डेली संवाद, जालंधर। Jalandhar Improvement Trust Breaking News: जालंधर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट (Jalandhar Improvement Trust) पर बड़ा वित्तीय संकट खड़ा हो गया है। ये वित्तीय संकट किसी और ने नहीं, बल्कि ट्रस्ट के कुछ अफसरों की लापरवाही से खड़ा हुआ है। अगर ट्रस्ट ने राजीनामा नहीं किया तो 900 करोड़ रुपए चुकाने पडेंगे।
उधर, जालंधर (Jalandhar) इंप्रूवमेंट ट्रस्ट (Jalandhar Improvement Trust) के पूर्व चेय़रमैन जगतार सिंह संघेड़ा (Jagtar Singh Sanghera) ने ये बात अपनी फेसबुक पर लिखा है। उनका आरोप है कि इंप्रूवमेंट ट्रस्ट में धांधली चल रही है। इस संबंध में उन्होंने 13 प्वाइंट बनाकर ADGP, पंजाब विजिलेंस ब्यूरो, हेडक्वार्टर मोहाली के ऑफिस में भेजा है।

इंप्रूवमेंट ट्रस्ट हुआ एक्स पार्टी
सूत्र बताते हैं कि जालंधर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट और एक कंपनी के खिलाफ केस चल रहा था। जिसमें चेयरमैन रहे जगतार सिंह संघेड़ा के समय कोर्ट में अफसर हाजिर नहीं हुए, जिससे कोर्ट ने इंप्रूवमेंट ट्रस्ट को एक्स पार्टी करार दे दिया। इस पर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट को कंपनी का 900 करोड़ रुपए चुकाने के आदेश दिए गए हैं।
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जगतार सिंह संघेड़ा ने लिखा है कि इसमें बहुत बड़े सरकारी अधिकारी, बड़े गुंडे, बिल्डर्स, रियल एस्टेट माफिया प्राइवेट बेनिफिशियरी और बिचौलिए फंसेंगे। यह केस पंजाब सरकार की ज़ीरो टॉलरेंस अगेंस्ट करप्शन पॉलिसी को डेडिकेटेड है।
आपको बता दें कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने जगतार सिंह संघेड़ा को इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के चेयरमैन पद से हटाकर राजविंदर कौर थियाड़ा को चेयरमैन लगाया गया था। लेकिन सरकार ने अचानक राजविंदर कौर थिडाया को भी हटा दिया। थियाड़ा की जगह अब रमनीक सिंह रंधावा को जालंधर में चेयरमैन लगाया गया है।

इंप्रूवमेंट ट्रस्ट चुकाए 900 करोड़
हैरानी की बात तो यह है कि इंप्रूवमेंट ट्रस्ट जालंधर इस समय भयानक वित्तीय संकट से गुजर रहा है। ऊपर से नोएडा की कंपनी ने 900 करोड़ रुपए का केस कर दिया। कहा जा रहा है कि इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के पूर्व चेयरमैन जगतार सिंह संघेड़ा और ईओ रहे परमजीत गिल के समय इस केस की पैरवी हीं नहीं। जिससे ट्रस्ट 10 बार एक्स पार्टी हो गया।
कोर्ट ने इंप्रूवमेंट ट्रस्ट को नोएडा की कंपनी को 900 करोड़ रुपए चुकाने का फैसला किया है। जिससे इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के अफसरों की हालत पतली है। ट्रस्ट के पूर्व अफसरों की घटिया कारगुजारी से ट्रस्ट वित्तीय संकट में है। वहीं, 900 करोड़ रुपए की बड़ी तलवार ट्रस्ट की गर्दन पर है।






