Punjab News: गुरमीत सिंह खुड्डियां ने जारी की बाढ़ राहत कार्यों पर आधारित दस्तावेजी फ़िल्म

Muskan Dogra
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डेली संवाद, चंडीगढ़। Punjab News: पंजाब (Punjab) के पशुपालन विभाग द्वारा हाल ही में आई विनाशकारी बाढ़ के दौरान पशुधन को बीमारियों से बचाने और उनके पुनर्वास के प्रयासों को दर्शाती एक दस्तावेजी फ़िल्म जारी की गई है। इस दस्तावेजी फ़िल्म को आधिकारिक रूप से पंजाब के पशुपालन, मत्स्य पालन और डेयरी विकास मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने जारी किया।

“मिशन मोड” में की गई कार्रवाई

विभाग के प्रयासों की सराहना करते हुए खुड्डियां ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान (Bhagwant Mann) के नेतृत्व में पंजाब सरकार और पशुपालन विभाग बाढ़ के समय पशुपालकों की सहायता के लिए पूरी दृढ़ता से खड़े रहे। उन्होंने कहा कि इस भीषण आपदा से निपटने के लिए विभाग की “मिशन मोड” में की गई कार्रवाई सराहनीय रही।

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खुड्डियां ने बताया कि इन बाढ़ों से राज्य के 713 गांव बुरी तरह प्रभावित हुए थे। उन्होंने कहा कि विभाग की 494 समर्पित टीमों ने कठिन परिस्थितियों का सामना करते हुए घर-घर जाकर पशुधन को जीवनरक्षक उपचार प्रदान किया ताकि पशुओं के स्वास्थ्य को सुनिश्चित किया जा सके।

37 लाख रुपये की मुफ्त दवाइयाँ वितरित

उन्होंने आगे बताया कि प्रभावित जिलों में 37 लाख रुपये की मुफ्त दवाइयाँ वितरित करने के अलावा 2.53 लाख से अधिक पशुओं का गलघोटू (एच.एस.) रोग से बचाव हेतु मुफ्त टीकाकरण किया गया। इसके साथ ही, पशुपालकों को मस्टाइटिस टेस्टिंग किट और डीवॉर्मर भी उपलब्ध करवाए गए, जिससे पशुओं में आम रोगों का समय पर पता लगाकर प्रभावी उपचार संभव हो सका।

पशुपालन विभाग के प्रमुख सचिव राहुल भंडारी ने बताया कि बाढ़ के दुष्प्रभावों से निपटने के लिए विभाग ने कई महत्वपूर्ण निवारक कदम उठाए। उन्होंने कहा, “बाढ़ के बाद बीमारियों के फैलने का बड़ा खतरा था, लेकिन हमारी सक्रिय रणनीति ने इस जोखिम को काफी हद तक कम किया। सभी प्रभावित गांवों में व्यापक मुफ्त टीकाकरण अभियान चलाया गया, जिससे पशुओं को गलघोटू जैसी बीमारियों से सुरक्षा मिली।

इसके अतिरिक्त, हरे चारे की कमी को दूर करने के लिए पशुओं को स्वस्थ बनाए रखने हेतु यूरोमिन लिक्स और खनिज मिश्रण मुफ्त वितरित किए गए।” पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ. परमदीप सिंह वालिया ने कहा कि विभाग लगातार पशुधन के स्वास्थ्य और उत्पादकता को सुनिश्चित करने के लिए प्रयासरत है ताकि पशुओं और किसान समुदाय दोनों की समग्र भलाई सुनिश्चित की जा सके।















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