बंदी सिंहो को रिहा करके सभी समुदायों के बीच सुलह नही करना चाहती है। इस अवसर पर अकाली दल के वरिष्ठ नेता करनैल सिंह पीरमोहम्मद भी उपस्थित थे।

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