डेली संवाद चंडीगढ़। Masala Ban: इस समय देश में मसालों को लेकर बहस छिड़ी हुई है। बीते दिनों सिंगापुर और हांगकांग में दो लोकप्रिय भारतीय ब्रांडों की ब्रिकी पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
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दरअसल कई मसालों में हांगकांग ने कार्सिनोजेनिक कीटनाशक एथिलीन ऑक्साइड की कथित पहचान के बाद ये कदम उठाया है। मसाला ब्रांड एवरेस्ट और एमडीएच के कुछ मसालों पर हांगकांग एवं सिंगापुर में बैन लग गया है।
वस्तुओं में एथिलीन ऑक्साइड पाया गया
वहीं अब भारत में भी इसे लेकर बहस छिड़ गई है। इस बीच एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत से यूरोप एक्सपोर्ट की जाने वाली 500 से ज्यादा वस्तुओं में एथिलीन ऑक्साइड पाया गया है। बता दे कि एथिलीन ऑक्साइड को खेती में उत्पादों को फंगस से बचाने के लिए उपयोग किया जाता है।
फूड आइटम्स की जांच की
यूरोपीय यूनियन की फूड सेफ्टी अथॉरिटी ने सितंबर 2020 से अप्रैल 2024 के बीच भारत से इंपोर्ट किए जाने वाले फूड आइटम्स की जांच की और 527 प्रोडक्ट्स में कार्सिनोजेनिक एथिलीन ऑक्साइड पाया गया। इससे पहले 2020-21 में भी यूरोपीय यूनियन भारत समेत कई अन्य देशों से इंपोर्ट की गई 468 वस्तुओं में एथिलीन ऑक्साइड होने की जानकारी दी थी।
काली मिर्च और अश्वगंधा भी शामिल
एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक भारत से मंगाए गए 527 फूड प्रोडक्ट्स में से 313 ड्राई फ्रूट्स और तिल से बने आइटम्स, 60 तरह की जड़ी-बूटियों और मसाले, 48 डायट्री फूड और सप्लीमेंट आइटम्स और बाकी 34 अन्य प्रोडक्ट्स में भी कैंसर पैदा करने वाले केमिकल मिले हैं। इनमें से तिल, काली मिर्च और अश्वगंधा जैसी वे वस्तुएं भी शामिल हैं जिन पर ‘ऑर्गेनिक’ का लेबल लगा हुआ था।
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इसके साथ ही कुछ फूड प्रोडक्ट्स ऐसे भी हैं जिनसे इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाने का दावा किया जाता है। इनके अलावा कई प्रोडक्ट ऐसे हैं जो अनाज, फल और सब्जियां, सूप, आइसक्रीम और मीट की श्रेणी में भी आते हैं। इनमें भी एथिलीन ऑक्साइड पाया गया है। एथिलीन ऑक्साइड पाए जाने के बाद यूरोपियन यूनियन ने 87 प्रोडक्ट्स को बॉर्डर पर ही रिजेक्ट कर दिया।
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