Jalandhar News: नगर निगम जालंधर के चुनाव में होगी देरी, वार्डबंदी के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंची कांग्रेस, पढ़ें कब होगा चुनाव

Daily Samvad
5 Min Read
Municipal Corporation jalandhar
WhatsApp Group Join Now
WhatsApp Channel Join Now

डेली संवाद, जालंधर। Jalandhar News: जालंधर में नगर निगम का चुनाव देर से होगा। क्योंकि अभी न तो सरकार चुनाव करवाने की स्थिति में दिख रही है और न ही विपक्ष तैयार दिख रहा है। जिससे निगम चुनाव में देरी हो सकती है। इसके साथ ही कांग्रेस ने प्रस्तावित वार्डबंदी के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी है। जिससे जानकार बताते हैं कि चुनाव अभी तीन महीने आगे जाएगा।

उधर, बात अगर म्युनिसिपल एक्ट की करें तो निगम हाउस के खत्म होने के 6 माह के भीतर नए हाउस यानि चुनाव होने चाहिए। लेकिन सरकार 6 माह के भीतर चुनाव करवाने में असफल रही है। कायदे से जून से पहले निगम चुनाव होने चाहिए। क्योंकि 24 जनवरी को निगम हाउस खत्म हो गया है। अब बारिश और बाढ़ के बाद सरकार इस पर गौर करेगी।

ये भी पढ़ें: जुआ खेलते जालंधर के मशहूर पैलेस का मालिक गिरफ्तार

दूसरी बात यह है कि नगर निगम के अधिकारी चुनाव प्रक्रिया में देरी की वजह बन रहे हैं। वार्डबंदी आने के बाद जब लोगों ने एतराज जताना शुरू किया तो नगर निगम के कमिश्नर छुट्टी पर चले गए। एक सप्ताह के बाद जब वे छुट्टी से लौटे तो निगम मुलाजिम हड़ताल पर चले गए। अब जब वे हड़ताल से वापस आए हैं तो बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है।

स्थिति यह है कि लोगों द्वारा वार्डबंंदी पर जताए गए एतराज को ही अभी तक नगर निगम के अधिकारी अपने स्तर से दूर हीं नहीं किया है। जिससे अभी तक वार्डबंदी ही फाइनल नहीं हो सकी है। फिलहाल इस पूरे मामले में नया ट्विस्ट उस वक्त आ गया, जब कांग्रेस ने इस के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका लगाई।

जून 2023 से पहले होना था चुनाव

जालंधर नगर निगम का पार्षद हाऊस 24 जनवरी 2023 को खत्म हो गया। नियमानुसार 6 माह के भीतर नए पार्षद हाऊस के लिए चुनाव करवाना चाहिए। बावजूद सत्ताधारी आम आदमी पार्टी सूबे के पांच नगर निगमों में अभी तक चुनाव नहीं करवा सकी। म्युनिसिपल एक्ट के मुताबिक 6 माह के अंदर चुनाव होना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।

कांग्रेस ने लगाई याचिका

कांग्रेस पार्टी ने जालंधर निगम की प्रस्तावित वार्डबंदी को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दे दी है। जिला कांग्रेस के प्रधान तथा पूर्व विधायक राजेंद्र बेरी, पूर्व कांग्रेसी पार्षद जगदीश दकोहा तथा पूर्व विधायक प्यारा राम धन्नोवाली के पौत्र अमन ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई है। इस याचिका को हाईकोर्ट के वकील एडवोकेट मेहताब सिंह खैहरा, हरिंदर पाल सिंह ईशर तथा एडवोकेट परमिंदर सिंह विग पैरवी कर रहे हैं।

याचिका में यह दिया गया तर्क

कांग्रेस द्वारा हाईकोर्ट में लगाई गई याचिका में तर्क दिया गया है कि पंजाब सरकार ने जब डीलिमिटेशन बोर्ड का गठन किया था, उसके सदस्यों को बदला नहीं जा सकता परंतु बोर्ड के सदस्य जगदीश दकोहा तथा अन्य पार्षदों को इस आधार पर हटा दिया गया क्योंकि जालंधर निगम के पार्षद हाऊस की अवधि खत्म होने के बाद वह पार्षद नहीं रह गए थे।

याचिका में कहा गया है कि 5 एसोसिएट सदस्यों को न तो डिलीमिटेशन बोर्ड की बैठक में बुलाया गया और न ही उन्हें बोर्ड से हटाने हेतु कोई नोटिफिकेशन ही जारी किया गया। सरकार ने अपनी ओर से दो सदस्य बोर्ड में मनोनीत कर दिए जबकि सरकार केवल एक ही सदस्य बोर्ड में अपनी ओर से भेज सकती है।

ये भी पढ़ें: पंजाब का कुख्यात गैंगस्टर पुलिस कस्टडी से फरार

याचिका में कहा गया है कि जब डीलिमिटेशन बोर्ड ही अवैध है तो उस द्वारा तैयार की गई वार्डबंदी अपने आप ही गैरकानूनी हो जाती है। याचिका में तर्क दिया गया है कि प्रस्तावित वार्डबंदी में गूगल मैप को आधार बनाया गया है जो आम आदमी की समझ से परे है। इसकी बजाए ड्राफ्ट्समैन से वार्डों की सीमाओं का निर्धारण किया जाना चाहिए था परंतु राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते वार्डबंदी का प्रस्तावित ड्राफ्ट तैयार किया गया।

VIDEO- नूरां सिस्टर्स ने लूट ली महफिल | अली… अली … पर सब को झुमाया















Share This Article
Follow:
महाबीर जायसवाल, डेली संवाद ऑनलाइन में चीफ एडिटर हैं। वे राजनीति, अपराध, देश-दुनिया की खबरों पर दमदार पकड़ रखते हैं। वह 9 सालों से अधिक समय से Daily Samvad (Digital) में चीफ एडिटर के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने पत्रकारिता करियर की शुरुआत क्राइम की खबरों से की, जबकि उनके पास, अमर उजाला, दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण में रिपोर्टिंग से लेकर एडिटर तक 25 साल से अधिक पत्रकारिता का अनुभव है। उन्होंने इलाहाबाद की यूनिवर्सिटी से मास कॉम्यूनिकेशन, बीए और एमए की डिग्री हासिल की है।
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *