डेली संवाद, बैतूल। MP News: मां सूर्यपुत्री पुण्यसलिला मां ताप्ती जी (Maa Tapti Ji) की महिमा का बखान करने वाले नेताओं का मौन तब टूटा नहीं जब नगर पालिका परिषद बैतूल (Municipal Council Betul) द्वारा कलेक्टर कार्यालय के सामने मीडिया सेंटर के पास लगी चर्तुभुज ताप्ती छवि को बेरहमी से फाड़ दिया गया। यह वही ताप्ती हैं, जिनके पावन जल से बैतूल की धरती तृप्त होती है, लेकिन उन्हीं ताप्ती जी के सम्मान को सरेआम रौंदा गया और पूरे प्रशासन और जनप्रतिनिधियों ने चुप्पी साध ली।
अवैध होर्डिंग को नहीं हटाया गया
इस एक तरफा कार्रवाई का विरोध करते हुए मां ताप्ती जागृति समिति के प्रदेश अध्यक्ष रामकिशोर पंवार ने बताया कि नगर पालिका परिषद (Municipal Council) की कार्रवाई सिर्फ दिखावा थी। अवैध होर्डिंग (Illegal Hoarding) हटाने के नाम पर चलाए गए अभियान में मीडिया सेंटर के सामने सरकारी भूमि पर लगे अवैध होर्डिंग को नहीं हटाया गया। उल्टे पास में लगे ताप्ती जी के सुंदर, रोशनी से युक्त चौमुखी चित्र को ही फाड़ दिया गया।
यह भी पढ़ें: अमेरिका में अवैध आप्रवासियों के खिलाफ बड़े एक्शन की तैयारी, ट्रंप ने की बड़ी घोषणा
रामकिशोर पंवार का आरोप है कि नगर पालिका के कर्मचारी और अधिकारी बार-बार यह कह रहे थे कि यह कार्यवाही कलेक्टर के आदेश पर की जा रही है। सवाल उठता है कि यदि किसी अन्य धर्म, संप्रदाय, वर्ग विशेष या समुदाय के आराध्य का ऐसा अपमान हुआ होता तो क्या प्रशासन और सत्ताधारी दल के नेता इतने चुप रहते?
क्या शहर में शांति बनी रहती?
क्या शहर में शांति बनी रहती? लेकिन ताप्ती जी के छवि के अपमान पर न सांसद ने कुछ कहा, न विधायक और न ही प्रदेश भाजपा अध्यक्ष, जो स्वयं बैतूल विधायक हैं। रामकिशोर पंवार ने कहा कि यह वही विधायक हैं जो मंचों पर ताप्ती की महिमा गाते नहीं थकते। लेकिन जब उन्हीं के क्षेत्र में ताप्ती जी की तस्वीर को फाड़ा गया, तब वे पूरी तरह मौन साधे रहे।
नगर पालिका परिषद बैतूल द्वारा 13 सितंबर 2024 को क्रमांक / रा./ वि./ हो./ विज्ञा./ ई -नि/ 2024 /5709 के माध्यम से बैतूल नगर पालिका क्षेत्र के 91 चिन्हित स्थानों पर होर्डिंग लगाने हेतु निविदा आमंत्रित की गई थी। मीडिया सेंटर स्थल का जो होर्डिंग है, वह इस सूची में सम्मिलित नहीं है। इसके बावजूद वह जस का तस खड़ा रहा और नगर पालिका ने उसे हाथ तक नहीं लगाया।
कानून और संवैधानिक मर्यादा का उल्लंघन
यह स्पष्ट रूप से धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने वाला कार्य है। ताप्ती जी की छवि कोई विज्ञापन नहीं थी, वह न किसी व्यवसाय का प्रचार कर रही थी, न ही कोई राजनैतिक होर्डिंग थी। एक श्रद्धा का प्रतीक मात्र थी। उसे हटाना या नष्ट करना आस्था का अपमान है कानून और संवैधानिक मर्यादा का भी उल्लंघन है।
ताप्ती जागृति समिति ने चेतावनी दी है कि अब भक्तजन चुप नहीं बैठेंगे। यह कोई सामूहिक आंदोलन या सड़क पर उतरने की अपील नहीं है, हाईकोर्ट जबलपुर में एक जनहित याचिका दायर की जाएगी। समिति के प्रदेश अध्यक्ष रामकिशोर पंवार ने जिले के समस्त ताप्ती भक्तों से अपील की है कि वे ताप्ती जी के इस अपमान पर न्यायालयीन लड़ाई के लिए आगे आएं और सहयोग दें।
रामकिशोर पंवार ने कहा कि यह ताप्ती जी की महिमा ही है कि जिन लोगों को वह जल प्रदान कर रही हैं, वही आज उनके अपमान पर चुप हैं। अब समय आ गया है कि मां ताप्ती स्वयं निर्णय लें कि बैतूल के लोगों को अमृत तुल्य जल देना है या नहीं।






