डेली संवाद, चंडीगढ़। Punjab Vidhan Sabha Session: पंजाब (Punjab) के मुख्य मंत्री भगवंत सिंह मान (Bhagwant Mann) ने पिछले कुछ दशकों से कांग्रेस और भाजपा की फूट डालने वाली नीतियों के लिए दोनों पार्टियों पर आज जमकर हमला बोलते हुए कहा कि यदि ये पार्टियां देश के प्रति ईमानदारी से काम करें तो हमारा देश हर क्षेत्र में बेमिसाल तरक्की का गवाह बन सकता है।
एक-दूसरे के साथ टकराव की स्थिति
बांधों पर सी.आई.एस.एफ. की तैनाती के विरोध में पंजाब विधान सभा में पेश किए गए प्रस्ताव पर बहस में हिस्सा लेते हुए मुख्य मंत्री (Bhagwant Mann) ने कहा कि इन राजनीतिक पार्टियों ने लोगों को संकीर्ण, क्षेत्रीय, भाषाई, सांप्रदायिक और अन्य आधारों पर बांटा, जिसके कारण राज्य एक-दूसरे के साथ टकराव की स्थिति में हैं। उन्होंने कहा कि इन लोगों का एकमात्र उद्देश्य ऐसे गलत कार्यों के माध्यम से राजनीतिक सत्ता हासिल करना है, जिसने देश और राज्यों को अपूरणीय नुकसान पहुंचाया है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यदि ये पार्टियां देश के लोगों को आपस में लड़ाने का काम बंद कर दें तो हमारा देश किसी भी क्षेत्र में नई ऊंचाइयां छू सकता है।
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दोनों पार्टियों के गलत इरादों का उदाहरण देते हुए मुख्य मंत्री ने कहा कि यदि मोदी यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध को खत्म कर सकते हैं, जैसा कि उनके मीडिया द्वारा प्रचारित किया जा रहा है, तो फिर उन्हें पंजाब और हरियाणा के बीच सौहार्दपूर्ण स्थिति सुनिश्चित करने से कौन रोक रहा है? उन्होंने कहा कि दोनों राज्यों का रिश्ता भाइयों जैसा है और ये केंद्रीय अनाज पूल में 70 प्रतिशत से अधिक योगदान देते हैं, लेकिन पिछले वर्षों में पंजाब और हरियाणा में सत्ता संभालने वाली इन दोनों पार्टियों ने दोनों राज्यों के बीच मतभेद पैदा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी, जिसके आड़ में वे सत्ता का आनंद ले रहे हैं।
मुद्दों पर एक-दूसरे से लड़ते रहें
भगवंत सिंह मान ने कहा कि दोनों राज्यों में कई चीजें समान होने के बावजूद ऐसी ताकतें हमेशा यह सुनिश्चित करने के लिए उत्सुक रहती हैं कि दोनों राज्य पानी जैसे मुद्दों पर एक-दूसरे से लड़ते रहें। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी विश्व गुरु बनने के इच्छुक तो हैं, लेकिन राज्य के मामलों के बारे में उन्हें कोई चिंता-फिक्र नहीं है और इस रवैये के चलते नागरिकों के बुनियादी मुद्दों को पूरी तरह से दरकिनार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश में हालात बहुत खराब हैं क्योंकि पहलगाम हमले से पहले बनी फिल्म भारत में रिलीज नहीं होने दी जा रही, लेकिन प्रधानमंत्री किसी भी समय पाकिस्तान जाकर ‘बिरयानी’ खा सकते हैं।
चिंताओं को दूर करने में हमेशा नाकाम रहे
भगवंत सिंह मान ने कहा कि एक तरफ तो प्रधानमंत्री विदेशों के दौरों पर रहते हैं, दूसरी तरफ अपने ही देश में वे 140 करोड़ भारतीयों की चिंताओं को दूर करने में हमेशा नाकाम रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के पास 10,000 से भी कम आबादी वाले देशों से विदेशी सम्मान हासिल करने का समय तो है, लेकिन देश के महत्वपूर्ण मुद्दों की ओर ध्यान देने के लिए उनके पास कोई समय नहीं है।

मुख्य मंत्री ने दोहराया कि पंजाब के पास किसी अन्य राज्य के साथ साझा करने के लिए कोई अतिरिक्त पानी नहीं है। उन्होंने कहा कि पानी का मुद्दा राज्य और इसके लोगों के लिए भावनात्मक मुद्दा है और राज्य सरकार पानी की हर कीमती बूंद को बचाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य के पानी की गाथा साल 1955 से शुरू होती है, लेकिन दुर्भाग्य से पानी के बारे में कोई मूल्यांकन नहीं हुआ, जो कि हर 25 साल बाद होना चाहिए था। भगवंत सिंह मान ने कहा कि भारत सरकार द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित करने के हाल के फैसले ने पश्चिमी नदियों (सिंधु, जेहलम, चनाब, उज्ज, कश्मीर नदी) के पानी के अन्य राज्यों को अधिक उपयोग का अधिकार तो दे दिया है, जबकि पंजाब को अतिरिक्त पानी देने के लिए विचार नहीं किया गया है, जो कि राज्य का हक बनता है।
नए स्टोरेज बांध बनाए जाने चाहिए
मुख्य मंत्री ने कहा कि इससे पंजाब के लिए 23 एम.ए.एफ. अतिरिक्त पानी सुनिश्चित किया जा सकता है, जो कि राज्य और इसके किसानों की पानी की जरूरतों को पूरा करने में सहायक होगा। उन्होंने कहा कि पश्चिमी नदियों के पानी को प्राथमिकता के आधार पर पंजाब को आवंटित किया जाना चाहिए और हिमाचल प्रदेश में मौजूदा भाखड़ा और पौंग बांधों के ऊपर नए स्टोरेज बांध बनाए जाने चाहिए। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इससे पश्चिमी नदी के पानी को स्टोर और नियंत्रित करने में काफी वृद्धि होगी। उन्होंने आगे कहा कि यह समय की जरूरत है कि पंजाब को उचित मुआवजा दिया जाए, जिसने देश को अनाज उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए पानी और उपजाऊ जमीन जैसे बेशकीमती प्राकृतिक संसाधनों को दांव पर लगा दिया।

मुख्य मंत्री ने कहा कि भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (बी.बी.एम.बी.) राज्य के लिए एक श्वेत हाथी बन चुका है, जिसका पुनर्गठन करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बी.बी.एम.बी. में पंजाब का 60 प्रतिशत हिस्सा है, लेकिन यह हमेशा राज्य के हितों के खिलाफ काम करता आया है। उन्होंने कहा कि यह बोर्ड राज्य सरकार से फंड लेकर इसके खिलाफ ही केस दायर करता रहता है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह पूरी तरह से अनुचित और अस्वीकार्य है, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा क्योंकि किसी को भी राज्य के हितों को खतरे में डालने की इजाजत नहीं दी जा सकती।






