डेली संवाद, जालंधर। Jalandhar ED Action Donkey Route Illegal Immigration Racket: पंजाब और हरियाणा में सक्रिय गैर-कानूनी इमिग्रेशन और मानव तस्करी के एक बड़े नेटवर्क पर इन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने कड़ा शिकंजा कसते हुए बड़ी कार्रवाई की है। तीन ट्रेवल एजैटों पर एक्शन के बाद ईडी की जांच कुछ और इमीग्रेशन संचालकों और ट्रेवल एजैंटों पर टिक गई है।
जालंधर (Jalandhar) में ईडी (ED) की टीम ने बड़ी कार्रवाई की है। डंकी रूट के जरिए युवाओं को अवैध रूप से अमेरिका भेजने वाले इस रैकेट से जुड़े तीन एजेंटों की कुल 5.41 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति को अस्थायी रूप से जब्त कर लिया गया है। यह कार्रवाई ईडी की जालंधर (Jalandhar) जोन द्वारा की गई है।

जालंधर बस स्टैंड के इमीग्रेशन से जुड़ा तार
सूत्र बता रहे हैं कि करीब 12 ट्रैवल एजैंट और हैं, जिनकी जांच की जा रही है, जो जालंधर, चंडीगढ़ और हरियाणा के बताए जा रहे हैं। ईडी ने ट्रैवल एजैंट शुभम शर्मा, जगजीत सिंह और सुरमुख सिंह के खिलाफ सख्त एक्शन लिया है। इनके तार बड़े इमीग्रेशन संचालकों से जुड़े हैं। जांच में कई लोगों के नाम सामने आई हैं।
जांच में सामने आया है कि ये तीनों आरोपी लंबे समय से गैर-कानूनी इमिग्रेशन नेटवर्क का हिस्सा थे और युवाओं को कानूनी तरीके से विदेश भेजने का झांसा देकर उनसे मोटी रकम वसूलते थे। बाद में उन्हें डंकी रूट जैसे खतरनाक और अवैध रास्तों से अमेरिका पहुंचाया जाता था। इनके तार जालंधर के दो बड़े इमीग्रेशन संचालकों से जुड़े हैं।
डंकी रूट का मास्टर माइंड
ईडी की जांच में खुलासा हुआ है कि आरोपी एजेंट खुद को अधिकृत इमिग्रेशन कंसल्टेंट के रूप में पेश करते थे। वे युवाओं और उनके परिवारों को भरोसा दिलाते थे कि उन्हें वर्क परमिट या वैध वीजा के जरिए अमेरिका भेजा जाएगा। लेकिन हकीकत में युवाओं को अवैध रास्तों से कई देशों की सीमाएं पार कराकर अमेरिका में दाखिल कराया जाता था।
इस प्रक्रिया में युवाओं को भारी मानसिक, शारीरिक और आर्थिक शोषण का सामना करना पड़ता था। कई मामलों में युवाओं को महीनों तक अलग-अलग देशों में छिपकर रहना पड़ता था और जान जोखिम में डालकर सीमाएं पार करनी पड़ती थीं।

इन एजैंटों की जब्त की गई संपत्ति
ईडी अधिकारियों के अनुसार, जब्त की गई संपत्तियों में कृषि भूमि, आवासीय मकान और व्यवसायिक इमारतें शामिल हैं। इसके अलावा आरोपियों और उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर मौजूद कई बैंक खातों को भी फ्रीज कर दिया गया है। ईडी का कहना है कि ये सभी संपत्तियां अपराध से अर्जित धन से बनाई गई हैं या उसके बराबर मूल्य की हैं।
ईडी ने यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत की है। एजेंसी का मानना है कि इस नेटवर्क के जरिए करोड़ों रुपये का अवैध लेन-देन किया गया है। जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपी एजेंट युवाओं को सीधे अमेरिका भेजने के बजाय एक संगठित नेटवर्क के तहत काम करते थे।

जालंधर से दुबई तक फैला जाल
युवाओं को पहले विजिटर वीजा या फर्जी दस्तावेजों के जरिए अन्य देशों में भेजा जाता था। वहां से उन्हें डंकी रूट के माध्यम से अमेरिका पहुंचाया जाता था। इस पूरे नेटवर्क में कई अन्य एजेंट, ट्रैवल ऑपरेटर और स्थानीय संपर्क शामिल थे, जो अलग-अलग देशों में युवाओं को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने का काम करते थे।
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इन तीनों एजैटों के आका जालंधर, दुबई और कई देशों में हैं। जालंधर में बस स्टैंड के पास दो बड़ी इमीग्रेशन इन एजैंटों को संरक्षण देती है। ईडी जल्द ही दो बड़ी इमीग्रेशन कंपनियों के मालिकों से पूछताछ कर सकती है। जालंधर बस स्टैंड के पास स्थित इन इमीग्रेशन संचालकों का डंकी रूट का सबसे बड़ा काम बताया जा रहा है।
330 भारतीय किए गए थे डिपोर्ट
गौरतलब है कि फरवरी 2025 में अमेरिकी सरकार ने गैर-कानूनी तरीके से अमेरिका में दाखिल हुए 330 भारतीय नागरिकों को डिपोर्ट किया था। इनमें बड़ी संख्या पंजाब और हरियाणा के युवाओं की थी। इस घटना के बाद राज्य पुलिस और केंद्रीय एजेंसियां सतर्क हुईं और अवैध इमिग्रेशन रैकेट्स पर कार्रवाई तेज की गई।
पंजाब और हरियाणा पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर ईडी ने इस पूरे मामले में जांच शुरू की थी। जांच आगे बढ़ने पर यह बड़ा नेटवर्क सामने आया, जिसमें कई राज्यों और देशों तक फैले तार मिले।

अन्य आरोपियों की तलाश जारी
ईडी अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई अभी शुरुआती चरण में है। इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की भूमिका की भी गहन जांच की जा रही है। आने वाले समय में और गिरफ्तारियां तथा संपत्ति जब्ती की कार्रवाई हो सकती है।
ईडी ने युवाओं और उनके परिवारों से भी अपील की है कि वे विदेश जाने के नाम पर किसी भी अनधिकृत एजेंट के झांसे में न आएं और केवल सरकारी तौर पर मान्यता प्राप्त इमिग्रेशन चैनलों का ही सहारा लें।
समाज के लिए चेतावनी
यह मामला एक बार फिर इस बात को उजागर करता है कि विदेश जाने के सपने को भुनाकर किस तरह युवाओं को ठगा जा रहा है। डंकी रूट जैसे अवैध रास्ते न सिर्फ गैर-कानूनी हैं, बल्कि युवाओं की जान के लिए भी बेहद खतरनाक साबित हो सकते हैं। ईडी की यह कार्रवाई ऐसे रैकेट्स के खिलाफ एक कड़ा संदेश मानी जा रही है कि कानून से बच पाना आसान नहीं होगा।






