डेली संवाद, चंडीगढ़। Pearls Group Scam: पंजाब के मुख्मयंत्री भगवंत मान ने पर्ल कंपनी की पंजाब में बनी हुई जायदादों को सरकार के कब्जे में लेने की घोषणा की है। आज एक ट्वीट करते हुए मुख्यमंत्री ने लिखा, “पर्ल कंपनी ने लाखों लोगों की मेहनत के करोड़ों रुपए खा लिए हैं। पंजाब में पर्ल कंपनी की बहुत सी जायदादें हैं। हम कानूनी तौर पर इसका वे सभी जायदादें सरकार के अपने कब्जे में लेकर लोगों का सारा पैसा वापस करने का रास्ता साफ कर रहे हैं।”
मुख्यमंत्री ने जल्द ही इसका विवरण देने की बात कही है। काबिले गौर है कि इससे पहले भी मुख्यमंत्री भगवंत ने सरकार बनने के बाद पीड़ितों की मांग पर पर्ल ग्रुप की ओर से किए गए करोड़ों रुपए के घोटाले की जांच पंजाब पुलिस के ब्यूरो आफ इंवेस्टिगेशन को सौंपने की घोषणा की थी और कहा था कि बीओआई के अधिकारियों की ओर से पर्ल ग्रुप के सभी निवेशकों मामले को कानूनी तरीके से भी देखा जाएगा, क्योंकि मामले की जांच पहले ही सीबीआइ की ओर से की जा रही है।
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वहीं अब एक बार फिर सीएम भगवंत मान ने ट्वीट करके कहा है कि पर्ल ग्रुप की पंजाब की जायदाद को सरकार अपने कब्जे में लेगी और लोगों को पैसा वापस किया जाएगा। राज्य के कई जिलों के निवेशकों का आठ से दस हजार करोड़ रुपये डूबा हुआ है। पर्ल ग्रुप के निवेशकों के लिए लड़ाई लड़ रहे ‘इंसाफ दी आवाज’ के अध्यक्ष महिंदर पाल सिंह दानागढ़ ने बताया कि पर्ल ग्रुप की ऐसी कई संपत्तियां हैं जो रिकॉर्ड में नहीं हैं। जिनको रिकॉर्ड पर लाए जाने की जरूरत है।
बता दें कि पर्ल ग्रुप की 1465 संपत्तियां रिकॉर्ड पर हैं जिनकी जानकारी लोढ़ा कमेटी के पास है। निवेशकों की राशि वापस करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने रिटायर्ड जज आर.एम. लोढ़ा की एक कमेटी बनाई थी। लोढ़ा कमेटी की ओर से निवेशकों को 31 अगस्त 2022 तक सबूत पेश करने का मौका दिया गया था। इससे पहले यह मौका 30 जून 2022 तक था, जिसे बाद में बढ़ा दिया गया था।
ਪਰਲ ਕੰਪਨੀ ਨੇ ਲੱਖਾਂ ਲੋਕਾਂ ਦੀ ਮਿਹਨਤ ਦੇ ਕਰੋੜਾਂ ਰੁਪਏ ਖਾ ਲਏ …ਪੰਜਾਬ ਵਿੱਚ ਪਰਲ ਕੰਪਨੀ ਦੀ ਬਹੁਤ ਜਾਇਦਾਦਾਂ ਨੇ …ਅਸੀਂ ਕਾਨੂੰਨੀ ਤੌਰ ਤੇ ਰਸਤੇ ਸਾਫ਼ ਕਰਕੇ ਓਹ ਜਾਇਦਾਦ ਸਰਕਾਰ ਆਪਣੇ ਕਬਜ਼ੇ ਚ ਲੈ ਕੇ ਲੋਕਾਂ ਦਾ ਸਾਰਾ ਪੈਸਾ ਵਾਪਸ ਕਰਨ ਦਾ ਰਾਹ ਪੱਧਰਾ ਕਰ ਰਹੇ ਹਾਂ …ਵੇਰਵੇ ਜਲਦੀ…
— Bhagwant Mann (@BhagwantMann) May 6, 2023
ब्यूरो के अधिकारियों का कहना है कि पर्ल ग्रुप की कई संपत्तियां हैं। राज्य सरकार इन संपत्तियों का ब्यौरा एकत्रित करने में मुस्तैदी दिखा रही है। लोढ़ा कमेटी के समक्ष यह बात रख सकती है, ताकि संपत्तियों को बेचकर जो राशि मिले उसे निवेशकों को लौटाया जा सके। ध्यान रहे कि पर्ल ग्रुप घोटाले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) पहले से जांच कर रही है। 60,000 करोड़ रुपये के पर्ल पौंजी घोटाले मामले में अब तक कई लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
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यह घोटाला पंजाब के अलग-अलग जिलों में अलावा ट्राईसिटी (चंडीगढ़, मोहाली व पंचकूला) के लोगों के साथ हुआ है। सीबीआई ने इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर पर्ल ग्रुप के खिलाफ प्रारंभिक रिपोर्ट दर्ज की थी। पर्ल ग्रुप ने गैरकानूनी रूप से संचालित विभिन्न निवेश योजनाओं द्वारा देशभर के करीब पांच करोड़ निवेशकों से 60,000 करोड़ के आसपास जमा किए।
निवेशकों को धोखा देने के बाद सामने आया कि इसके लिए सरकार से कोई वैधानिक मंजूरी नहीं ली गई थी। सीबीआइ ने देशभर में मौजूदा बाजार भाव में 1.85 लाख करोड़ रुपये की पर्ल समूह के चेयरमैन एवं मुख्य प्रबंध निदेशक (सीएमडी) निर्मल सिंह भंगू की संपत्तियों की पहचान की थी। आरोपित ने आस्ट्रेलियाई कंपनियों में भी निवेश किया था।
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