डेली संवाद, जालंधर/कपूरथला। IKG PTU News: AI आधारित अर्थव्यवस्था के लिए छात्रों को तैयार करने की दिशा में आई.के.गुजराल पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी (IKG PTU) ने एक निर्णायक कदम उठाया है। यूनिवर्सिटी ने कंप्यूटर साइंस एवं IT से जुड़ी सभी इंजीनियरिंग कोर्स ब्रांचेस में AI केंद्रित पाठ्यक्रम शुरू करने तथा इंजीनियरिंग व अन्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी स्ट्रीम्स के छात्रों के लिए विश्वविद्यालय-स्तर का फाउंडेशन प्रोग्राम “पावर ऑफ़ AI” लागू करने की पहल की है।
नए युग की शुरूआत
यूनिवर्सिटी एवं सारस AI इंस्टिट्यूट के बीच इस सबंध में मिलकर आगे बढ़ने को एक करार हुआ है। कुलपति प्रो (डा) सुशील मित्तल ने इस पहल को नए युग की शुरूआत बताया है। करार के हवाले से कुलपति डा.मित्तल ने बताया की इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि आई.के.जी पी.टी.यू का हर स्नातक विद्यार्थी AI की कार्यात्मक समझ के साथ विश्वविद्यालय से निकले।
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आई.के.जी पी.टी.यू AI को सिर्फ एक तकनीकी ट्रेंड नहीं, बल्कि एक व्यावहारिक टूल के रूप में समझे और जो सेवाओं, मैन्युफैक्चरिंग, शिक्षा, हेल्थकेयर, बिज़नेस ऑपरेशंस जैसे क्षेत्रों को तेज़ी से बदल रहा है, उसमें अपनी परिपक्क भागीदारी निभाए।
पावर ऑफ़ AI प्रोग्राम ऑनलाइन मोड में संचालित
विश्वविद्यालय अधिकारियों के अनुसार यह योजना बदलते जॉब मार्केट के लिए छात्रों की तैयारी को मज़बूत करेगी एवं रोज़गार-क्षमता बढ़ाने में मदद करेगी। उन्होंने कहा कि यह कोर्स इंडस्ट्री इनपुट्स के साथ विकसित किए जा रहे हैं और माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, एप्पल जैसी अग्रणी वैश्विक टेक कंपनियों से जुड़े प्रोफेशनल्स सहित अन्य विशेषज्ञों के सहयोग से डिज़ाइन किए जा रहे हैं।

उनका कहना है कि यह इंडस्ट्री-अलाइन दृष्टिकोण छात्रों को AI को वास्तविक दुनिया के उपयोग मामलों एवं भविष्य की भूमिकाओं के अनुरूप सीखने में सक्षम बनाएगा। कुलपति डॉ. सुशील मित्तल ने कहा कि “पावर ऑफ़ ए.आई” प्रोग्राम ऑनलाइन मोड में संचालित किया जाएगा।
AI अब वैकल्पिक नहीं रहा
विश्वविद्यालय प्रशिक्षण की पूरी लागत वहन करेगा, ताकि अधिकतम छात्रों तक इसकी पहुँच सुनिश्चित हो सके। इसे छात्रों के लिए अनिवार्य किए जाने की भी योजना है।
उन्होंने कहा “AI अब वैकल्पिक नहीं रहा—यह हर सेक्टर में करियर के लिए एक बुनियादी जीवन-कौशल बन रहा है। हमारा उद्देश्य है कि आई.के.जी पी.टी.यू का हर ग्रेजुएट AI को जिम्मेदारी से समझने और उपयोग करने में सक्षम हो, ताकि वह भविष्य में प्रतिस्पर्धा कर सके, योगदान दे सके और नेतृत्व कर सके।”

इससे बेहतर प्लेसमेंट के द्वार भी खुलेंगे
सारस ए.आई इंस्टिट्यूट (यू.एस.ए) के प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक का नेतृत्व कर रहे अमित कटारिया (को-फाउंडर) एवं अमन गुप्ता (सी.टी.ओ) ने छात्रों की तैयारी को मजबूत करने एवं संरचित करियर पाथवे विकसित करने पर चर्चा की। सारस AI इंस्टिट्यूट ने यह कार्यक्रम अत्यधिक सब्सिडाइज़्ड दरों पर उपलब्ध कराने की पेशकश की है, जिसकी लागत विश्वविद्यालय अपनी छात्र-अपस्किलिंग प्रतिबद्धता के तहत वहन करेगा।
यह पहल राज्य सरकार द्वारा विश्वविद्यालयों को उभरती इंडस्ट्री जरूरतों के अनुरूप शैक्षणिक कार्यक्रमों के आधुनिकीकरण हेतु प्रोत्साहित करने की दिशा के साथ भी मेल खाती है और इससे छात्रों के लिए बेहतर प्लेसमेंट के द्वार भी खुलेंगे।






