डेली संवाद, गोरखपुर। Colorful Dessert: अगर आप भी रंग बिरंगी मिठाई खाने के शौकीन है तो ये खबर आपके लिए बहुत जरूरी है। इसलिए आपको एक बार ये खबर जरूर पढ़ लेनी चाहिए नहीं तो आप मुश्किलों में पड़ सकता है।
अक्टूबर त्यौहारों का महीना
दरअसल अक्टूबर का महीना त्यौहारों का है पहले दशहरा फिर करवा चौथ और उसके बाद दीपावली (Diwali) और छठ तक मिठाईयों की डिमांड बढ़ जाती है। इन दिनों लोग मिठाई का अधिकतर सेवन करते है बच्चों से लेकर बुजुर्ग इसका सेवन करते है।
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इसके चलते बाजारों में रंग बिरंगी मिठाईयां बनानी शुरू हो जाती है जो देखने में लोगों को काफी आकर्षित करती है लेकिन सेहत के लिए उतनी ही नुकसानदायक होती है। अगर आप भी रंग बिरंगी मिठाईयां खाते है तो आपको बंद करना पड़ेगा।
रंग स्वास्थ्य के लिए हानिकारक
बता दे कि लोगों को ललचाने और ज्यादा बिक्री के लिए चीनी से बनी इन मिठाइयों में अखाद्य रंगों का इस्तेमाल शुरू कर दिया गया है। यह रंग स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक होते हैं। इसी को लेकर अब स्वास्थ्य विभाग ने भी चेतावनी जारी की है।

खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग रंग से बनी मिठाइयों के इस्तेमाल से बचने की सलाह दे रहा हैं। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने कुछ शर्तों के साथ खाद्य रंगों के इस्तेमाल की अनुमति दी है लेकिन यह रंग महंगे होते हैं। इस कारण ज्यादातर कारोबारी अखाद्य रंगों का इस्तेमाल करते हैं।
कैंसर का कारण बनते रंग
वह इन रंगों को औने-पौने दाम में खरीदकर मिठाई में मिलाते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अखाद्य रंग पेट में जाने के बाद बाहर नहीं निकल पाते हैं। यह रंग आंत में इकट्ठा होकर कैंसर का कारण बन सकते हैं। साथ ही लिवर को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं।

रंग खाने वाली चीज नहीं होती है। रंगीन मिठाई से सभी को परहेज करना चाहिए। अखाद्य रंग शरीर में इकट्ठा होकर रोगों का कारण बनते हैं। मिठाई का रंग गाढ़ा है तो यह और भी खतरनाक है। नागरिक अपने स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने के लिए अच्छे खाद्य पदार्थों का ही सेवन करें। कोई खाद्य पदार्थ देखने में अच्छा लग रहा है तो यह जरूरी नहीं है वह खाने योग्य भी हो। चीनी से बनी मिठाई के नमूने लिए जाएंगे। – डा. सुधीर कुमार सिंह, सहायक आयुक्त, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन।






