Bhargva Hospital Jalandhar: जालंधर में बिना नक्शा-लेआउट प्लान के अस्पताल मालिक ने बना डाली चौथी मंजिल, RTI से बड़ा खुलासा, निगम को लाखों का नुकसान

Daily Samvad
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जालंधर के न्यू जवाहर नगर में भार्गव अस्पताल की इमारत

डेली संवाद, जालंधर। Bhargva Hospital Jalandhar News Update: जालंधर नगर निगम (Jalandhar Municipal Corporation) के बिल्डिंग ब्रांच की लाख कोशिशों के बाद भी शहर में अवैध निर्माण जारी है। आरटीआई एक्टिविस्ट (RTI Activist) का दावा है कि न्यू जवाहर नगर में अस्पताल की इमारत पर चौथी मंजिल बनाई गई, जिसका नक्शा, ले-आउट प्लान अभी तक पास नहीं किया गया है।

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जालंधर (Jalandhar) नगर निगम ( Municipal Corporation) के बिल्डिंग ब्रांच अवैध निर्माण रोक नहीं पा रहा है। आरटीआई एक्टिविस्ट करणप्रीत सिंह ने खुलासा किया है कि न्यू जवाहर नगर में मुख्य रोड पर बिना नक्शा और लेआउट पास हुए ही भार्गव अस्पताल के मालिक ने इमारत पर चौथी मंजिल बना डाली। इस संबंध में आरटीआई एक्टिविस्ट ने RTI से मांगी गई जानकारी साझा की है। इस जानकारी में बताया गया है कि भार्गव अस्पताल का नक्शा ई-पोर्टल पर 260165 नंबर है, जो 24 मार्च 2025 को दर्ज किया गया है।

RTI के माध्यम से मिली जानकारी

नगर निगम के अधिकारियों ने 21 जुलाई 2025 को RTI का जवाब देते हुए कहा है कि भार्गव अस्पताल की चौथी मंजिल का नक्शा और ले आउट प्लान अभी विचाराधीन है। जिसका मतलब यह हुआ है कि भार्गव अस्पताल की चौथी मंजिल का नक्शा 21 जुलाई 2025 तक पास नहीं हुआ है। हैरानी की बात तो यह है कि बिना नक्शा पास करवाए ही चौथी मंजिल बना दी गई। इस मामले में इंस्पैक्टर, एटीपी और एमटीपी से लेकर उच्च अधिकारियों ने कोई कार्रवाई ही नहीं की।

भार्गव अस्पताल के मालिक को निगम ने भेजा नोटिस

आरटीआई एक्टिविस्ट का दावा है कि भार्गव अस्पताल के मालिक को नगर निगम ने 13 जून 2025 को नोटिस संख्या MTP/533 जारी किया था। नगर निगम के एटीपी ने नोटिस जारी करते हुए भार्गव अस्पताल के मालिक से नक्शा, लेआउट प्लान समेत सभी दस्तावेज तीन दिन के अंदर मांगा था। जून में इस अस्पताल को नोटिस भेजा गया, लेकिन तब तक अस्पताल बनकर तैयार हो चुका था। अब इसका खुलासा आरटीआई के जरिए हुआ है।

अस्पताल मालिक ने दस्तावेज जमा करवाए – एटीपी

उधर, इस संबंध में एटीपी रविंदर कुमार ने बताया है कि भार्गव अस्पताल के मालिक ने नोटिस के बाद अपने सभी दस्तावेज जमा करवा दिया था। आरटीआई के जवाब में एक्टिविस्ट को किया जवाब मिला है, इस संबंध में वे कुछ नहीं कह सकते हैं। हालांकि आरटीआई एक्टिविस्ट का दावा है कि चौथी मंजिल का नक्शा अभी तक पास नहीं है, जिससे सरकार को लाखों रुपए का चूना लगा है।















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