डेली संवाद, जालंधर। Jalandhar News: जालंधर में धोगड़ी रोड के इंडस्ट्रियल एरिया में नेहा टोका फैक्ट्री में गायों को कोटने और गौ मांस का कारोबार करने के मामले में नया खुलासा हुआ है। डेली संवाद की टीम द्वारा की गई खोजबीन में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। सबसे हैरानी की बात तो यह है कि नेहा टोका फैक्ट्री को खुद उनके मालिकों वैभव दीवान और उनके पिता बाल कृष्ण दीवान ने मांस कारोबार के अपनी फैक्ट्री को लिए लीज पर दिया था।
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पुलिस को भी यह पता था कि इस फैक्ट्री में मांस का कारोबार होता है, लेकिन पुलिस ने कभी भी चैकिंग की जहमत नहीं उठाई। हैरानी की बात तो यह है कि 15 दिन बीतने के बाद भी पुलिस ने फैक्ट्री मालिक वैभव दीवान और उनके पिता बाल कृष्ण दीवान पर कोई कार्रवाई नहीं की। जबकि दीवान पिता-पुत्र मांस कारोबारियों से हर माह 1.80 लाख रुपए किराए के रूप में हासिल कर रहे थे।
डेली संवाद द्वारा की गई खोजबीन में यह भी पता चला है कि गायों को काटने और गौ मांस के कारोबार करने के पीछे जालंधर के दो बड़े इंडस्ट्रियलिस्ट का नाम शामिल है। पुलिस ने जिन 13 लोगों को पकड़ा है, उसमें ज्यादातर बांग्लादेशी हैं। ये बांग्लादेशी गायों को काटने और मांस को उक्त फैक्ट्री में स्टोरेज करते थे, बाद में इसे पंजाब समेत देश के कई हिस्सों व विदेश में एक्सपोर्ट किया जाता था।
जालंधर के बस्ती शेख के व्यक्ति ने ली गारंटी
खोजबीन में यह भी पता चला है कि जालंधर के बस्तियात इलाके के एक बड़े सख्श ने नेहा टोका फैक्ट्री के मालिक और गौ मांस का कारोबार करने वाले यूपी के गौ हत्य़ारों से मोटी कमीशन खाई। क्योंकि बस्तियात इलाके के इस सख्श ने गौ हत्यारों की गारंटी ली थी। बता जा रहा है कि नेहा टोका फैक्ट्री में जालंधर के दो बड़े इंडस्ट्रियलिस्ट पार्टनर हैं। जबकि असली मालिक वैभव आनंद और उसका पिता बाल कृष्ण आनंद हरियाणा के नरवाना में रह रहे हैं।
आखिर कौन है शिवम राजपूत
नेहा टोका फैक्ट्री के मालिक पर मेहरबान पुलिस ने यह भी पता लगाने की कोशिश नहीं की कि जिस व्यक्ति को वैभव दीवान ने मांस कारोबार के लिए अपनी फैक्ट्री लीज पर दी, आखिर वह कौन है? डेली संवाद ने अपनी खोजबीन में पता लगाया है कि गौ मांस का कारोबार को करने के लिए बड़े ही सुनियोजित ढंग से एक फाइल तैयार की गई। नेहा टोका फैक्ट्री के मालिक वैभव दीवान के साथ शिवम राजपूत नामक व्यक्ति ने लीज डीड साइन किया।
शिवम राजपूत ने अपना पता दिल्ली का लिखवाया। स्टैंप पेपर लुधियाना से खरीदा और लीड जालंधर में तैयार करवाई गई। जालंधर में बस्ती शेख के रहने वाले एक बड़े शख्स ने पूरी डील करवाई और गौ मांस का कारोबार शुरू करवाया। यही नहीं, इस पर नजर रखने के लिए वैभव दीवान ने अपने पुराने सिक्योरिटी गार्ड को ही फैक्ट्री के बाहर पहरे पर बैठाया। यानि कि सबकुछ वैभव दीवान की देखरेख में चल रहा था।
यह है मामला
जालंधर के धोगड़ी रोड के इंडस्ट्रियल एरिया में एक पुरानी फैक्ट्री में गौ मांस का व्यापार किया जाता था। यह फैक्ट्री नेहा टोका के नाम से पहले चल रही थी। एडवांस टूल्स फैक्ट्री के बिल्कुल सामने बंद पड़ी इस फैक्ट्री में गौ मांस का बिजनेस किया जाता था। इसका पर्दाफाश कुछ हिन्दू संगठनों ने किया था। पुलिस ने 6 अगस्त को छापा मारकर यहां से बांग्लादेशी समेत 13 मुसलमानों को गिरफ्तार किया था।
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उधर, इस संबंध में नेहा टोका फैक्ट्री के मालिक वैभव आनंद और उनके पिता बाल कृष्ण आनंद ने डेली संवाद को फोन पर बताया है कि उन्होंने मांस के कोल्ड स्टोरेज के लिए फैक्ट्री को दिल्ली के शिवम राजपूत को लीज पर दी थी। लीज डीड में साफ लिखा है कि गौ मांस को उक्त जगह स्टोर नहीं कर सकते हैं। अगले पार्ट में पढ़ें – कौन इंडस्ट्रिय़लिस्ट करवाता था गौ मांस का कारोबार, बस्ती शेख का बिचौलिया बड़ा सख्श कौन है? पुलिस और वैभव के बीच कितनी बार हुई है बातचीत और पुलिस वैभव को क्यों नहीं कर रही है गिरफ्तार? पढ़ते रहें डेली संवाद