डेली संवाद, नई दिल्ली। Nobel Peace Prize Winners 2025 Maria Corina Machado News Update: नॉर्वेजियन नोबेल समिति (Norwegian Nobel Committee) ने वेनेज़ुएला (Venezuela) की विपक्षी नेता मारिया कोरिना माचाडो को 2025 का नोबेल शांति (Nobel Peace Prize) पुरस्कार दिया है। उन्हें लोकतांत्रिक अधिकारों को बढ़ावा देने में उनके अथक प्रयास और तानाशाही से लोकतंत्र में शांतिपूर्ण संक्रमण के लिए उनके संघर्ष के लिए यह पुरस्कार मिला है।
मारिया कोरिना माचाडो (Maria Corina Machado) ने वेनेजुएला में लोकतांत्रिक अधिकारों को बढ़ावा देने और तानाशाही से लोकतंत्र की ओर शांतिपूर्ण बदलाव लाने के लिए 20 साल लगातार संघर्ष किया है। नोबेल समिति ने कहा कि आज जब दुनिया के कई हिस्सों में तानाशाही बढ़ रही है और लोकतंत्र कमजोर हो रहा है, ऐसे समय में मारिया मचाडो जैसे लोगों की हिम्मत उम्मीद जगाती है।

लोकतंत्र की बेहतरी के लिए काम
नोबेल समिति ने कहा कि लोकतंत्र ही स्थायी शांति की शर्त है। जब सत्ता हिंसा और डर के जरिए जनता को दबाने लगती है, तो ऐसे साहसी लोगों को सम्मान देना जरूरी हो जाता है। मारिया कोरिना मचाडो (Maria Corina Machado) ने सुमाते नामक संगठन की स्थापना की, जो लोकतंत्र की बेहतरी के लिए काम करता है। वे देश में मुफ्त और निष्पक्ष चुनावों की मांग करती रही हैं।
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वहीं, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) बीते कई महीने से नोबेल की दावेदारी कर रहे थे, लेकिन नोबेल कमेटी ने उन्हें इस पुरस्कार के लिए नहीं चुना। 2025 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकन की अंतिम तिथि 31 जनवरी 2025 थी। इस तिथि के बाद प्राप्त नामांकनों पर विचार नहीं किया गया। नामांकन की प्रक्रिया 1 फरवरी से शुरू होती है, और 31 जनवरी तक मिले नामांकनों को ही मान्य माना जाता है।

राष्ट्रपति का भाषण बंद करा दिया
मारिया कोरिना मचाडो (Maria Corina Machado) दुनिया में पहली बार तब सुर्खियों में आईं जब उन्होंने वेनेजुएला के तत्कालीन राष्ट्रपति का भाषण बंद करा दिया था। यह घटना 14 जनवरी 2012 की है। शावेज संसद में 9 घंटे 45 मिनट का भाषण दे चुके थे। तभी मचाहो ने चिल्लाते हुए उन्हें ‘चोर’ कहा और लोगों की जब्त की गई संपत्ति को लौटाने को कहा। इसके जवाब में शावेज ने कहा कि वो बहस नहीं करेंगे क्योंकि वह इसके काबिल नहीं।
अमेरिका ने पक्षपात का आरोप लगाया
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को नोबेल नहीं मिलने पर अमेरिका ने पक्षपात का आरोप लगाया। व्हाइट हाउस के एक प्रवक्ता ने रॉयटर्स न्यूज एजेंसी को कहा कि नोबेल कमेटी ने एक बार फिर साबित किया कि वे शांति से ज्यादा राजनीति को तरजीह देते हैं।

ट्रम्प को नोबेल क्यों नहीं मिला?
2025 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकन की अंतिम तिथि 31 जनवरी 2025 थी। इस तिथि के बाद प्राप्त नामांकनों पर विचार नहीं किया गया। नामांकन की प्रक्रिया 1 फरवरी से शुरू होती है, और 31 जनवरी तक मिले नामांकनों को ही मान्य माना जाता है।
ट्रम्प के 20 जनवरी 2025 को दोबारा राष्ट्रपति बनने के सिर्फ 11 दिन बाद नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकन बंद हो गया था। इतने कम दिन में ट्रम्प के पास करने के लिए बहुत कुछ नहीं था जिसके लिए उन्हें नोबेल मिलता।
मचाडो को कई पुरस्कार मिल चुके
- 2025 में लोकतंत्र की लड़ाई लड़ने के लिए नोबेल पीस प्राइज मिला।
- 2024 सखारोव पुरस्कार: यूरोपीय संसद ने उन्हें और एडमुंडो गोंजालेज को लोकतंत्र की रक्षा के लिए यह पुरस्कार दिया।
- 2024 वाच्लाव हावेल मानवाधिकार पुरस्कार: काउंसिल ऑफ यूरोप ने मानवाधिकारों के लिए उनकी मेहनत को सम्मानित किया।
- 2025 करेज अवॉर्ड: जेनेवा समिट फॉर ह्यूमन राइट्स ने उन्हें और गोंजालेज को यह पुरस्कार दिया।
- 2018 बीबीसी सम्मान: बीबीसी ने उन्हें दुनिया की 100 सबसे प्रभावशाली महिलाओं में शामिल किया।

कौन हैं मारिया कोरिना माचाडो?
मारिया (Maria Corina Machado) वेंटे वेनेजुएला की राष्ट्रीय समन्वयक हैं, जिसकी उन्होंने 2013 में सह-स्थापना की थी। इसके साथ ही वह नेशनल असेंबली की पूर्व सदस्य भी रहीं। इसके साथ ही स्वतंत्र चुनावों को बढ़ावा देने वाले नागरिक समाज समूह सुमाते और लोकतांत्रिक परिवर्तन की वकालत करने वाले गठबंधन सोयवेनेज़ुएला की स्थापना में मदद की।
अमेरिकी राज्यों के संगठन में मानवाधिकारों के हनन की निंदा करने के बाद 2014 में उन्हें संसद से निष्कासित कर दिया गया था। उन पर राजद्रोह और षड्यंत्र, यात्रा प्रतिबंध और राजनीतिक अयोग्यता के आरोप लगे हैं। मचाडो (Maria Corina Machado) ने यूनिवर्सिडाड कैटोलिका आंद्रेस बेलो से औद्योगिक इंजीनियरिंग में डिग्री और IESA से वित्त विशेषज्ञता हासिल की है।






