Donkey Route: डंकी रूट से अमेरिका भेजने के नाम पर 70 लाख रुपए की ठगी, एजैंट पर FIR दर्ज

जनवरी 2024 में उसका उज्बेकिस्तान का टूरिस्ट वीजा लगा। 21 जनवरी को वह दिल्ली से ताशकंद पहुंचा। वहां एक माह रुकने के बाद 17 फरवरी को वापस दिल्ली भेज दिया

Daily Samvad
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Highlights
  • कैथल के अनिल से 70 लाख रुपए की ठगी
  • अमेरिका भेजने के नाम पर एजैंट ने ठगे
  • डंकी रूट से अमेरिका पहुंचे तो पकड़े गए

डेली संवाद, कैथल। Donkey Route to America: डंकी रूट से अमेरिका भेजने और वहां काम दिलवाने के नाम पर एक युवक से 70 लाख रुपये की ठगी की गई। युवक को कई देशों में बंधक बनाकर भी रखा गया था। किसी तरह वह अमेरिका (US) पहुंच भी गया, लेकिन वहां से उसे पकड़ कर भारत डिपोर्ट कर दिया गया।

मामला हरियाणा (Haryana) के कैथल (Kaithal) का है। कैथल के सांगन निवासी अनिल की शिकायत पर एजेंट गोंदर (करनाल) हाल निवासी कैथल सतनाम सिंह और दिल्ली निवासी सोनू पाहवा के विरुद्ध सिविल लाइन थाना में केस दर्ज किया गया है। इस दौरान अनिल ने 70 लाख रुपए गंवा दिए।

Fraud Travel Agent
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एजैंट सतनाम से फंसाया

पीड़ित अनिल ने बताया कि नवंबर 2023 में वह और उसका दोस्त सुनील एजेंट सतनाम सिंह के पास गए थे। अमेरिका भेजने को लेकर 50 लाख में बात हुई। पांच लाख और पासपोर्ट सहित सभी कागजात एजेंट को दिए थे।

उसे जर्मनी से अमेरिका 40 दिनों में भेजने की बात कही गई। जनवरी 2024 में उसका उज्बेकिस्तान का टूरिस्ट वीजा लगा। 21 जनवरी को वह दिल्ली से ताशकंद पहुंचा। वहां एक माह रुकने के बाद 17 फरवरी को वापस दिल्ली भेज दिया।

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दुबई में अवैध हिरासत में रखा

13 मार्च को दुबई भेज दिया गया। दुबई में 80 दिनों तक अवैध हिरासत में रखा गया। दो जून को कजाकिस्तान भेज दिया। अनिल ने बताया तीन जून को उसे और उसके साथ 300 लड़कों को लीबिया से होते हुए निकारागुआ ले गए। वहां से जंगल के रास्ते आगे रवाना किया।

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जंगल में उसे और पांच अन्य लड़कों को रोक कर कहा गया कि पहले पूरे पैसे दो फिर आगे जा पाओगे। डर के मारे परिवार ने एजेंटों को बकाया 45 लाख रुपये दे दिए। इसके बाद सभी को ग्वाटेमाला बार्डर से कैलवन के बीच एक महीना अवैध तरीके से बंधक बनाकर रखा।

मैक्सिको सिटी में बंधक बनाया

यातनाएं दी गईं और मारपीट की गई। फिर मैक्सिको सिटी ले गए और वहां 22 दिन तक बंधक बनाकर रखा। अगस्त 2024 में सभी को मैक्सिको पुलिस ने पकड़ लिया, लेकिन डोंकरों ने छुड़वा दिया।

26 अगस्त को डोंकरों ने दीवार से उन्हें अमेरिका बार्डर की तरफ फेंक दिया। वहां पुलिस ने पकड़ लिया और कैंप में रहना पड़ा। कैंप से निकलने में करीब 20 लाख खर्च हो गए। इसके बाद अमेरिका सरकार ने उसे भारत डिपोर्ट कर दिया।















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