डेली संवाद, अमृतसर। Kunwar Vijay Pratap Singh Suspended News: पंजाब के पूर्व पुलिस अधिकारी कुंवर विजय प्रताप सिंह (Kunwar Vijay Pratap Singh) के बारे में लोग काफी कुछ जानते हैं। पुलिस की नौकरी छोड़ आम आदमी पार्टी (AAP) में कुंवर विजय प्रताप सिंह ने अमृतसर (Amritsar) नॉर्थ से चुनाव लड़ा और MLA बने। अब AAP ने कुंवर को पार्टी से 5 साल के लिए सस्पेंड कर दिया है।
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विधायक कुंवर विजय प्रताप सिंह (Kunwar Vijay Pratap Singh) पर अनुशासनहीनता और पार्टी के विपरीत चलने के आरोप लगे हैं। पार्टी की पॉलिटिकल अफेयर कमेटी ने यह निर्णय लिया है। कुवंर विजय प्रताप सिंह (Kunwar Vijay Pratap Singh) ने IG के पद से इस्तीफा देकर 2022 में AAP के टिकट पर चुनाव लड़ा था। वह अमृतसर में होने वाले AAP के कार्यक्रमों में भी नजर नहीं आते थे।
जिस मृत्यु से सारी दुनिया डरती है, उसी मृत्यु में मुझे आनंद मिलता है
कुंवर विजय प्रताप सिंह (Kunwar Vijay Pratap Singh) मूल रूप से बिहार (Bihar) के जिले गोपालगंज के रहने वाले हैं। कुछ दिन पहले उन्होंने शिरोमणि अकाली दल (SAD) के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया के पक्ष में बयान दिया था। इस सस्पेंशन के बाद कुंवर ने सोशल मीडिया पर लिखा, “जिस मृत्यु से सारी दुनिया डरती है, उसी मृत्यु में मुझे आनंद मिलता है।”
AAP प्रवक्ता नील गर्ग ने कहा कि पूरा पंजाब मजीठिया पर हो रही कार्रवाई की प्रशंसा कर रहा है, लेकिन कुंवर विजय प्रताप ने इस पर सवाल उठाए हैं। जब पंजाब से नशे को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है, तो इस तरह के सवाल उठाना सही नहीं है। यह सब बर्दाश्त के बाहर था।
मैं मजीठिया से असहमत था, आज भी हूं
कुंवर विजय प्रताप (Kunwar Vijay Pratap Singh) ने सोशल मीडिया पर लिखा- जब मजीठिया 2022 में नशा मामले में जेल में थे, तब मान (CM भगवंत मान) सरकार ने न तो उनसे पूछताछ की, न ही कोई चालान पेश किया और बाद में उन्हें जमानत मिल गई। बरगाड़ी बेअदबी मामले में भी न्याय के समय सरकार ने आरोपियों के परिवार से समझौता कर लिया।
कुंवर ने लिखा कि मैं मजीठिया से पहले भी असहमत था और आगे भी रहूंगा, लेकिन परिवार की इज्जत सभी की साझी होती है, चाहे वह नेता हो या अभिनेता, अमीर हो या गरीब, दोस्त हो या विरोधी।
किसी के घर रेड डालना नीति के विरुद्ध
विधायक कुंवर विजय प्रताप सिंह (Kunwar Vijay Pratap Singh) ने आगे लिखा- सुबह-सुबह किसी के घर पर रेड डालना नीति के विरुद्ध है। लगभग हर आने वाली सरकार ने पुलिस और विजिलेंस का अपने हित में दुरुपयोग किया है, लेकिन इसका कोई स्पष्ट नतीजा सामने नहीं आया।
उन्होंने लिखा कि मैं किसी से राजनीतिक मतभेद रख सकता हूं, वैचारिक अंतर हो सकता है, लेकिन जब बात नीति, धर्म और परोपकार की हो तो उस पर चर्चा करना आवश्यक हो जाता है।
रेड डालकर इज्जत से खेला जा रहा
MLA कुंवर विजय प्रताप (Kunwar Vijay Pratap Singh) का कहना था- जब मजीठिया साहब कांग्रेस सरकार के समय दर्ज मामले में हिरासत में थे, उस समय मान सरकार की प्रणाली ने उन्हें जमानत दिला दी। हाईकोर्ट ने यह कहते हुए जमानत दी कि यदि पुलिस को पूछताछ की जरूरत नहीं है, तो किसी को हिरासत में रखना कानून के विरुद्ध है।
मैं कहता हूं कि जब वह हिरासत में थे तो सरकार ने उन्हें बेल दिलवाई और अब नोटिस को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। आज उनके घर की रेड हो रही है और एक मल्टी-डॉटर (अनेक बेटियों वाले परिवार) की इज्जत से खेला जा रहा है। दोबारा स्पष्ट कर दूं कि मजीठिया से मेरे वैचारिक मतभेद थे और हैं, लेकिन यह मुद्दा नीति और उदारता से जुड़ा है।
MLA बनने के साथ ही दिखे विरोधी सुर
कुंवर विजय प्रताप सिंह (Kunwar Vijay Pratap Singh) की पार्टी से नाराजगी और दूरी 2022 विधानसभा चुनाव के तुरंत बाद ही नजर आने लगी थी। उन्होंने 2022 में 2 अफसरों के ट्रांसफर और पोस्टिंग पर सवाल उठाते हुए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया था। हालांकि, कुछ देर बाद ही उस पोस्ट को एडिट भी कर दिया।
विजय प्रताप ने पोस्ट में बिना नाम लेते हुए दो सीनियर आईपीएस अधिकारियों प्रबोध कुमार को विशेष डीजीपी (इंटेलिजेंस) बनाए जाने और अमृतसर के पुलिस कमिश्नर बने अरुण पाल सिंह की पोस्टिंग पर सवाल उठाए थे। उनका आरोप था कि ये दोनों ही बड़े राजनीतिक परिवारों के पक्षधर थे। बरगाड़ी-बहबल-कोटकपूरा मामले में न्याय न मिलने के लिए ये दोनों अधिकारी जिम्मेदार थे।
बरगाड़ी गोलीकांड पर विरोध
कुंवर विजय प्रताप (Kunwar Vijay Pratap Singh) बरगाड़ी गोलीकांड की जांच कर चुके हैं। वह IG रहते हुए केस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) के प्रमुख थे। उन्होंने मान सरकार पर आरोप लगाया था कि वह दोषियों को सजा दिलाने में इच्छाशक्ति नहीं दिखा रही। वह खुलकर कैप्टन अमरिंदर सिंह की आलोचना करते थे, लेकिन AAP सरकार से भी नाखुश दिखाई दिए।