PM Narendra Modi: पीएम नरेंद्र मोदी का जन्मदिन आज, देश भर से बधाईयां, जानिए चाय बेचने वाले नरेंद्र कैसे बने देश के PM

Daily Samvad
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PM Narendra Modi

डेली संवाद, नई दिल्ली। PM Narendra Modi Birthday: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आज जन्मदिन है। आज ही के दिन 75 साल पहले नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) का जन्म हुआ था। गुजरात (Gujarat) के वडनगर (Vadnagar) का काला वासुदेव चौक। खपरैल की छत वाला छोटा सा घर। ये घर था चाय की रेहड़ी चलाने वाले दामोदरदास और हीराबा का।  इसी घर में 17 सितंबर 1950  को नरेंद्र मोदी का जन्म हुआ था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की अब तक की जीवन यात्रा बड़ा उतार चढ़ावा वाला रहा है। आईए इस लेख में जानते हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीवन यात्रा के बारे में। दामोदरदास, हीराबा, उनके पांच बेटे और एक बेटी। एक कमरे में कुल आठ लोगों का परिवार रहता था। तेज बारिश में छत जगह-जगह टपकने लगती। हीराबा रिस रहे पानी के नीचे बर्तन लगाती जातीं। नरेंद्र अपनी मां को परेशान देख उनकी मदद को दौड़ पड़ते।

PM Narendra Modi Visit Manipur
PM Narendra Modi Visit Manipur

रेलवे स्टेशन के बाहर चाय की दुकान

दामोदरदास की चाय की दुकान रेलवे स्टेशन के बाहर थी। नरेंद्र अक्सर वहां भी पिता का हाथ बंटाते। इतनी सी आमदनी में परिवार का गुजारा संभव नहीं था, इसलिए हीराबा आस-पास के घरों में बर्तन धोतीं, मजदूरी करतीं। इसे याद कर नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) अक्सर भावुक हो जाते हैं।

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नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की शुरुआती पढ़ाई वडनगर की कुमारशाला-1 में हुई। 8 साल की उम्र में वे RSS की शाखाओं में जाने लगे। साल 1958, दीवाली का दिन था। ‘वकील साहब’ के नाम से मशहूर RSS प्रचारक लक्ष्मणराव ईनामदार वडनगर पहुंचे। वहां बाल स्वयंसेवकों को संबोधित किया और शपथ दिलाई। इनमें 8 साल के नरेंद्र मोदी भी थे।

PM Narendra Modi in Kashi
PM Narendra Modi in Kashi

मोदी ने उपनाम ‘अनिकेत’ रखा

यहीं से नरेंद्र (Narendra Modi) के मन में हिंदू राष्ट्रवाद की विचारधारा के बीज पड़े। उम्र बढ़ने के साथ नरेंद्र का मन घर के दायरे से बाहर जाने लगा। उन्होंने अपना उपनाम ‘अनिकेत’ रख लिया यानी जिसका कोई घर नहीं।

उनके समाज की परंपरा में शादी तीन चरण में होती थी। 3-4 साल की उम्र में सगाई, 13 की उम्र में शादी और 18-20 की उम्र में गौना। 13 साल के नरेंद्र की शादी भी ब्राह्मणवाड़ा गांव की जशोदाबेन के साथ कर दी गई। गौना होना बाकी था।

एक दिन नरेंद्र (Narendra Modi) ने कहा, ‘मां! मेरा मन करता है कि बाहर जाकर देखूं, दुनिया क्या है। मुझे स्वामी विवेकानंद जी की राह पर चलना है।’ पास बैठे पिता बेटे के मन में उभर रहे वैराग्य से परेशान हो गए, लेकिन हीराबा बेटे का मन पहले से भांप गई थीं। उन्होंने पिता को जन्मपत्री देकर कहा- ज्योतिषी को इसकी जन्मपत्री दिखाओ!’

PM Narendra Modi in Kashi News Update
PM Narendra Modi in Kashi News Update

ईश्वर ने जहां तय किया है, ये वहीं जाएगा

ज्योतिषी ने बताया- ‘इसकी तो राह ही अलग है, ईश्वर ने जहां तय किया है, ये वहीं जाएगा!’ इस तरह पिता भी माने। घर छोड़कर नरेंद्र (Narendra Modi) पहले रामकृष्ण मिशन के बेलूर मठ गए। इसके बाद दिल्ली, राजस्थान, पूर्वोत्तर और फिर हिमालय। सबसे ज्यादा समय उन्होंने गरुड़चट्टी में बिताया। करीब 2 साल बाद मोदी वापस वडनगर लौटे, लेकिन महज 17 दिनों में फिर घर छोड़ दिया।

संघ प्रचारक वकील साहब ने अहमदाबाद के ‘डॉ. हेडगेवार भवन’ में मोदी के रहने का इंतजाम कर दिया। यहां वे संघ के स्वयंसेवक, फिर शाखाओं के प्रभारी और फिर प्रचारक बन गए। 15 वर्षों तक मोदी ने देश भर में संगठन के विस्तार के लिए जी-तोड़ काम किया।

Narendra Modi Assam Rally Speech Photos Update
Narendra Modi Assam Rally Speech Photos Update

1985 में सक्रिय राजनीति में आए

नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) 1985 में सक्रिय राजनीति में आए और जल्द ही BJP की राष्ट्रीय चुनाव समिति के सदस्य बन गए। उनके माइक्रो-मैनेजमेंट की बदौलत 1989 लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने गुजरात की 14 में से 11 सीटें जीतीं। साल 1990 में लालकृष्ण आडवाणी ने राम रथयात्रा निकाली।

नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने सोमनाथ से मुंबई तक इसका बेहद सफल समन्वय किया और राष्ट्रीय नेताओं के करीब आए। जब 2 साल बाद मुरली मनोहर जोशी ने लाल चौक पर तिरंगा फहराने के लिए एकता यात्रा निकाली तो उसमें नरेंद्र मोदी दूसरे नंबर के नेता थे। 24 जनवरी 1992 को एकता यात्रा के दौरान जम्मू में दिया उनका भाषण खूब चर्चित हुआ।

PM Narendra Modi
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फगवाड़ा में गोलीबारी, कई मौत

पंजाब के फगवाड़ा में एकता यात्रा पर अटैक हुआ। गोलियां चलीं। कई लोग मारे गए। नरेंद्र मोदी जानते थे, मां ये सुनकर परेशान होगी। लाल चौक पर तिरंगा फहराने के बाद जम्मू लौटे नरेंद्र मोदी ने पहला फोन अपनी मां को किया। अहमदाबाद लौटने पर मोदी के सम्मान में एक कार्यक्रम रखा गया। यहां पहली बार मां हीराबा सार्वजनिक मंच पर मोदी की सराहना के लिए सामने आईं।

गुजरात भाजपा तब दो खेमों में बंटी थी- शंकर सिंह वाघेला और केशुभाई पटेल। केशुभाई को मोदी अपना राजनीतिक गुरु मानते थे। 1995 में दोनों खेमों में खींचतान मची। पार्टी आलाकमान ने मोदी को दिल्ली बुला लिया और राष्ट्रीय सचिव बनाया। अगले कुछ साल तक नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में रहकर काम किया।

PM Narendra Modi
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अटल ने मोदी का बुलाया

1 अक्टूबर 2001, नरेंद्र मोदी एक टीवी पत्रकार के दाह संस्कार में गए थे। तभी तब के पीएम अटल बिहारी का बुलावा आ गया। मोदी पीएम आवास पहुंचे, तो अटल ने कहा, ‘दिल्ली में पंजाबी खाना खाकर तुम काफी मोटे हो गए हो। फिर से गुजरात लौट जाओ।’

एक इंटरव्यू में मोदी बताते हैं कि मुझे तब तक ये अंदाजा नहीं था कि अटल जी मुझे गुजरात का मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं। हालांकि मोदी आदेश टाल नहीं सके और अगली सुबह दिल्ली से अहमदाबाद की फ्लाइट पकड़ी। एयरपोर्ट से सीधे मां के पास गए।

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गुजरात के सीएम बने मोदी

मोदी (Narendra Modi) ने अपने ब्लॉग में लिखा… ‘खुशी से भरी हुई मां का पहला सवाल यही था कि क्या तुम अब यहीं रहा करोगे? मां मेरा उत्तर जानती थीं।’ 7 अक्टूबर 2001। नरेंद्र मोदी ने पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। हीराबा दूसरी बार सार्वजनिक मंच पर बेटे को आशीर्वाद देने पहुंचीं।

मोदी (Narendra Modi) को मुख्यमंत्री बने सालभर भी नहीं हुआ था कि 2002 में गुजरात में दंगे हो गए। सरकार पर दंगे प्रायोजित करने के आरोप लगे। तब मोदी ने एक इंटरव्यू में कहा- ‘क्रिया और प्रतिक्रिया की चेन चल रही है। हम चाहते हैं कि न क्रिया हो न प्रतिक्रिया।’

PM Narendra Modi
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गुजरात दंगे पर मोदी की प्रतिक्रिया

गुजरात दंगों पर नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को पहले मजिस्टीरियल कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट से क्लीन चिट मिल गई। इन आरोपों पर वो कभी डिफेंसिव भी नजर नहीं आए। मोदी की ‘हिंदू हृदय सम्राट’ की छवि के साथ जुड़ा आर्थिक तरक्की का ‘गुजरात मॉडल’ और बीजेपी ने 2014 लोकसभा चुनाव से पहले मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बना दिया।

मोदी (Narendra Modi) युग से पहले 1999 में बीजेपी अधिकतम 182 सीटें जीत सकी थी, लेकिन 2014 चुनाव में पहली बार 282 सीटों के साथ पूर्ण बहुमत हासिल किया। नरेंद्र मोदी बने भारत के 16वें प्रधानमंत्री।

मोदी (Narendra Modi) के पहली बार प्रधानमंत्री बनने के बाद हीराबा प्रधानमंत्री आवास आईं। वो तस्वीरें मोदी और हीराबा के लिए बेशक महत्वपूर्ण थीं, लेकिन भारतीय लोकतंत्र के लिए उससे भी ज्यादा। दूसरे के घरों में बर्तन धोने वाली एक महिला का बेटा दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का प्रधानमंत्री बन गया था।

PM Narendra Modi Yoga Day 2025
PM Narendra Modi Yoga Day 2025

मोदी ने अब तक कुल 7 चुनाव लड़े

इलेक्टोरल पॉलिटिक्स में आने के बाद से नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने अब तक कुल 7 चुनाव लड़े हैं। सभी मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री रहते हुए लड़े और सभी चुनावों में एकतरफा जीत हासिल की है। 2019 और 2024 चुनाव जीतकर मोदी सबसे ज्यादा समय तक पद पर रहने वाले देश के दूसरे प्रधानमंत्री बन गए हैं। उनसे आगे अब सिर्फ नेहरू हैं।

30 दिसंबर 2022 को हीराबा का 100 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। 75 वर्ष के हो चले नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) का मां के बगैर आज तीसरा जन्मदिन है। उनके सक्रिय राजनीतिक जीवन का सिलसिला अनवरत जारी है।















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