डेली संवाद, जालंधर। Jalandhar News: जालंधर इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट (Jalandhar Improvement Trust) की तीन स्कीमों सूर्या एन्क्लेव एक्सटेंशन, बीबी भानी कॉम्प्लेक्स और इंद्रपुरम मास्टर गुरबंता एन्क्लेव के आवंटियों की एसोसिएशनों के पदाधिकारियों ने सामूहिक रूप से एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
कई गंभीर मुद्दों को उठाया
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस की अध्यक्षता अध्यक्षता जतिंदर मोहन शर्मा (अध्यक्ष), सूर्या एन्क्लेव एक्सटेंशन वेलफेयर सोसाइटी (रजि.), साथ में सीए रेवंत बहल, सचिव, सूर्य एन्क्लेव एक्सटेंशन वेलफेयर सोसाइटी (रजि.), और दर्शन सिंह, अध्यक्ष, बीबी भानी द्वारा की, जिसमें उन्होंने कई मुद्दों को उठाया।
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इस दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि विभिन्न अदालतों में लगभग 250 मामलों पर कार्रवाई चल रही है, और ट्रस्ट पर हमारा लगभग 70 करोड़ रुपये बकाया है, जिस पर ट्रस्ट को ब्याज के रूप में प्रतिवर्ष 7 करोड़ रुपये का भुगतान करना पड़ रहा है।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि एक और गंभीर चिंता ट्रस्ट कार्यालय में फाइलों के गुम होने की है। उन्होंने कहा कि उन्हें गुम हुई फाइलों को ढूंढने में कई दिन लग जाते हैं, जबकि हमें अपनी शिकायतों के निवारण के लिए आम आदमी पार्टी से बड़ी उम्मीदें थीं।
ट्रस्ट के पास करोड़ों रुपये की सम्पतियां
उन्होंने आरोप लगाते हुए कोविड के दौरान, हमें लगभग 38 करोड़ रुपये का भुगतान प्राप्त हुआ। उस समय, ट्रस्ट पर बैंकों का लगभग 110 करोड़ रुपये बकाया था, जिसे अमृतसर ट्रस्ट और लुधियाना ट्रस्ट से 50-50 करोड़ रुपये उधार लेकर चुकाया गया था। वहीं इस समय ट्रस्ट उधार लेकर आवंटियों की राशि वापस कर सकता है। ट्रस्ट के पास करोड़ों रुपये की सम्पतियां हैं, जिन्हें नीलाम करके बकाया राशि चुकाई जा सकती है।
कई आवंटियों की हो चुकी मृत्यु
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अदालतों ने ट्रस्ट के अधिकारियों के खिलाफ कई गैर-जमानती वारंट जारी किए हैं, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला है। कई आवंटियों की मृत्यु हो चुकी है, और उनकी विधवाएँ दर-दर भटकने को मजबूर हैं। हममें से कई लोग अपने जीवन के अंतिम पड़ाव पर हैं, और जिन्होंने अपनी जीवन भर की बचत ट्रस्ट को सौंप दी है।
इस दौरान अंतिम में उन्होंने कहा कि न्यायालय के आदेशों के अनुसार, सुधार ट्रस्ट के कई बैंक खाते कुर्क कर लिए गए हैं। ऐसा एक भी खाता नहीं बचा है जो कुर्क न हुआ हो। हम सरकार से आग्रह करते हैं कि वह हमारी राशि जल्द से जल्द वापस करे।






