डेली संवाद, न्यूजीलैंड। New Zealand Sikh Nagar Kirtan Faces Protest: न्यूजीलैंड के साउथ ऑकलैंड में सिख समुदाय द्वारा निकाले जा रहे नगर कीर्तन के दौरान उस समय तनाव की स्थिति पैदा हो गई, जब स्थानीय लोगों के एक समूह ने इसका विरोध करते हुए नगर कीर्तन का रास्ता रोक दिया। जिससे वहां तनाव की स्थिति पैदा हो गई। मौके पर पुलिस पहुंची और मामले को शांत करवाया।
प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी के साथ माओरी संस्कृति से जुड़ा पारंपरिक ‘हाका’ प्रदर्शन किया और हाथों में बैनर लहराए, जिन पर “दिस इज न्यूजीलैंड, नॉट इंडिया” और “न्यूजीलैंड को न्यूजीलैंड ही रहने दो, यह हमारी जमीन है” जैसे संदेश लिखे थे। हालांकि न्यूजीलैंड पुलिस की तत्परता से स्थिति को नियंत्रित कर लिया गया और किसी तरह की हिंसा नहीं हुई।
साउथ ऑकलैंड में नगर कीर्तन का विरोध
जानकारी के मुताबिक सिख समुदाय की ओर से यह नगर कीर्तन साउथ ऑकलैंड स्थित गुरुद्वारा नानकसर ठाठ इशर दरबार, मनुरेवा से शुरू हुआ था। नगर कीर्तन पूरे इलाके में शांतिपूर्ण तरीके से घूमने के बाद गुरुद्वारे की ओर लौट रहा था। सिख लीडर सन्नी सिंह ने बताया कि जैसे ही नगर कीर्तन गुरुद्वारे के नजदीक पहुंचा, तभी करीब 30 से 35 लोगों का एक लोकल ग्रुप वहां आ गया और सामने खड़े होकर रास्ता रोक लिया।

प्रदर्शनकारियों ने अचानक नारेबाजी शुरू कर दी और इसके बाद उन्होंने सामूहिक रूप से हाका प्रदर्शन किया। यह दृश्य सिख समुदाय के लोगों के लिए चौंकाने वाला था, क्योंकि नगर कीर्तन पूरी तरह धार्मिक और शांतिपूर्ण था तथा पहले कभी इस तरह का विरोध देखने को नहीं मिला था। सन्नी सिंह के अनुसार, “हमें समझ नहीं आ रहा था कि विरोध की वजह क्या है। इसके बावजूद समुदाय के लोगों ने संयम रखा और किसी भी तरह की प्रतिक्रिया से बचते रहे।”
न्यूजीलैंड पुलिस मौके पर पहुंची
इस घटनाक्रम के दौरान सिख समुदाय के लोग असमंजस में जरूर पड़े, लेकिन उन्होंने स्थिति को बिगड़ने नहीं दिया। नगर कीर्तन में शामिल लोगों ने आपसी अनुशासन बनाए रखा और किसी भी प्रकार की टकराव की स्थिति से दूर रहे। इसी बीच न्यूजीलैंड पुलिस मौके पर पहुंच गई।
पुलिस ने दोनों पक्षों से शांति बनाए रखने की अपील की और स्पष्ट रूप से कहा कि किसी भी तरह की झड़प बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद कुछ ही देर में प्रदर्शनकारी एक ओर हट गए, जिससे नगर कीर्तन को आगे बढ़ने का रास्ता मिल गया और जुलूस सुरक्षित रूप से गुरुद्वारे में प्रवेश कर गया।
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घटना के बाद यह मामला सोशल मीडिया और स्थानीय समुदायों में चर्चा का विषय बन गया। साउथ ऑकलैंड को न्यूजीलैंड का एक बहुसांस्कृतिक इलाका माना जाता है, जहां माओरी, यूरोपीय, एशियाई और पैसिफिक समुदाय के लोग मिल-जुलकर रहते हैं। ऐसे में किसी धार्मिक आयोजन का इस तरह विरोध किया जाना कई सवाल खड़े करता है।
क्या है हाका प्रदर्शन
हाका न्यूजीलैंड की माओरी संस्कृति से जुड़ा एक पारंपरिक प्रदर्शन है, जिसे आमतौर पर सम्मान, स्वागत, एकजुटता या अपनी बात को प्रभावशाली तरीके से रखने के लिए किया जाता है। हाका में जोरदार सामूहिक स्वर, पैरों की थाप, हाथों की तेज गति और चेहरे के भावों के जरिए भावनाएं व्यक्त की जाती हैं। इसका उपयोग सांस्कृतिक कार्यक्रमों, सरकारी आयोजनों, खेल प्रतियोगिताओं और कई बार विरोध प्रदर्शनों में भी किया जाता है।

हालांकि माओरी समुदाय के कई नेताओं और सांस्कृतिक विशेषज्ञों का मानना है कि हाका का प्रयोग सही संदर्भ, मर्यादा और सम्मान के साथ होना चाहिए। सार्वजनिक स्थानों पर किसी अन्य समुदाय के धार्मिक आयोजन के दौरान किया गया हाका कभी-कभी विवाद का कारण बन सकता है। यही वजह है कि ऐसे मामलों में पुलिस और प्रशासन की भूमिका बेहद अहम हो जाती है, ताकि सांस्कृतिक अभिव्यक्ति और सामाजिक सौहार्द के बीच संतुलन बना रहे।
हाका करने के कारण सुर्खियों में
गौरतलब है कि इससे पहले भी हाका प्रदर्शन राजनीति और सार्वजनिक जीवन में चर्चा में रहा है। न्यूजीलैंड की युवा सांसद हाना-राविती माइपी क्लार्क संसद में हाका करने के कारण सुर्खियों में आई थीं। 2023 के चुनाव के बाद ते पाटी माओरी पार्टी से सांसद बनीं माइपी क्लार्क ने संसद में अपनी पहली स्पीच के दौरान माओरी भाषा का प्रयोग किया था और हाका के जरिए माओरी संस्कृति, भाषा और भूमि के संरक्षण का संदेश दिया था। वह 1853 के बाद न्यूजीलैंड की सबसे कम उम्र की सांसदों में से एक हैं।
साउथ ऑकलैंड की यह घटना एक बार फिर यह सवाल खड़ा करती है कि बहुसांस्कृतिक समाज में विभिन्न समुदायों के बीच आपसी सम्मान और संवाद कितना जरूरी है। सिख समुदाय ने जिस तरह संयम और शांति का परिचय दिया, वह सराहनीय है। वहीं प्रशासन के लिए भी यह एक संकेत है कि भविष्य में ऐसे आयोजनों के दौरान बेहतर समन्वय और संवाद की जरूरत है, ताकि न्यूजीलैंड की विविधतापूर्ण पहचान बनी रहे और किसी भी समुदाय को असुरक्षा का एहसास न हो।






