डेली संवाद, नई दिल्ली/अंबाला/जालंधर। ED Raid multiple locations in Haryana, Punjab and Delhi in a major crackdown on dunki route networks: डंकी रूट के जरिए अमेरिका और अन्य देशों में लोगों को अवैध रूप से भेजने वाले नेटवर्क के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई जारी है। चंडीगढ़ और जालंधर स्थित ईडी कार्यालय की टीमों ने पंजाब और हरियाणा में एक साथ कई जगहों पर छापेमारी कर इनके बड़े रैकेट को बेनकाब कर दिया। इस रैकेट में जालंधर के रिची ट्रैवल्स के साथ भाजपा नेताओं की सांठगांठ सामने आई है।
ईडी (ED Raid) सूत्रों के मुताबिक डंकी रूट यानी मानव तस्करी के इस बड़े रैकेट में भाजपा नेता और सरकारी अफसर भी संलिप्त हैं। हरियाणा के कुरुक्षेत्र, पानीपत और करनाल जिलों में जिन ट्रैवल एजेंटों के ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की गई, उसके आका भाजपा का एक बड़ा नेता है। ईडी की इस कार्रवाई से अवैध ट्रैवल एजेंटों और डंकी नेटवर्क से जुड़े लोगों में हड़कंप मच गया है।

भाजपा से चुनाव लड़ चुका है एजैंट
ईडी सूत्रों के अनुसार, कुरुक्षेत्र के पिहोवा, पानीपत के गांव अहर-कुराना और करनाल के निसिंग इलाके में एजेंटों के घरों की तलाशी ली गई। पानीपत का एजेंट बलवान अहर राजनीतिक रूप से सक्रिय बताया जा रहा है और वह भाजपा से जुड़ा नेता है। वर्ष 2005 में वह नौल्था विधानसभा क्षेत्र से बलवान अहर चुनाव भी लड़ चुका है। बलवान अहर के खिलाफ मतलौडा थाने में विदेश भेजने के नाम पर धोखाधड़ी के कई मामले दर्ज हैं।
ग्राम सचिव भी बना डंकी रूट का एजैंट
इस मामले में दूसरा बड़ा नाम करनाल जिले में तैनात ग्राम सचिव प्रवीण का है। वह पंचायत विभाग में खेल कोटे से नियुक्त हुआ था और वर्तमान में करनाल में ही उसकी पोस्टिंग है। ईडी की जांच में सामने आया है कि प्रवीण अवैध ट्रैवल नेटवर्क में सक्रिय भूमिका निभा रहा था। करनाल के कुराना गांव निवासी प्रदीप के यहां भी ईडी की टीम पहुंची।
जांच एजेंसी के मुताबिक, प्रवीण और प्रदीप आपस में पार्टनर हैं और दोनों मिलकर विदेश भेजने का यह अवैध कारोबार चला रहे थे। ईडी की टीमों ने इन सभी ठिकानों से दस्तावेज, मोबाइल फोन, बैंक रिकॉर्ड और अन्य डिजिटल साक्ष्य जब्त किए हैं। इनकी जांच की जा रही है ताकि पूरे नेटवर्क की कड़ियों को जोड़ा जा सके।

एजेंटों पर पहले भी कार्रवाई
करीब पांच महीने पहले भी ईडी ने पिहोवा और इस्माईलाबाद में दो ट्रैवल एजेंटों के ठिकानों पर छापेमारी की थी। पिहोवा के मॉडल टाउन में स्थित वीजा एजेंट विशाल चावला के घर पर भी ईडी की टीम पहुंची थी। विशाल चावला का नेटवर्क हरियाणा, पंजाब और हिमाचल प्रदेश तक फैला बताया जा रहा है।
ईडी को संदेह है कि उसने डंकी रूट के जरिए कई लोगों को अवैध रूप से विदेश भेजा और उनसे करोड़ों रुपये वसूले। फिलहाल विशाल चावला के फरार होने की अटकलें भी तेज हैं। इनके तार पंजाब के जालंधर में रिची ट्रैवल्स के साथ कैसे जुड़ रहे हैं, इसकी पड़ताल जारी है।
हरियाणा से सबसे ज्यादा डिपोर्ट हुए युवक
डंकी रूट का यह मामला ऐसे समय सामने आया है, जब अमेरिका से भारतीय नागरिकों के डिपोर्ट होने के आंकड़े चिंताजनक स्तर पर पहुंच चुके हैं। इस वर्ष 20 जनवरी से 22 जुलाई के बीच अमेरिका से 1,703 भारतीय नागरिकों को डिपोर्ट किया गया, जिनमें से 604 युवक अकेले हरियाणा के हैं। हरियाणा पुलिस की वेबसाइट के अनुसार, राज्य में फिलहाल 188 अवैध ट्रैवल एजेंट सक्रिय हैं।
आपको बता दें कि वर्ष 2019 में ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ विशेष जांच दल (SIT) के गठन के बाद से सितंबर 2024 तक 3,455 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। इनमें 3,053 एजेंटों की गिरफ्तारी हो चुकी है और विभिन्न गिरोहों से 52.06 करोड़ रुपये की राशि बरामद की गई है।

प्रॉपर्टी के कागज रखकर वसूली जाती थी रकम
ईडी की जांच में डंकी रूट से जुड़े एक बड़े एजेंट के कारनामे सामने आए हैं। जांच एजेंसी के अनुसार, हरियाणा का एक प्रमुख डंकी ऑपरेटर लोगों को मेक्सिको के रास्ते अवैध रूप से अमेरिका भेजने के बदले उनसे भारी रकम वसूलता था। भुगतान की गारंटी के तौर पर वह पीड़ितों के मकान और जमीन के कागजात अपने पास रख लेता था। कई मामलों में लोगों को पूरा पैसा चुकाने के बाद ही उनके दस्तावेज लौटाए जाते थे।
13 ठिकानों पर छापेमारी
ईडी की जालंधर ज़ोनल यूनिट ने 18 दिसंबर को पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के 13 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी। इस दौरान दिल्ली स्थित एक ट्रैवल एजेंट के परिसर से 4.62 करोड़ रुपये नकद, 313 किलो चांदी और 6 किलो सोने की ईंटें बरामद की गईं। जब्त किए गए सोने-चांदी और नकदी की कुल कीमत करीब 19.13 करोड़ रुपये आंकी गई है।
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छापेमारी के दौरान डंकी नेटवर्क से जुड़े लोगों की आपसी बातचीत के रिकॉर्ड, मोबाइल फोन, डायरी और कई आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद हुए हैं, जिनसे नेटवर्क की अंतरराष्ट्रीय कड़ियों का पता चला है। इस बड़ी कार्रवाई में जालंधर के रिची ट्रैवल्स के मालिक सतनाम मुलतानी के घर और दफ्तर में एक साथ रेड डाली गई।

कई स्तरों में काम करता था नेटवर्क
ईडी अधिकारियों के अनुसार, डंकी रूट का यह नेटवर्क कई स्तरों में काम करता था। इसमें ट्रैवल एजेंट, स्थानीय बिचौलिए, डंकी ऑपरेटर, विदेशों में मौजूद सहयोगी, हवाला नेटवर्क और यात्रा व ठहरने की व्यवस्था करने वाले लोग शामिल थे। एजेंट पहले लोगों को कानूनी तरीके से अमेरिका भेजने का झांसा देते थे, लेकिन बाद में उन्हें दक्षिण अमेरिकी देशों के खतरनाक और अवैध रास्तों से भेजा जाता था।
जांच में यह भी सामने आया है कि इस दौरान कई लोगों को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया, उनसे अतिरिक्त पैसे वसूले गए और कुछ मामलों में उन्हें अवैध गतिविधियों में शामिल होने के लिए मजबूर किया गया।
5.41 करोड़ की संपत्ति कुर्क
ईडी ने हाल ही में इस मामले में अवैध कमाई से जुड़ी 5.41 करोड़ रुपये की संपत्तियों को कुर्क किया है। इनमें कृषि भूमि, रिहायशी और व्यावसायिक संपत्तियां तथा बैंक खाते शामिल हैं। ये संपत्तियां डंकी रूट के जरिए लोगों को अवैध रूप से अमेरिका भेजने वाले एजेंटों और उनके परिजनों के नाम पर पाई गई हैं। ईडी का कहना है कि जांच अभी जारी है और आने वाले दिनों में इस मामले में और भी बड़े खुलासे तथा गिरफ्तारियां हो सकती हैं।






