डेली संवाद, चंडीगढ़। Punjab Online Betting: पंजाब और चंडीगढ़ में पुलिस के 13 वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ जांच शुरू हो गई है। आरोप है कि इन आईपीएस (IPS) अधिकारियों ने पंजाब और चंडीगढ़ में ऑनलाइन बेटिंग (Online Betting) का नेटवर्क चलाते हैं। इसमें पंजाब के 10 आईपीएस (IPS) और चंडीगढ़ में तैनात 3 आईपीएस (IPS) अफसर के नाम सामने आए हैं।
जानकारी के मुताबिक पंजाब (Punjab) और चंडीगढ़ (Chandigarh) में सट्टेबाजी को लेकर 13 आईपीएस अफसरों की भूमिका की जांच के आदेश हुए हैं। यह आदेश चंडीगढ़ पुलिस कंप्लेंट अथॉरिटी (PCA) ने दिए है। ऑनलाइन बेटिंग (Online Betting) से जुड़े नेटवर्क में इन सभी अधिकारियों का लिखित में नाम सामने आया है।
नेटवर्क में कई बुकियों के नाम
पीसीए बैच की जस्टिस कुलदीप सिंह (रिटायर्ड) चेयरमैन और अमरजोत सिंह गिल (IPS रिटायर्ड), सदस्य ने जांच के आदेश दिए हैं। इस मामले की अगली सुनवाई 2 दिसंबर को होगी। इस ऑनलाइन बेटिंग नेटवर्क में पंजाब और चंडीगढ़ से जुड़े कई बुकियों के नाम भी सामने आए थे। जांच एजेंसियां इन सभी की भूमिका और नेटवर्क से संबंधों की गहराई से पड़ताल कर रही हैं।
यह भी पढ़ें: जालंधर के अरमान अस्पताल में इलाज के दौरान मृत हुई टीचर के परिजनों को इंसाफ की दरकार
आपको बता दें कि हाईकोर्ट के वकील निखित सराफ ने इस मामले में पुलिस अफसरों की भूमिका उजागर करने के लिए पंजाब के गर्वनर एवं चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया और पंजाब CM भगवंत सिंह मान को पत्र लिखा था। इसी शिकायत की एक कॉपी चंडीगढ़ पीसीए को भी भेजी गई थी।

इनकम टैक्स से मांगी रिपोर्ट
पीसीए ने चंडीगढ़ एसएसपी और इनकम टैक्स विभाग से रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने पूछा है कि इस ऑनलाइन बेटिंग नेटवर्क में किन पुलिस अफसरों के नाम सामने आए हैं और अब तक की जांच में क्या-क्या तथ्य मिले हैं। पीसीए ने साफ कहा है कि पूरी जांच रिपोर्ट जल्द सौंपें, ताकि मामले की आगे की कार्रवाई तय की जा सके।
आपको बता दें कि इनकम टैक्स इन्वेस्टिगेशन विंग ने सितंबर में उत्तर भारत के सबसे बड़े ऑनलाइन बेटिंग नेटवर्क का पर्दाफाश किया था। इस कार्रवाई के दौरान आईटी टीम ने चंडीगढ़ में 2 जगह सेक्टर-33 और सेक्टर-44 में दबिश की थी।

पुलिस अफसरों का संरक्षण
इनकम टैक्स इन्वेस्टिगेशन विंग की चार दिन तक चलने वाली इस बड़ी छापेमारी में सामने आया था कि ये दोनों कोठियां चंडीगढ़ और पंजाब में ऑनलाइन बेटिंग के मास्टरमाइंड और उसके भाई की हैं। इसमें जालंधर, लुधियाना और मोहाली समेत कई बुकी भी शामिल बताए जा रहे हैं।
इनकम टैक्स इन्वेस्टिगेशन विंग ने अपनी जांच में पाया कि इस नेटवर्क को पुलिस अफसरों का संरक्षण मिला हुआ था, लेकिन अब तक उन अफसरों के नाम सार्वजनिक नहीं किए गए और न ही कोई कार्रवाई हुई है। इतना बड़ा नेटवर्क उजागर होने के बावजूद जांच की रफ्तार बेहद धीमी बताई जा रही है, जिससे पूरे मामले पर सवाल उठ रहे हैं।







