Canada News: पंजाब के Travel Agents और Immigration कंपनियों को लेकर कनाडा सरकार ने लिया बड़ा फैसला, पढ़ें

Daily Samvad
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डेली संवाद, नई दिल्ली। Canada News: भारत के ट्रैवल एजैंटों को कनाडा सरकार ग्रेडिंग करने जा रही है। खासकर पंजाब, चंडीगढ़ और दिल्ली में काम कर रहे ट्रैवल एजैंटों और इमीग्रेशन कंपनियों की सारी डिटेल कनाडा सरकार हासिल कर रही है, जिससे इनकी ग्रेडिंग हो सके।

भारत और कनाडा के बीच तनाव के बाद कनाडा सरकार ने नए बदलाव में फैसला लिया है कि जो स्टडी इमिग्रेशन कंपनी ईमानदारी से अच्छा काम करेगी, उनको शॉर्ट लिस्ट किया जाएगा और ऐसे संस्थानों के विद्यार्थियों को जल्दी वीजा दिया जाएगा। ऐसे संस्थानों को चिन्हित कर उनके द्वारा आए आवेदन के विद्यार्थियों को कतार के आखिर में नहीं खड़ा होने पड़ेगा।

फर्जी ट्रैवल एजैंटों पर लगेगा लगाम

यह फैसला कनाडा सरकार ने इसलिए लिया है क्योंकि भारत में एजेंटों ने फर्जीवाड़ा शुरू कर कॉलेजों के फर्जी लेटर तैयार करने शुरू कर दिए थे और हाल ही में 103 विद्यार्थी की फाइल में फर्जी लेटर पाए गए।

नए वीजा नियमों के तहत, कनाडा में किसी भी कॉलेज या विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए अध्ययन परमिट जारी करने से पहले प्रवेश पत्र को उस कॉलेज या विश्वविद्यालय द्वारा सत्यापित किया जाएगा। वहां से सत्यापन के बाद ही छात्रों को स्टडी वीजा जारी किया जाएगा।

कनाडा के आव्रजन मंत्री मार्क मिलर ने कहा कि कई बार तो छात्रों को भी इस धोखाधड़ी के बारे में पता नहीं चल पाता है। ऐसे में हम भी छात्रों की मदद करेंगे। उन्होंने कहा कि मैं पिछले कई हफ्तों में कई अंतरराष्ट्रीय छात्रों से मिला हूं और उन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

उन्होंने कहा कि असली छात्रों को किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी जबकि फर्जी छात्रों को कनाडा में दाखिला नहीं दिया जाएगा। इसके लिए ट्रेवल एजेंटों की ग्रेडिंग की जाएगी। सारा खेल एजेंटों द्वारा चलाया रहा है।

450 छात्रों के पास मिला फर्जी एडिमट कार्ड

आईआरसीसी टास्क फोर्स ने पहले ही फर्जी एडमिट कार्ड वाले 1500 से अधिक छात्र वीजा आवेदनों की पहचान कर ली है। इसमें से 450 छात्र फर्जी एडमिट कार्ड के सहारे किसी तरह कनाडा पहुंच गए। इनमें से 263 मामलों की जांच की जा रही है, जिनमें से 63 मामले असली और 103 मामले फर्जी पाए गए हैं।

इनमें से करीब 25 मामले पंजाब के छात्रों से भी जुड़े हैं। अब फर्जी छात्रों को डिपोर्ट किया जाएगा। जालंधर के वीजा कंसल्टेंट द्वारा भेजे गए 700 छात्रों का मामला अलग है, जिसकी अलग से जांच चल रही है। आने वाले महीनों में आईआरसीसी पोस्ट-ग्रेजुएशन वर्क परमिट प्रोग्राम मानदंडों का मूल्यांकन पूरा करेगा और कनाडाई श्रम बाजार की जरूरतों के साथ-साथ आव्रजन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए इसे बेहतर ढंग से करने के लिए सुधार शुरू करेगा।















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