डेली संवाद, चंडीगढ़/जालंधर। IPS Y Puran Kumar: पंजाब भाजपा के वरिष्ठ दलित नेता एवं पूर्व सांसद सुशील रिंकू ने हरियाणा के दलित आईपीएस अधिकारी वाई पूरण कुमार के सुसाइड मामले में निष्पक्ष जांच के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है। उन्होंने लिखा है कि जनता की स्पष्ट मांग है कि न्याय न केवल हो, बल्कि न्याय होता हुआ दिखाई भी दे। ताकि व्यवस्था में जनता का बहाल विश्वास हो।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) को लिखे पत्र में पूर्व सांसद ने कहा है कि मैं आपका ध्यान एक अत्यंत दुःखद एवं चिंताजनक घटना की और आकर्षित करना चाहता हूँ, जिसमें अनुसूचित जाति (दलित) समुदाय से सम्बंधित एक युवा, ईमानदार एवं कर्त्तव्यनिष्ठ आईपीएस अधिकारी श्री वाई. पुरण कुमार के आत्महत्या के आरोपित मामले में न्याय की मांग की गई है।

गरिमा एवं न्याय के मूलभूत सिद्धान्तों की पुष्टि
रिंकू ने लिखा – श्री पुरण कुमार कुछ वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा निरंतर किए जा रहे अपमान, मानसिक उत्पीड़न एवं जातिगत भेदभाव के कारण गंभीर पेशेवर एवं मनोवैज्ञानिक दबाव में थे। उनकी इस दुःखद घटना ने कार्यस्थल पर पुर्वाग्रह, मानसिक प्रताड़ना तथा वंचित वर्गों के अधिकारियों हेतु संस्थागत सुरक्षा उपायों की कमी जैसे गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए है।
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यह हृयदविदारक घटना न केवल पंजाब बल्कि सम्पूर्ण देश के दलित समुदाय को झकझोर कर रख दिया है। जनता की यह स्पष्ट मांग है की न्याय न केवल हो, बल्कि न्याय होता हुआ दिखाई भी दे, ताकि वव्यस्था में जनता का विश्वास बहाल हो और हमारे सविधान में निहित समानता, गरिमा एवं न्याय के मूलभूत सिद्धान्तों की पुष्टि हो।

पारदर्शी जाँच का आदेश दिया जाए
इस संवेदनशील एवं गंभीर मामले की महत्ता हो देखते हुए गृह मंत्रालय द्वारा इसकी निष्पक्ष जांच करवाई जाय। रिंकू ने लिखा कि एक स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं उच्चस्तरीय केन्द्रीय एजेंसी/ उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के माध्यम से समयबद्ध एवं पारदर्शी जाँच का आदेश दिया जाए।
उत्पीड़न एवं भेदभाव में संलिप्त आरोपित अधिकारियों को तत्काल निलंबित किया जाए, ताकि वे जांच प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न न कर सके। दोषी पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध संबंधित कानूनों के तहत कठोरतम अनुशासनिक एवं विधिक कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।

भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ती रोकने हेतु प्रशासनिक दिशा- निर्देश जारी किए जाए, ताकि सभी अधिकारियों को जाति, या पृष्ठभूमि से परे सुरक्षित, सम्मानजनक एवं भेदभाव- मुक्त कार्य वातावरण प्राप्त हो।






