डेली संवाद, जालंधर। Jalandhar illegal Shops Construction near Municipal Corporation Live News: जालंधर नगर निगम में एक्शन के बाद भी गलत ढंग से कामर्शियल निर्माणों का काम रुकने का नाम नहीं ले रहा है। इन इमारतों को पहले सील किया गया, बाद में इसे खोल दिया गया। हैरानी की बात तो यह है कि इस पूरे खेल में सरकार को लाखों रुपए की चपत लगाई जा रही है।
जालंधर (Jalandhar) में नगर निगम (Municipal Corporation Jalandhar) मुख्यालय के बिल्कुल सामने चार कामर्शियल इमारतें बन रही हैं। इन सभी इमारतों को बिल्डिंग ब्रांच ने आज के पांच महीने पहले नोटिस जारी किया था। इसमें से तीन इमारतों को सील भी किया। लेकिन अब ये इमारतें तीन से चार मंजिला बनकर तैयार हो गई हैं। इन इमारतों के पास न तो कोई पार्किंग है और न ही इन्होंने किसी Floor Area Ratio यानी FAR का पालन किया।

निगम को लाखों रुपए का नुकसान
हैरानी की बात तो यह है कि चार महीने पहले सील की गई इमारत आखिर अब कैसे सही हो गई? इन चार महीने में क्या बिल्डिंग बायलाज ही बदल गया? या फिर बिल्डिंग ब्रांच के अफसरों का मन दयालु हो गया? इन इमारतों को बनने से जहां पार्किंग की दिक्कत होगी वहीं निगम को लाखों रुपए का नुकसान हुआ है।
यह भी पढ़ें: जालंधर के अरमान अस्पताल में इलाज के दौरान मृत हुई टीचर के परिजनों को इंसाफ की दरकार
जानकारी के मुताबिक इन इमारतों पर कार्रवाई के लिए लिखा गया है, जिससे इन पर कार्रवाई हो सकती है।

कोई एक्शन नहीं
आपको बता दें कि के कुछ करप्ट अफसरों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है, विभागीय कार्रवाई के लिए सरकार को भी लिखा जा रहा है। क्योंकि इनके खिलाफ कमिश्नर से लेकर विजीलैंस और लोकपाल तक अनगिनत शिकायतें हैं।
जालंधर का मोह नहीं छोड़ रहे अफसर
पंजाब सरकार ने पिछले दिनों जालंधर नगर निगम समेत सूबे के अन्य नगर निगमों में अफसरों के तबादले किए। इन तबादलों में जालंधर में भी अफसरों को बदला गया। तबादले हुए 10 दिन से ज्यादा हो गए, लेकिन स्थानांतरित किए गए अफसर जालंधर छोड़ना ही नहीं चाहते है, वे अभी भी जालंधर में डटे हैं और दूसरे स्टेशन पर नौकरी नहीं ज्वाइन किया।

सबसे बड़ी हैरानी तो यह है कि जालंधर से बदले गए अफसरों को रिलीव भी नहीं किया जा रहा है, हालांकि उनके स्थान पर दूसरे शहरों के अफसरों को जालंधर में पोस्टिंग दी गई है। सूत्र बता रहे हैं कि जालंधर छोड़कर अफसर नहीं जाना चाहते हैं, जिससे सियासी जुगाड़ ढूंढकर अपना तबादला वापस करवाने में जुटे हैं। वहीं कुछ अफसर तो ऐसे हैं तो कई साल से जालंधर में जमे हुए हैं, सरकार उनका तबादला भी नहीं कर रही है।






