Samrat City Jaladhar Scam: जालंधर स्मार्ट सिटी महाघोटाले का मामला पहुंचा केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल के पास, CBI जांच की मांग

Daily Samvad
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डेली संवाद, जालंधर। Samrat City Jaladhar Scam: जालंधर स्मार्ट सिटी के महाघोटाले की फाइल केंद्रीय कानून मंत्री अर्जनराम मेघवाल के पास पहुंची है। इसकी सीबीआई जांच की मांग की है। इसे लेकर भाजपा ने आज एक प्रेस कांफ्रेंस की है। जिसमें भाजपा ने पिछली कांग्रेस और मौजूदा AAP सरकार पर बड़े आरोप लगे हैं।

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भाजपा के जिला प्रधान और पूर्व पार्षद सुशील शर्मा ने कहा कि पिछली कांग्रस की सरकार ने जालंधर नगर निगम के स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के लिए करीब 1 हजार करोड़ रुपए में जमकर घोटाला किया। इस रकम से एल.इ.डी प्रोजेक्ट, शहर के कुछ चौक, कुछ पार्क, फ्लाईओवर के नीचे सौंदर्यीकरण करने, स्मार्ट सड़कें बनाने जैसे अलग-अलग काम होने थे।

अर्जनराम मेघवाल के पास पहुंची फाइल

सुशील शर्मा ने कहा कि जालंधर नगर निगम अधिकारियों, कुछ नेताओं, ठेकेदारों की तिकड़ी ने रिटायर्ड अधिकारियों को तैनात कर हर विकास प्रोजैक्टों मे खुलकर भ्रष्टाचार किया। जिसको लेकर जालंधर भाजपा ने आम आदमी पार्टी एवं कांग्रेस का भ्रष्टाचार को लेकर गठजोड बताकर भारत सरकार के केंद्रीय कानून मंत्री व जालंधर लोकसभा के इंचार्ज अर्जुनराम मेघवाल को लिखित शिकायत की है।

प्रधान सुशील शर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय भाजपा प्रवक्ता जयवीर शेरगिल, पूर्व मेयर राकेश राठौर, पूर्व मुख्य संसदीय सचिव के.डी भंडारी व अविनाश चंद्र, पूर्व विधायक सरबजीत मक्कड़, इंद्रइकबाल सिंह अटवाल (रिंकू), सीवरेज बोर्ड के पूर्व चेयरमैन विनोद शर्मा समेत अन्य भाजपा नेताओं ने जांच सी.बी.आई अथवा केंद्रीय विजिलेंस कमीशन से करवाने की अपील की है।

60 करोड़ अपने चहेते ठेकेदारों को टैंडर

जिला प्रधान सुशील शर्मा ने प्रेस को शिकायत की कॉपी जारी करके की है। शर्मा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने भ्रष्टाचार के चलते 40 करोड़ के प्रोजेक्ट को भ्रष्टाचार करने के लिए 60 करोड़ का कर अपने चहेते ठेकेदारों को टैंडर दिया। जिन्होंने कंपनी ब्रांड की लाइट्स दिखा टैंडर लिया जिसके बाद सबने आपस मे मिल कर घटिया क्वालिटी की एल.इ.डी लाइट्स सैंकड़ों जगह ना लगाकर पैसे वसूल किए है।

इतना ही नही शहर के प्रमुख चौंक व फ्लाईओवरो के नीचे सौंदर्यीकरण के काम के लिए करीब 40 करोड़ रुपए से ज़्यादा खर्चा किया जा चुका है। परंतु एक भी पार्क सुंदर नहीं बना अर्बन एस्टेट पार्क मे लगी टाइल्स टूट गई और सरदार बेंअंत सिंह, निविया एवं अन्य पार्क में विकास के नाम पर सिर्फ़ भ्रष्टाचार हुआ है।

पांच किलोमीटर स्मार्ट सड़क बनाने के लिए 50 करोड़

भाजपा नेताओं ने बताया कि केवल पांच किलोमीटर स्मार्ट सड़क बनाने के लिए 50 करोड़ रुपए खर्च किए पर वर्कशॉप शॉप चौंक मे केवल 1 किलोमीटर सड़क बनाने मे नगर निगम ने 11 करोड़ खर्च दिया पर दो बार सड़क धस गयी जिस पर भ्रष्टाचारी निगम अधिकारी नेता एवं ठेकेदार चुप कर बैठे और दिखावे के लिए ठेकेदार पर कारवाई करने की बजाए एल एंड टी कंपनी को लाखों रुपए जुर्माना कर दिया।

भाजपा नेताओं ने शिकायत मे इस बात का भी जिक्र किया है कि कूड़े के डंपों पर प्रोसेसिंग मशीने नही लगी, रोड स्वीपिंग मशीन पर खर्चा करोड़ों रुपए बर्बाद होने जैसे स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट मे हुए हर विकास कार्य की जांच करवाने की अपील की है। भाजपा नेताओ ने यह भी अपील की है स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट मे नगर निगम से रिटायर्ड अधिकारियों को भी दोबारा गलत तरीक़े से तैनात करवाया गया था।

क्वालिटी एवं रेट की भी गहराई से जांच हो

उस सारी प्रक्रिया की जाँच के साथ-साथ उनकी देख रेख मे जो भी कार्य हुए है। उन सब कार्यो की क्वालिटी एवं रेट की भी गहराई से जांच हो। इस अवसर पर जिला भाजपा महामंत्री अशोक सरीन हिक्की, राजेश कपूर, अमरजीत सिंह गोल्डी, जिला प्रवक्ता सन्नी शर्मा, सोशल मीडिया इंचार्ज दिनेश मल्होत्रा, कैशियर हितेश स्याल व अन्य मौजूद थे।

कांग्रेस के भ्रष्टाचार की 64 फाइलें विजिलेंस दो साल से दबाई

भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया कि खुद को कट्टर ईमानदार बताने वाली आम आदमी पार्टी के नेता स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट मे भ्रष्टाचार करने वाले भ्रष्टाचारी कांग्रेसी नेताओं, निगम अधिकारियों व ठेकेदारों की मिलीभगत से अलग-अलग प्रोजेक्टों मे हुए भ्रष्टाचार को लेकर करीब पिछले दो सालों से आम आदमी पार्टी की सरकार की देख रेख मे अलग-अलग 64 प्रोजेक्ट की फाइल विजिलेंस विभाग के पास पड़ी है।

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जिन पर कारवाई करने की बजाए आम आदमी पार्टी के विधायक, सांसद, चेयरमैन एवं नेता सभी निगम अधिकारियों, ठेकेदारों समेत भ्रष्ट नेताओं को डरा कर जबरन वसूली कर रहे है। इसलिए इस बात की भी जांच हो कि 20 महीनों मे विजिलेंस विभाग के किस अधिकारी ने क्या-क्या किस-किस तरह की जांच किस पर की और इतनी लंबी जांच के बाद कोई ठोस कानूनी नजर क्यों नही आ रही है।

इसलिए अगर इस मामले मे विजिलेंस विभाग के भी किसी अधिकारी ने किसी नेता और भ्रष्टाचारी को बचाने की नीयत से देरी की है तो उस पर भी सी.बी.आई और केंद्रीय विजिलेंस कमीशन से कारवाई करवाने की अपील की है।

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