डेली संवाद, लुधियाना। Farmers Protest: पूर्व मंत्री और शिरोमणी अकाली दल के वरिष्ठ नेता सरदार महेशइंदर सिंह ग्रेवाल ने आज आरोप लगाया है कि केंद्र ने 2021 में अपना साल भर का आंदोलन वापिस लेने के बाद किसानों से किए गए वादों से मुकरकर उन्हें धोखा दिया है।
ठंडे बस्ते में डाला MSP का वादा
सरदार ग्रेवाल ने आरोप लगाते हुए कहा कि पंजाब पर आर्थिक नाकेबंदी करने से राज्य का कारोबार तबाह हो रहा है। यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए सरदार ग्रेवाल ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने एमएसपी प्रणाली को कानूनी गारंटी देने के लिए एक कमेटी गठित करने का वादा किया था, लेकिन यह वादा अब दो साल से अधिक समय से ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।
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केंद्र के इस बहाने पर सवाल उठाते हुए कि किसान संगठनों ने कमेटी के लिए अपने प्रतिनिधियों को नामित नही किया, पूर्व मंत्री ने कहा,‘‘ यह (केंद्र) किसानों द्वारा अपने प्रतिनिधियों को नामित करने का इंतजार करने के बजाय सीधे किसानों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित कर सकता था।’’
सरदार ग्रेवाल ने सभी किसान संगठनों और उनके नेताओं से अपने व्यक्तिगत मतभेदों को नजरअंदाज करके संयुक्त रूप से काम करने के लिए एकजुट होने की अपील करते हुए कहा कि इससे किसान समुदाय का हित दांव पर लगा हुआ है।
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वरिष्ठ अकाली नेता ने आरोप लगाते हुए केंद्र, हरियाणा और पंजाब सरकारों पर किसानों के खिलाफ दोस्ताना मैच खेलने का आरोप लगाते हुए कहा कि पंजाब पर आर्थिक नाकेबंदी कर दी है, जिससे राज्य को सैंकड़ों करोड़ रूपये का नुकसान हुआ है।
पूर्व मंत्री ने खुलासा किया कि राज्य पर लगाए गई आर्थिक नाकेबंदी के कारण पंजाब को अब तक 1000 करोड़ रूपये का नुकसान हो चुका है। उन्होंने कहा कि यह किसान नही हैं जिन्होंने सड़कें रोकी, बल्कि हरियाणा सरकार ने पंजाब का रास्ता रोका है जिनका मकसद शांतिपूर्वक विरोध कर रहे किसानों का अकस खराब कर उनके प्रति रोष पैदा करना है।






