डेली संवाद, असम। Rajdhani Express Accident: Assam Elephant Train Accident Lumding News – असम के लुमडिंग डिवीजन में शनिवार तड़के एक बेहद दर्दनाक और चिंताजनक रेल हादसा सामने आया। सैरांग–नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस जंगली हाथियों के एक झुंड से टकरा गई, जिससे आठ हाथियों की मौके पर ही मौत हो गई। टक्कर इतनी भीषण थी कि ट्रेन का इंजन और उसके पांच डिब्बे पटरी से उतर गए।
यह हादसा असम (Assam) के होजाई जिले में हुआ, जो पहले से ही हाथियों के पारंपरिक आवागमन क्षेत्र के रूप में जाना जाता है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह दुर्घटना शनिवार सुबह करीब तड़के उस समय हुई, जब राजधानी एक्सप्रेस (Rajdhani Express) तेज गति से अपने गंतव्य की ओर जा रही थी।

रेलवे ट्रेक पार कर रहे हाथियों से टक्कर
रेलवे और वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि हाथियों का एक झुंड रेलवे ट्रैक पार कर रहा था, तभी ट्रेन उनसे टकरा गई। हादसे में आठ हाथियों की मौत हो गई, जिनमें वयस्क और किशोर हाथी शामिल बताए जा रहे हैं। यह दृश्य अत्यंत हृदयविदारक था और स्थानीय लोगों में भी गहरा शोक देखा गया।
हालांकि इस भयावह हादसे के बावजूद राहत की बात यह रही कि ट्रेन में सवार किसी भी यात्री के हताहत होने की सूचना नहीं है। यात्रियों को हल्की चोटें या झटके लगने की खबर नहीं मिली है, जिससे एक बड़ा मानवीय नुकसान टल गया। रेलवे अधिकारियों ने यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू किया।
कई रेल सेवाएं प्रभावित हो गई
हादसे के कारण ऊपरी असम और पूर्वोत्तर भारत की कई रेल सेवाएं प्रभावित हो गई हैं। राजधानी एक्सप्रेस के पटरी से उतरने के चलते इस मार्ग पर रेल यातायात पूरी तरह बाधित हो गया। कई ट्रेनों को रद्द किया गया है, जबकि कुछ को वैकल्पिक मार्गों से चलाया जा रहा है।
रेलवे प्रशासन ने यात्रियों की असुविधा को कम करने के लिए वैकल्पिक यात्रा व्यवस्था शुरू कर दी है और जरूरत पड़ने पर बसों और अन्य ट्रेनों की मदद से यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। रेलवे और वन विभाग की संयुक्त टीमें मौके पर मौजूद हैं।

ट्रैक को बहाल करने का काम जारी
भारी मशीनरी की मदद से पटरी से उतरे डिब्बों को हटाने और ट्रैक को जल्द से जल्द बहाल करने का काम जारी है। साथ ही, मृत हाथियों को ट्रैक से हटाने और वन क्षेत्र में अंतिम संस्कार की प्रक्रिया भी वन विभाग की निगरानी में की जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि ट्रैक की मरम्मत में समय लग सकता है, लेकिन प्रयास किया जा रहा है कि रेल सेवाएं जल्द सामान्य हो सकें।
यह हादसा एक बार फिर असम और पूर्वोत्तर राज्यों में मानव–वन्यजीव संघर्ष की गंभीर समस्या को उजागर करता है। इस क्षेत्र में हाथियों के पारंपरिक गलियारे कई जगहों पर रेलवे ट्रैक और सड़कों से कटे हुए हैं। विशेषज्ञों और पर्यावरणविदों का कहना है कि ऐसे हादसों को रोकने के लिए हाथी गलियारों की पहचान, ट्रेनों की गति पर नियंत्रण, चेतावनी प्रणाली और अंडरपास या ओवरपास जैसे स्थायी समाधान जरूरी हैं।
घटना पर गहरा दुख जताया
स्थानीय लोगों और वन्यजीव प्रेमियों ने इस घटना पर गहरा दुख जताया है और सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग की है। यह हादसा न केवल वन्यजीव संरक्षण पर सवाल खड़े करता है, बल्कि विकास और प्रकृति के बीच संतुलन की आवश्यकता को भी रेखांकित करता है।






