डेली संवाद, चंडीगढ़। Punjab News: सहकारी संस्थाओं की कार्यवाहियों में भागीदारी बढ़ाने, लागत घटाने और इनके समयबद्ध संचालन को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से रजिस्ट्रार सहकारी सभाएं गिरीश दयालन ने राज्यभर की सहकारी संस्थाओं की सभी बैठकों और कार्यवाहियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (वीसी) के ज़रिए कवर करने के निर्देश दिए हैं।
इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड और हस्ताक्षरों को मान्यता
यह कदम केंद्र और राज्य सरकारों के साथ-साथ संवैधानिक अदालतों द्वारा वीसी मोड के प्रयोग के उपरांत उठाया गया है, जो सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 से कानूनी समर्थन प्राप्त करते हुए इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड और हस्ताक्षरों को मान्यता देता है। नए दिशा-निर्देशों के मुताबिक सभी बैठकों के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का विकल्प उपलब्ध होगा। बोर्डों, समितियों, आम सभाओं/एजीएम और निजी सुनवाईयों की बैठकों के नोटिस में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग तक पहुंच के विवरण भी शामिल होंगे।
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अधिक विवरण देते हुए दयालन ने बताया कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा एक वैकल्पिक माध्यम है और यह कोरम, नोटिस या मतदान संबंधी कानूनी आवश्यकताओं में कोई बदलाव नहीं करती। इसके साथ ही यह रोल-कॉल, वीसी लॉग और सत्यापित प्रतिभागियों की पारदर्शिता सुनिश्चित करती है। इस कदम से एजेंडे इलेक्ट्रॉनिक तरीके से प्रसारित किए जा सकेंगे और मतदान व फैसले वीसी के माध्यम से रिकॉर्ड किए जा सकेंगे तथा इसके बाद मिनट्स में पुष्टि भी की जा सकेगी।
निजी सुनवाई भी वीसी के माध्यम से की जा सकती
दयालन ने आगे बताया कि संस्थाएं आंतरिक रिकॉर्ड रखने के लिए वीसी कार्यवाहियों (पूरी तरह या आंशिक रूप से) रिकॉर्ड कर सकती हैं। साथ ही यह व्यवस्था उपलब्ध होने की स्थिति में निजी सुनवाई भी वीसी के माध्यम से की जा सकती है और यह संबंधित न्यायिक मंच के नियमों का पालन करेगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पंजाब सहकारी सभाएं अधिनियम, 1961 के प्रावधान, नियम और संस्थागत उपनियम पूरी तरह लागू रहेंगे।






