डेली संवाद, नई दिल्ली/लखनऊ। Pankaj Choudhary UP BJP President News: उत्तर प्रदेश भाजपा को जल्द ही नया प्रदेश अध्यक्ष मिलने जा रहा है। केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने शनिवार को उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) भाजपा (BJP) अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है। उनके खिलाफ किसी अन्य नेता ने नामांकन नहीं किया है, ऐसे में उनका निर्विरोध चुना जाना लगभग तय माना जा रहा है।
औपचारिक रूप से पंकज चौधरी (Pankaj Choudhary) के नाम की घोषणा 14 दिसंबर (रविवार) को की जाएगी। इसके साथ ही पंकज चौधरी उत्तर प्रदेश भाजपा के 17वें प्रदेश अध्यक्ष बन जाएंगे। पार्टी सूत्रों के अनुसार, पंकज चौधरी का नाम प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में सबसे आगे चल रहा था। शनिवार को नामांकन दाखिल करने के बाद उनकी दावेदारी और मजबूत हो गई है।

सीएम योगी बने प्रस्तावक
सूत्र बता रहे हैं कि यदि अंतिम समय तक कोई और नामांकन सामने नहीं आता है, तो वे निर्विरोध अध्यक्ष चुने जाएंगे। केंद्रीय चुनाव अधिकारी और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) 14 दिसंबर को उनके नाम की औपचारिक घोषणा करेंगे। उनके नाम का प्रस्ताव खुद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने की।
विपक्ष के PDA फॉर्मूले की काट
भाजपा के इस फैसले को राजनीतिक रूप से बेहद अहम माना जा रहा है। पार्टी के भीतर इसे विपक्ष के ‘पीडीए फॉर्मूले’ (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) की काट के रूप में देखा जा रहा है। पंकज चौधरी (Pankaj Choudhary) कुर्मी बिरादरी से आते हैं, जो उत्तर प्रदेश की एक प्रभावशाली पिछड़ी जाति मानी जाती है। ऐसे में उनके प्रदेश अध्यक्ष बनने से भाजपा को ओबीसी वर्ग में अपनी पकड़ और मजबूत करने में मदद मिलने की उम्मीद है।
भाजपा नेतृत्व लंबे समय से सामाजिक संतुलन को ध्यान में रखते हुए संगठन में बदलाव करता रहा है। पंकज चौधरी का चयन इसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, ताकि 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले संगठन को नई दिशा और ऊर्जा दी जा सके।

पंकज चौधरी का राजनीतिक सफर
पंकज चौधरी (Pankaj Choudhary) ने राजनीति की शुरुआत पार्षद के रूप में की थी। जमीनी राजनीति से उठकर उन्होंने लंबा सफर तय किया है। वे सात बार सांसद रह चुके हैं और वर्तमान में केंद्र सरकार में वित्त राज्यमंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। वे गोरखपुर के रहने वाले हैं, जो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी गृह क्षेत्र है। इस कारण उनका राजनीतिक कद प्रदेश में और मजबूत माना जाता है।
पंकज चौधरी (Pankaj Choudhary) को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) का करीबी भी माना जाता है। पार्टी संगठन और केंद्रीय नेतृत्व में उनकी मजबूत पकड़ रही है। वे वही नेता हैं, जिनके घर एक बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) करीब 200 मीटर पैदल चलकर पहुंचे थे, जिसे राजनीतिक गलियारों में उनके कद का प्रतीक माना गया था।
कई नाम चर्चा में, लेकिन बाजी पंकज के हाथ
प्रदेश अध्यक्ष पद की रेस में कई बड़े नाम सामने आए थे। केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा का नाम भी चर्चा में था। वे राज्यसभा सदस्य हैं और लोध बिरादरी से आते हैं। इसके अलावा राज्यसभा सदस्य बाबूराम निषाद, पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह, प्रदेश महामंत्री अमर पाल मौर्य और पूर्व केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति के नाम भी संभावित दावेदारों में शामिल थे।
दलित वर्ग से विनोद सोनकर, विद्यासागर सोनकर और जुगल किशोर के नामों पर भी मंथन हुआ। लेकिन अंततः पार्टी नेतृत्व ने पंकज चौधरी पर भरोसा जताया और उन्हें प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए आगे किया। उनको कई बड़े नेताओं का भी समर्थन प्राप्त है।

बड़े नेताओं का समर्थन
पंकज चौधरी (Pankaj Choudhary) के नामांकन प्रस्तावकों की सूची भी काफी मजबूत रही। उनके प्रस्तावकों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, सूर्य प्रताप शाही, एके शर्मा, कमलेश पासवान, असीम अरुण, सुरेश कुमार खन्ना और बेबी रानी मौर्य जैसे दिग्गज नेताओं के नाम शामिल हैं। इससे साफ है कि संगठन और सरकार, दोनों स्तरों पर उन्हें व्यापक समर्थन प्राप्त है।
14 दिसंबर को होगा कार्यक्रम
प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव और घोषणा के लिए 14 दिसंबर को लखनऊ स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय परिसर के डॉ. आंबेडकर सभागार में कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इस मौके पर पार्टी के केंद्रीय पदाधिकारी, प्रदेश पदाधिकारी, सांसद, विधायक, महापौर, जिला पंचायत अध्यक्ष, जिलाध्यक्ष और मंडल अध्यक्षों को आमंत्रित किया गया है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, इस कार्यक्रम में करीब 3500 पदाधिकारियों के शामिल होने की संभावना है। इसे भाजपा के संगठनात्मक शक्ति प्रदर्शन के रूप में भी देखा जा रहा है।
संगठन को मिलेगी नई दिशा
पंकज चौधरी (Pankaj Choudhary) के प्रदेश अध्यक्ष बनने से उत्तर प्रदेश भाजपा संगठन में नए सिरे से सक्रियता आने की उम्मीद है। पार्टी नेतृत्व को भरोसा है कि उनके अनुभव, संगठनात्मक क्षमता और सामाजिक समीकरणों की समझ से भाजपा आने वाले चुनावों में और मजबूत स्थिति में पहुंचेगी। 2024 के बाद 2027 की तैयारियों के लिहाज से यह फैसला भाजपा के लिए बेहद अहम माना जा रहा है।






