Jalandhar: जालंधर के श्री राम न्यूरो सैंटर अस्पताल पर सनसनीखेज आरोप, शव के बदले में मांगा 4 लाख, जमकर हंगामा

परिजनों का दावा है कि पहले इतने बड़े बिल की कोई जानकारी नहीं दी गई थी और बिल में कई अनियमितताएं थीं। यही नहीं, परिवार के लोगों ने डाक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया।

Daily Samvad
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Shree Ram Neuro Centre Jalandhar
Highlights
  • मरीज के परिवार वालों ने जबरदस्त हंगामा किया
  • श्री राम न्यूरो सैंटर अस्पताल विवादों में रहता है
  • मरीज के परिवार वालों से मांगा 4 लाख

डेली संवाद, जालंधर। Jalandhar Shree Ram Neuro Centre Hospital News: जालंधर में श्री राम न्यूरो सैंटर अस्पताल पर सनसनीखेज आरोप लगा है। अस्पताल में भर्ती मरीज के परिवार वालों ने जबरदस्त हंगामा किया है। मरीज के परिवार वालों ने आरोप लगाया कि डाक्टरों की लापरवाही से उनके मरीज की मौत हो गई। उसके बाद शव के बदले 4 लाख रुपए मांग रहे हैं।

जानकारी के मुताबिक जालंधर (Jalandhar) के लाजपत नगर इलाके में स्थित श्री राम न्यूरो सेंटर (Shree Ram Neuro Centre) हॉस्पिटल देर रात जबरदस्त हंगामा हुआ। स्थानीय लोगों और एक मृतक मरीज के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल ने 4 लाख रुपए का मनमाना बिल थमा दिया और उसका भुगतान न होने तक मरीज का शव सौंपने से साफ इनकार कर दिया।

Shree Ram Neuro Centre Jalandhar
Shree Ram Neuro Centre Jalandhar

डाक्टरों की लापरवाही

जानकारी के अनुसार रमनदीप नामक एक युवक पिछले कुछ दिनों से अस्पताल में भर्ती था। परिजनों का कहना है कि मंगलवार शाम इलाज के दौरान रमनदीप की मौत हो गई। मौत के बाद जब परिवार ने शव मांगा तो अस्पताल प्रशासन ने रमनदीप के भाई जो एक निजी फैक्ट्री में काम करता है को 4 लाख रुपए का भारी-भरकम बिल थमा दिया।

परिजनों का दावा है कि पहले इतने बड़े बिल की कोई जानकारी नहीं दी गई थी और बिल में कई अनियमितताएं थीं। यही नहीं, परिवार के लोगों ने डाक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया। परिवार वालों ने कहा कि अगर सही से इलाज होता तो रमनदीप बच सकता था।

Shree Ram Neuro Centre Jalandhar Punjab
Shree Ram Neuro Centre Jalandhar Punjab

लोगों ने अस्पताल घेरा

जैसे ही इस मामले की सूचना रमनदीप के दोस्तों और कुछ स्थानीय समाजसेवियों को मिली वे तुरंत अस्पताल पहुंचे। इसके बाद अस्पताल परिसर के बाहर जमकर हंगामा शुरू हो गया। समाजसेवियों ने अस्पताल प्रशासन से बिल और शव न देने के मामले पर कड़ी और तीखी बहस की।

करीब ढाई घंटे तक चले इस हंगामे के बाद अस्पताल प्रशासन को बैकफुट पर आना पड़ा। अंत में 4 लाख रुपए के बिल को घटाकर सिर्फ 50 हजार रुपए में समझौता करने पर सहमति बनी। समझौता होने के बाद ही रमनदीप का शव परिवार वालों को सौंपा गया।

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4 लाख का बिल 50 हजार में कैसे हुआ?

इस दौरान मौजूद स्थानीय समाजसेवियों ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि यह कोई पहला मामला नहीं है और यह अस्पताल पहले भी विवादों में रह चुका है। जब 4 लाख रुपए का बिल अचानक 50 हजार में निपट गया तो यह सवाल उठना लाजमी है कि पहले इतने पैसे क्यों माँगे गए थे आजकल कई अस्पताल इलाज से ज्यादा बिल के नाम पर कारोबार करने लगे हैं।

यह साफ तौर पर मनमानी और बिल में गड़बड़ी का मामला है। फिलहाल शव परिवार को सौंप दिया गया है लेकिन इस घटना ने निजी अस्पतालों द्वारा इलाज के नाम पर की जा रही कथित लूट पर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। हालांकि इस मामले में अभी तक अस्पताल के तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।















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