डेली संवाद, लुधियाना/तरनतारन। Punjab News: जमीन खरीद-फरोख्त के नाम पर 55 लाख रुपये की बड़ी ठगी का मामला सामने आया है। आरोप है कि एक कालोनाइजर से बयाने के रूप में मोटी रकम लेने के बावजूद न केवल जमीन की रजिस्ट्री से इनकार कर दिया गया, बल्कि सौदे से जुड़ा इकरारनामा भी फाड़कर ढाबे के तंदूर में जला दिया गया।
पंजाब (Punjab) के थाना सिटी तरनतारन (Tran Taran) पुलिस ने इस मामले में 11 आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि अन्य आरोपी फरार बताए जा रहे हैं। 55 लाख की ठगी लुधियाना (Ludhiana) के मशहूर कालोनाइजर के साथ हुआ है।

ऐसे ठगा गया कालोनाइजर
मिली जानकारी के अनुसार लुधियाना के चंडीगढ़ रोड सेक्टर-32 स्थित कोठी नंबर 1442 निवासी मुकेश वर्मा पिछले करीब दस वर्षों से कालोनाइजर का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने 6 मई को तरनतारन जिले के गांव जवंदा कलां निवासी प्रगट सिंह के साथ जमीन खरीदने को लेकर इकरारनामा किया था।
यह जमीन लुधियाना के जालंधर बाईपास के समीप गांव भट्टियां की हदबंदी में स्थित बताई जा रही है। दोनों पक्षों के बीच कुल सौदा 5.50 करोड़ रुपये में तय हुआ था। समझौते के अनुसार भुगतान किश्तों में किया जाना था। पहले चरण में 6 मई को 25 लाख रुपये और इसके बाद 16 जून को 30 लाख रुपये प्रगट सिंह को दिए गए।

55 लाख रुपए बयाना मांगा
इस प्रकार मुकेश वर्मा ने कुल 55 लाख रुपये बतौर पेशगी राशि आरोपी को सौंपे। पीड़ित मुकेश वर्मा के अनुसार तय समय बीतने के बावजूद प्रगट सिंह ने जमीन की रजिस्ट्री कराने से साफ इनकार कर दिया। जब उन्होंने अपने पैसे वापस मांगे तो आरोपी लगातार टालमटोल करता रहा और फोन कर पैसे वापस ले जाने के लिए तरनतारन आने को कहता रहा।
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मुकेश वर्मा अपने साथियों जसविंदर सिंह और विक्की सिंह के साथ प्रगट सिंह द्वारा बताए गए पते पर पहुंचे। आरोप है कि प्रगट सिंह उन्हें एक ढाबे पर ले गया। वहां पहले से ही उसका भांजा जर्मनजीत सिंह, लवप्रीत सिंह उर्फ रवि, हरदेव सिंह समेत आठ अन्य लोग मौजूद थे। बातचीत के दौरान आरोपियों ने पैसे से भरा एक बैग टेबल पर रख दिया, जिससे पीड़ित को भरोसा दिलाया गया कि उसकी राशि लौटाई जा रही है।
कागजात छीन लिए
पीड़ित का आरोप है कि जैसे ही उसने जमीन से संबंधित इकरारनामा वापस मांगा, तो प्रगट सिंह ने बहस के दौरान अचानक वह दस्तावेज फाड़ दिया और ढाबे पर जल रहे तंदूर में डालकर जला दिया। इसके बाद बैंक में मशीन से पैसे गिनवाने का बहाना बनाकर प्रगट सिंह एक लिफाफा लेकर अंदर चला गया।
इसी दौरान अन्य आरोपियों ने कार में रखे दो लिफाफे जबरन छीन लिए और मुकेश वर्मा व उसके साथियों को जान से मारने की धमकी देते हुए मौके से फरार हो गए। पीड़ित का कहना है कि उसे न तो उसकी रकम वापस मिली और न ही जमीन से संबंधित कोई वैध दस्तावेज।

पुलिस ने एफआईआर दर्ज की
घटना की सूचना मिलते ही थाना सिटी तरनतारन पुलिस ने कार्रवाई शुरू की। डीएसपी सुखबीर सिंह ने बताया कि पीड़ित के बयान के आधार पर प्रगट सिंह सहित कुल 11 आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश, धमकी देने और अन्य संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस ने मुख्य आरोपी प्रगट सिंह को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि अन्य आरोपियों की तलाश में संभावित ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है। डीएसपी ने कहा कि मामले की गहनता से जांच की जा रही है और फरार आरोपियों को भी जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा। पुलिस यह भी पता लगाने में जुटी है कि आरोपियों ने इस तरह की ठगी पहले भी किसी और के साथ की है या नहीं।







