डेली संवाद, चंडीगढ़। Punjab News: CM Bhagwant Singh Mann Announce – पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान (Bhagwant Singh Mann) ने आज सबसे बड़ा फैसला लिया है। पंजाब सरकार (Punjab Government) ने नई सहकारी सभाओं—जिनमें पीएसीएस, मिल्क सोसायटीज़ और लेबर सोसायटियां शामिल हैं—के गठन संबंधी पुरानी पाबंदियां खत्म कर दी हैं।
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान (Bhagwant Singh Mann) ने कहा कि देश की सहकारी लहर स्वैच्छिक संगठन, लोकतांत्रिक तरीके से सदस्यों की भागीदारी और खुली पहुंच के सिद्धांतों पर आधारित है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि पंजाब में सहकारी क्षेत्र का विस्तार, मजबूती और इसे और अधिक समावेशी बनाना समय की आवश्यकता है ताकि इसका सीधा लाभ किसानों, मज़दूरों और ग्रामीण समुदायों तक पहुंच सके।

सहकारी नीति तैयार
भगवंत सिंह मान (Bhagwant Singh Mann) ने बताया कि राज्य सरकार अपनी सहकारी नीति तैयार कर रही है, जिसका मुख्य उद्देश्य सहकारी सभाओं से ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को जोड़ना, भागीदारी के अवसर बढ़ाना और निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करना है।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि इसका विशेष मकसद सहकारी सभाओं को पंजाब के ग्रामीण और आर्थिक विकास का केंद्रीय स्तंभ बनाना है। उन्होंने बताया कि यह पाया गया कि पुराने दिशा-निर्देश—जिनमें किसी क्षेत्र में पहले से सोसायटी होने पर नई सोसायटी का रजिस्ट्रेशन रोकना, कार्यक्षेत्र को सख्ती से परिभाषित करना और न्यूनतम दूरी (जैसे लेबर सोसायटियों के लिए 8 किलोमीटर) की शर्त लगाना—पंजाब सहकारी सभाएं अधिनियम, 1961 की भावना और सहकारी लहर की अवधारणा के विपरीत थे।

संगठन बनाने की आज़ादी
भगवंत सिंह मान (Bhagwant Singh Mann) ने कहा कि इन शर्तों ने स्वैच्छिक भागीदारी को हतोत्साहित करने के साथ-साथ एकाधिकार वाली स्थितियां पैदा कीं, जिससे सदस्यों की आवाज़ भी सीमित हो गई। मुख्यमंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि पंजाब हर किसान, मज़दूर और उद्यमी को अपनी पसंद का सहकारी संगठन बनाने की आज़ादी देने में अग्रणी रहेगा।
उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य को लागू करने के लिए राज्य सरकार ने अब ऐसी सभी पाबंदियों वाले निर्देश तत्काल प्रभाव से वापस ले लिए हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि नई सोसायटियों का रजिस्ट्रेशन अब अधिनियम के अनुसार बिना किसी अनावश्यक रुकावट के किया जाएगा।

सहकारी क्षेत्र को बड़ा प्रोत्साहन
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इसके अलावा राज्य सरकार पीएसीएस, डेयरी और मत्स्यपालन सहकारी सभाओं के लिए रजिस्ट्रेशन शुल्क भी घटा रही है ताकि छोटे किसान और कमजोर वर्ग इसमें शामिल हो सकें और इसका लाभ उठा सकें।
उन्होंने कहा कि यह कदम ज़मीनी स्तर पर समावेश, निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा और सशक्तिकरण को सुनिश्चित करते हुए पंजाब में सहकारी लहर को पुनर्जीवित करने की राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस पहल का उद्देश्य राज्य में सहकारी क्षेत्र को बड़ा प्रोत्साहन देना है।






