डेली संवाद, नई दिल्ली। Supreme Court CJI BR Gavai Lawyer Shoe Attack Video Controversy News: सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई (CJI BR Gavai) की कोर्ट में जबरदस्त हंगामे की खबर है। जानकारी के अनुसार, सोमवार को कोर्ट में सुनवाई के दौरान एक व्यक्ति ने मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई की ओर जूता उछालने की कोशिश की।
इस घटना के तुरंत पर वहां पर मौजूद सुरक्षाकर्मी एक्शन में आ गए और उसके अदालत कक्ष से बाहर निकाल दिया। इस घटना के बाद कुछ समय तक अदालत की कार्रवाई स्थगित रही। बाद में कार्रवाई सुचारु रूप से शुरू हो सकी। बताया जा रहा है कि जूता फेंकने वाला कोई वकील था।

CJI गवई की प्रतिक्रिया आई सामने
इस पूरे मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के सीजेआई गवई (CJI BR Gavai) की प्रतिक्रिया सामने आई है। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, इस पूरे घटनाक्रम के दौरान सीजेआई शांत बने रहे। बाद में उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं से कोई फर्क नहीं पड़ता है।
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार वकील के ड्रेस में वह व्यक्ति डेस्क के पास गया और जूता निकाल कर जज की ओर फेंकने की कोशिश की। हालांकि, समय रहते ही वहां पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने एक्शन लिया और उस व्यक्ति को बाहर लेकर आए।
These things do not affect me: Chief Justice B R Gavai on man attempting to attack him in Supreme Court
— Press Trust of India (@PTI_News) October 6, 2025
कोर्ट परिसर में सुरक्षा को बढ़ा दिया गया
बताया जाता है कि इस घटना के बाद भी सीजेआई प्रभावित नहीं हुए और अन्य वकीलों से कहा कि वह अपना तर्क जारी रखें। सीजेआई ने कहा कि इन सब पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है, ये मुझे प्रभावित नहीं करती है। इस घटना के बाद कोर्ट परिसर में सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आरोपी वकील का नाम राकेश किशोर है। सुप्रीम कोर्ट बार में उनका रजिस्ट्रेशन 2011 का है। माना जा रहा है कि वकील CJI गवई की मध्य प्रदेश के खजुराहो में भगवान विष्णु की 7 फुट ऊंची सिर कटी मूर्ति की पुनर्स्थापना पर की गई टिप्पणियों से नाराज था।
CJI ने 16 सितंबर को खंडित मूर्ति की बहाली की मांग वाली याचिका खारिज करते हुए कहा था- जाओ और भगवान से खुद करने को कहो। तुम कहते हो भगवान विष्णु के कट्टर भक्त हो, जाओ उनसे प्रार्थना करो।

भगवान विष्णु की मूर्ति से जुड़ा मामला
16 सितंबर को मध्य प्रदेश के खजुराहो के जवारी (वामन) मंदिर में भगवान विष्णु की 7 फीट ऊंची खंडित मूर्ति की बहाली की मांग वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की थी। याचिकाकर्ता ने इस फैसले पर नाराजगी जताई थी।
उन्होंने कहा था कि ये हमारी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला फैसला है। कोर्ट ने कहा है कि प्रतिमा जिस स्थिति में है, उसी में रहेगी। भक्तों को पूजा करनी है तो वे दूसरे मंदिर जा सकते हैं।
दरअसल, याचिकाकर्ता का दावा है कि यह मूर्ति मुगलों के आक्रमणों के दौरान खंडित हो गई थी और तब से यह इसी हालत में है। इसलिए श्रद्धालुओं के पूजा करने के अधिकार की रक्षा करने और मंदिर की पवित्रता को पुनर्जीवित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट मामले में हस्तक्षेप करे।






