Canada News: पंजाबियों को क्यों भा रहा है डंकी रूट? जान जोखिम में डालकर क्यों जाते हैं विदेश? पढ़ें पूरी स्टोरी

Daily Samvad
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डेली संवाद, कनाडा/लुधियाना। Canada News: भारतीयों की विदेश में कनाडा (Canada) जाना हमेशा से पहली पसंद रही है। हर साल सैकड़ों भारतीय कनाडा (Canada) जाते है। मगर पिछले साल से इसमें काफी गिरावट आई है। शहर में ट्रैवल इंडस्ट्री (Travel Industry) और आईलेट्स कोचिंग (IELTS Coaching) व्यवसाय अबतक धमाकेदार तरीके से कारोबार कर रहे थे, लेकिन अब धीरे-धीरे सब खत्म हो गया।

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एक समय था, जब ट्रैवल एजेंट (Travel Agent) के पास खाना खाने का वक्त तक नहीं होता था। मगर अब स्थिति यह है कि कोई दफ्तर में ताले पड़ चुके हैं। इसके लिए वह कनाडा (Canada) को जिम्मेदार मानते हैं। एक साल पहले भी विदेश जाने के इच्छुक विद्यार्थियों में आईलेट्स की कोचिंग की होड़ मची हुई थी। हालात यह हो चुके थे कि सुबह से लेकर रात तक बैच में सैकड़ो बच्चे पढ़ते थे।

Canada Visa
Canada Visa

एक दशक पुराना कोचिंग सेंटर बंद करना पड़ा

मगर इस साल एक कोचिंग सेंटर में सिर्फ़ 10-15 छात्रों ने ही नामांकन कराया और उनमें से ज़्यादातर ने बीच में ही कोर्स छोड़ दिया है। हालत यह हो गई है कि कई को अपना एक दशक पुराना कोचिंग सेंटर बंद करना पड़ा।

कनाडा (Canada) और भारत (India) के बीच बढ़ते तनाव, वीज़ा (VISA) अस्वीकृतियों में बढ़ोतरी और जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा प्रवासियों के प्रवाह को रोकने के लिए अपनाई जा रही कठोर नीतियों ने पंजाब-कनाडा (Punjab-Canada) के सपने को धूमिल कर दिया है।

Justin Trudeau, Prime Minister, Canada
Justin Trudeau, Prime Minister, Canada

कोचिंग वॉल्यूम में गिरावट आई

कोचिंग सेंटरों से लेकर वीज़ा सलाहकारों और एजेंटों तक सैकड़ों व्यवसायों को अपनी दुकानें बंद करनी पड़ी हैं। इंडस्ट्री के जानकारों के मुताबिक पिछले कुछ महीनों में उद्योग के आईलेट्स कोचिंग वॉल्यूम में लगभग 80 प्रतिशत की गिरावट आई है, जबकि वीजा प्रोसेसिंग सेवा की आवश्यकताओं में 60-70 प्रतिशत की कमी आई है।

अनुमान है कि दिसंबर 2023 से अब तक पंजाब में लगभग 35 प्रतिशत वीजा इमिग्रेशन केंद्र बंद हो चुके हैं। इस साल की शुरुआत में नीतियों में संशोधन के बाद से कनाडा जाने की लागत 22-23 लाख रुपये से बढ़कर 37 लाख रुपये हो गई है। इसी वजह से छात्रों ने अब विदेश में पढ़ाई करने की योजना छोड़ दी है।

कोरोना काल के बाद आया था बूम

कनाडा जाने का क्रेज कम होने में बेरोज़गारी बड़ा कारण मानी जा रही है। कनाडा में बढ़ती हुई बेरोजगारी की खबरों के चलते पंजाबियों को वेट एंड वाच की स्थिति में डाल दिया है। मंदी इस कदर है कि आईलेट्स सेंटर, एयर टिकट, पासपोर्ट एजेंट, वीजा एजेंट सबके ऑफिस खाली पड़े हैं।

बड़े बड़े ऑफिस वालो के पास स्टाफ को सैलरी देने के पैसे तक नहीं हैं। 500 फ़ोन करने पर भी कोई रिस्पॉन्स नहीं मिल रहा है। अच्छे स्टूडेंट अब देश के कॉलेजों में ही दाखिला करवाना अच्छा समझ रहे हैं, ताकि माँ बाप की 25 लाख की कमाई खराब न हो।

अगर मंदा इसी कदर हावी रहा तो आनी वाले कुछ महीनो में आधे से ज्यादा ट्रेवल एजेंट का बोरिया बिसरता गोल हो जायेगा, क्योंकि एजेंटो ने अपने ऑफिस इतने आलीशान बनाये हुए हैं, जिसके खर्चे निकल पाना उनके बस की बात नहीं पर ठग ट्रेवल एजेंटो को कोई फर्क नहीं वो पहले की तरह आज भी लोगो से ठगी मार रहे हैं।

पंजाबियों को भाने लगा डंकी मार्ग

कनाडा का बुलबुला अब खट्टा हो गया है। यह अब सपनों की गाथा है, जो अगर खत्म नहीं हुई तो टाली जा सकती है। वीज़ा अस्वीकृतियों में वृद्धि और जीवन-यापन की बढ़ती लागत ने भी इसमें भूमिका निभाई है। इसी साल की शुरुआत में 24 जनवरी कनाडा ने विदेशी छात्रों के प्रवेश को 3.6 लाख तक सीमित करने का बड़ा फैसला लिया।

इससे 2023 के मुकाबले आवेदनों में 35 प्रतिशत की तीव्र कमी आई। इसके अलावा प्रत्येक प्रांत में स्नातक छात्रों की सीमा भी तय की गई। ओटावा ने यह भी घोषणा की कि लाइसेंस प्राप्त पाठ्यक्रम प्रदान करने वाले निजी कॉलेजों में नामांकित अंतर्राष्ट्रीय छात्र अपनी डिग्री पूरी करने के बाद वर्क परमिट के लिए पात्र नहीं होंगे और स्नातक छात्रों के जीवनसाथी के वीज़ा रद्द कर दिए गए।

Canada News
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दूसरी तरफ भारतीयों ने अवैध रूप से देशों में प्रवेश करने के लिए ‘डंकी’ मार्ग अपनाना शुरू कर दिया। दिसंबर 2023 से 5,000 से अधिक भारतीय अवैध रूप से कनाडा की सीमा से संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रवेश कर चुके हैं, जो कुख्यात मेक्सिको सीमा से देश में प्रवेश करने वाले लोगों की संख्या से अधिक है। यूनाइटेड किंगडम में ‘बंदरगाह पर’ शरण मांगने वाले भारतीयों की संख्या भी आसमान छू रही है।

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महाबीर जायसवाल, डेली संवाद ऑनलाइन में चीफ एडिटर हैं। वे राजनीति, अपराध, देश-दुनिया की खबरों पर दमदार पकड़ रखते हैं। वह 9 सालों से अधिक समय से Daily Samvad (Digital) में चीफ एडिटर के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने पत्रकारिता करियर की शुरुआत क्राइम की खबरों से की, जबकि उनके पास, अमर उजाला, दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण में रिपोर्टिंग से लेकर एडिटर तक 25 साल से अधिक पत्रकारिता का अनुभव है। उन्होंने इलाहाबाद की यूनिवर्सिटी से मास कॉम्यूनिकेशन, बीए और एमए की डिग्री हासिल की है।
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