डेली संवाद, चंडीगढ़। Holiday in Punjab: पंजाब में जिला परिषद और ब्लॉक समिति का आज यानी 14 दिसंबर को चुनाव है। सुबह 8 बजे से मतदान शुरू हो गया है। मतदान प्रक्रिया को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए टीचिंग और नॉन-टीचिंग स्टाफ की ड्यूटी लगाई गई है। जिससे अब सोमवार को छुट्टी की मांग तेज हो गई है।
पंजाब (Punjab) में रविवार को मतदान के कारण सरकारी कर्मचारियों को छुट्टी (Holiday) नहीं मिल सकी है। जिससे अब सरकारी कर्मचारियों ने सोमवार को छुट्टी की मांग की है। इसी बीच शिक्षक संगठन डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (DTF) ने चुनाव ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों और शिक्षकों को 15 दिसंबर को छुट्टी देने की मांग उठाई है।

सोमवार को छुट्टी की मांग
DTF का कहना है कि मतदान का कार्य 14 दिसंबर को देर शाम तक चलेगा। मतदान केंद्रों पर ड्यूटी करने वाले शिक्षक और कर्मचारी सुबह से देर रात तक कार्य में व्यस्त रहेंगे। कई कर्मचारियों को मतदान सामग्री जमा कराने, ईवीएम और अन्य चुनावी दस्तावेज लौटाने में भी काफी समय लग सकता है। ऐसे में देर रात घर पहुंचने के बाद अगले दिन काम पर आना उनके लिए मुश्किल होगा।
देर रात तक चलेगा चुनावी कार्य
शिक्षक संगठन का कहना है कि चुनाव के दिन कर्मचारियों को सुबह बहुत जल्दी घर से निकलना पड़ता है। मतदान केंद्रों तक पहुंचने, वोटिंग प्रक्रिया शुरू कराने और फिर मतदान खत्म होने के बाद सामग्री जमा कराने तक पूरा दिन निकल जाता है। कई बार यह प्रक्रिया रात के 10 से 11 बजे तक भी चलती है। ऐसे में कर्मचारियों को पर्याप्त आराम नहीं मिल पाता।
DTF ने कहा कि चुनाव ड्यूटी एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है, जिसे शिक्षक और कर्मचारी पूरी निष्ठा से निभाते हैं। लेकिन इसके बाद उन्हें अगले दिन आराम का अवसर दिया जाना भी जरूरी है। संगठन का तर्क है कि यदि 15 दिसंबर को छुट्टी दी जाती है, तो कर्मचारी मानसिक और शारीरिक रूप से तरोताजा होकर फिर से अपने नियमित कार्यों में लग सकेंगे।

चुनाव आयोग की ओर से कोई घोषणा नहीं
हालांकि, इस मामले में अभी तक चुनाव आयोग या राज्य सरकार की ओर से कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। 15 दिसंबर को छुट्टी देने को लेकर कोई आदेश जारी नहीं हुआ है। इसी वजह से DTF के साथ-साथ अन्य कर्मचारी और शिक्षक संगठन भी सरकार और चुनाव आयोग से छुट्टी घोषित करने की मांग कर रहे हैं।
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संगठनों का कहना है कि पहले भी कई चुनावों के बाद ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों को अगले दिन छुट्टी दी जाती रही है। इससे कर्मचारियों का मनोबल बढ़ता है और वे बिना किसी दबाव के चुनावी कार्य को संपन्न कर पाते हैं। इस बार भी यही व्यवस्था लागू की जानी चाहिए।
कर्मचारियों की समस्याएं
चुनाव ड्यूटी पर लगाए गए कई कर्मचारी दूर-दराज के इलाकों में तैनात किए गए हैं। उन्हें अपने घर से काफी दूर मतदान केंद्रों तक जाना पड़ता है। देर रात लौटने के बाद अगली सुबह फिर से स्कूल या कार्यालय पहुंचना उनके लिए परेशानी भरा हो सकता है। खासकर महिला कर्मचारियों और बुजुर्ग शिक्षकों के लिए यह स्थिति और भी कठिन हो जाती है।
कर्मचारियों का कहना है कि चुनाव ड्यूटी के दौरान उन्हें लगातार सतर्क रहना पड़ता है। मतदान प्रक्रिया की निगरानी, मतदाताओं को सहयोग और चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों का पालन करना मानसिक रूप से थकाने वाला होता है। ऐसे में एक दिन की छुट्टी उनकी सेहत और कार्यक्षमता के लिए जरूरी है।

सरकार से जल्द फैसला लेने की मांग
DTF ने राज्य सरकार और चुनाव आयोग से अपील की है कि कर्मचारियों की स्थिति को ध्यान में रखते हुए 15 दिसंबर को अवकाश घोषित किया जाए। संगठन का कहना है कि यह फैसला कर्मचारियों के हित में होगा और इससे किसी भी तरह की प्रशासनिक बाधा नहीं आएगी।
वहीं, कर्मचारी संगठनों का यह भी कहना है कि यदि समय रहते छुट्टी को लेकर स्पष्ट आदेश जारी नहीं किया गया, तो कर्मचारियों में असमंजस की स्थिति बनी रहेगी। इससे कार्यस्थलों पर परेशानी हो सकती है।
अब सभी की नजरें चुनाव आयोग और पंजाब सरकार के फैसले पर टिकी हैं। यदि 15 दिसंबर को छुट्टी की घोषणा होती है, तो यह चुनाव ड्यूटी पर तैनात हजारों कर्मचारियों और शिक्षकों को बड़ी राहत देगी।






