Irretrievable Marriage Breakdown: अगर रिश्तों में ना हो सुधार की गुंजाइश, तो सुप्रीम कोर्ट इस अधिकार का कर सकता है इस्तेमाल

Daily Samvad
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Supreme-Court

डेली संवाद, नई दिल्ली। Irretrievable Marriage Breakdown: तलाक (Divorce) को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट के अनुसार रिश्तों में कोई गुंजाइश न हो ठीक होने की तो उसके आधार पर विवाह को तुरंत भंग करने के लिए अनुच्छेद 142 के तहत शक्तियों का प्रयोग कर सकती है।

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इसको मतलब यह है कि अब तलाक के लिए महीनों इंतजार नहीं करना पड़ेगा। लेकिन इस मामले में फैमिली कोर्ट जाए बिना सिर्फ सुप्रीम कोर्ट ही तलाक दे सकता है। यह फैसला न्यायमूर्ति एस.के. कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस एएस ओक, जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस जेके माहेश्वरी संविधान पीठ ने सुनाया है।

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जस्टिस एसके कौल की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संवैधानिक बेंच के फैसले के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के पास ऐसी शादियों को खत्म करने का अधिकार है, जहां रिश्ते में सुधार की कोई गुंजाइश नहीं हो। तलाक के लिए छह महीने की वैधानिक अवधि को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पूर्व में निर्धारित दिशा-निर्देशों के अधीन माफ किया जा सकता है।

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