डेली संवाद, लुधियाना। Emergency Movie Controversy: शिरोमणी अकाली दल (Shiromani Akali Dal) ने आज आरोप लगाया है कि ‘इमरजेंसी’ (Emergency) फिल्म सिख समुदाय और पंजाब को बदनाम करने की गहरी साजिश है और साथ ही पार्टी ने जोर देकर कहा कि यदि निर्माता उस दौर की असली स्थिति दिखाने के प्रति गंभीर है तो पार्टी के 19 महीने कें संघर्ष को फिल्म में शामिल किया जाना चाहिए।
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यहां एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए वरिष्ठ अकाली नेता सरदार महेशइंदर सिंह ग्रेवाल ने कहा कि यह बेहद निंदनीय है कि फिल्म कें ‘ट्रेलर’ में निर्माताओं ने संत जरनैल सिंह भिंडरावाले को आतंकवादी के रूप में पेश किया है, जबकि ऐतिहासिक तत्थों के अनुसार जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी लगाई थी, तब वह 1975 के दौरान टकसाल के सेवादार थे।
ऐतिहासिक तथ्यों को गलत तरीके से पेश करना एक गंभीर मुद्दा
सरदार महेशइंदर सिंह ग्रेवाल ने कहा कि ऐतिहासिक तथ्यों को गलत तरीके से पेश करना एक गंभीर मुद्दा है और ऐसा लगता है कि यह पंजाब और विशेष रूप से सिख समुदाय को बदनाम करने की गहरी साजिश का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि शिरोमणी अकाली दल ने 19 महीने तक ‘आपातकाल’ के खिलाफ आंदोलन किया और इस विरोध प्रदर्शन के तहत रोजाना एक जत्था गिरफ्तारियां देता रहा।
एक भी बूंद का खून-खराब नहीं हुआ
उन्होंने कहा कि एक भी बूंद का खून-खराबा नही हुआ, लेकिन यह दिखाने की कोशिश की गई कि इमरजेंसी के दौरान बड़े पैमाने पर खून-खराबा हुआ, जोकि पूरी तरह से गलत और असत्य है। सरदार ग्रेवाल ने कहा कि अगर फिल्म निर्माता वास्तव में ‘इमरजेंसी के दौरान जो कुछ हुआ उसे दिखाने के लिए गंभीर है तो अकाली दल द्वारा 19 महीने तक चलाए गए आंदोलन और उन सभी लोगों के वास्तविक तथ्रूों को शामिल हरना चाहिए जिन्हे आपातकाल का विरोध करने पर इंदिरा गांधी ने जेल में डाल दिया।
अकाली दल फिल्म द्वारा गढ़ी जा रही झूठी कहानी का विरोध करेगा ताकि आने वाली पीढ़ियां गुमराह न हों। सरदार ग्रेवाल ने कहा कि अकाली दल सेंसर बोर्ड से अनुरोध करेगा कि गलत ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित किसी भी फिल्म को मंजूरी न दे। उन्होंने कहा कि समय की मांग है कि लोगों के सामने वास्तविक तथ्य पेश किए जाने और कंगना रनौत (Kangana Ranaut) को भी ऐसा ही करना चाहिए।