डेली संवाद, मणिपुर। Manipur Voilence: जातीय हिंसा की आग में जल रहे मणिपुर में शांति स्थापित करने की कोशिशों की राह में स्थानीय महिलाएं खड़ी हैं। जिसके चलते हिंसा नहीं रुक रही है। भारतीय सेना ने मंगलवार (27 जून) को एक ट्वीट के जरिए यह जानकारी दी। मणिपुर में पिछले मई से हिंसा को खत्म करने के लिए लगातार कोशिशें की जा रही हैं। हालाँकि, अब तक शांति बहाली के लिए किए जा रहे सभी प्रयास सफल नहीं हो पाए हैं।
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3 मई को शुरू हुई हिंसा के बाद सरकारी दफ्तरों में भी कामकाज बुरी तरह प्रभावित हुआ। बड़ी संख्या में कर्मचारी अपनी ड्यूटी नहीं कर रहे हैं। ऐसे में बीजेपी सरकार ने इस पर कड़ी कार्रवाई करने का फैसला किया है। सरकार ने कहा है कि सोमवार से जो लोग बिना छुट्टी लिए काम नहीं कर रहे हैं, उन्हें वेतन नहीं दिया जाएगा।
सामान्य प्रशासन विभाग ने कर्मचारियों को नोटिस भेजकर कहा है कि सरकार स्थिति सामान्य करने की कोशिश कर रही है। प्रशासनिक सचिव से उन सभी कर्मचारियों की सूची मांगी गई है जो हिंसा के बाद से उपस्थित नहीं हैं। उनका नाम, पदनाम, ईआईएन और वर्तमान पता का विवरण मांगा गया है।
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आपको बता दें कि मुख्यमंत्री दो दिन पहले दिल्ली पहुंचे थे। इसके बाद उन्होंने कहा कि 13 जून के बाद से किसी की मौत नहीं हुई है। केंद्र और राज्य सरकार ने मिलकर स्थिति को काफी हद तक संभाल लिया है। हिंसा शुरू होने के बाद से राज्य में सशस्त्र बलों को तैनात किया गया है और बड़ी संख्या में श्रमिकों और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। अब मजदूर घर छोड़कर दूसरे जिलों में काम करने जाने से डर रहे हैं।