डेली संवाद, नई दिल्ली। US Visa Appointment Cancellation: भारत में अमेरिकी H-1B वीजा से जुड़े अपॉइंटमेंट बड़े पैमाने पर रद्द किए जाने की खबरों ने हजारों आवेदकों की चिंताएं बढ़ा दी हैं। अचानक अपॉइंटमेंट रद्द होने और नई तिथियां मिलने में हो रही भारी देरी के कारण न सिर्फ भारत में आवेदन करने वाले पेशेवर प्रभावित हो रहे हैं, बल्कि अमेरिका में इसका बड़ा असर पड़ा है।
अमेरिका (US) में पहले से काम कर रहे भारतीय H-1B वीजा धारकों को भी अपनी यात्रा योजनाएं टालनी पड़ रही हैं। इस स्थिति ने आईटी और टेक सेक्टर में काम करने वाले भारतीयों के बीच अनिश्चितता का माहौल बना दिया है। इसे लेकर दोनों देशों ने एडवाइजी भी जारी की है।

वीजा स्टैम्पिंग अपॉइंटमेंट अचानक रद्द
जानकारी के अनुसार, भारत में कई अमेरिकी दूतावासों और वाणिज्य दूतावासों में H-1B और H-4 वीजा स्टैम्पिंग अपॉइंटमेंट अचानक रद्द कर दिए गए हैं। जिन आवेदकों को पहले से तिथियां मिल चुकी थीं, उन्हें अब महीनों या फिर एक साल से ज्यादा का इंतजार करना पड़ सकता है।
जानकारी के मुताबिक कई मामलों में नई अपॉइंटमेंट तिथियां 12 महीने बाद की दी जा रही हैं, जबकि कुछ आवेदकों को 2026 के मध्य या अंत तक की तारीखें मिली हैं। कुछ दुर्लभ मामलों में तो 2027 तक की तिथियां सामने आई हैं। इस देरी का सीधा असर उन भारतीय पेशेवरों पर पड़ रहा है, जो अमेरिका में काम करते हैं और वीजा रिन्यू कराने के लिए भारत आने की योजना बना रहे थे।

भारत आने की योजना स्थगित
खबर है कि अमेरिका में रह रहे कई भारतीय H-1B वीजा धारक अब अपना वीजा नवीनीकरण कराने के लिए भारत आने की योजना स्थगित कर रहे हैं। उन्हें डर है कि अगर वे भारत आ गए और समय पर वीजा स्टैम्पिंग नहीं हो पाई, तो वे लंबे समय तक अमेरिका वापस नहीं लौट पाएंगे, जिससे उनकी नौकरी और करियर पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
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बिजनेस इनसाइडर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एप्पल और गूगल जैसी बड़ी टेक कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने वाली आव्रजन फर्मों ने कर्मचारियों को आंतरिक ज्ञापन भेजकर सावधानी बरतने की सलाह दी है। इन ज्ञापनों में कहा गया है कि जो कर्मचारी पहले से अमेरिका में हैं, वे वीजा अपॉइंटमेंट के लिए अपने देश की यात्रा न करें, क्योंकि इसमें भारी देरी हो सकती है। कर्मचारियों को फिलहाल सभी गैर-जरूरी अंतरराष्ट्रीय यात्राओं से बचने की सलाह दी गई है।
कंपनियों ने जारी की एडवाइजरी
अमेरिका की कई अन्य बड़ी टेक कंपनियों और बहुराष्ट्रीय संस्थानों ने भी इसी तरह की एडवाइजरी जारी की है। कंपनियों का कहना है कि मौजूदा हालात में वीजा स्टैम्पिंग एक अनिश्चित प्रक्रिया बन गई है और कर्मचारियों के लंबे समय तक अमेरिका से बाहर फंसने का जोखिम बढ़ गया है।
एक आईटी पेशेवर ने बताया कि वह एक नामी टेक कंपनी में काम करता है और वीजा रिन्यू कराने के लिए भारत आया था, लेकिन यहां पहुंचने के बाद उसे पता चला कि उसकी अपॉइंटमेंट दिसंबर से बढ़ाकर अप्रैल कर दी गई है, जिससे उसकी वापसी योजना पूरी तरह बिगड़ गई।
कड़ी हुई जांच और नई नीतियां
विशेषज्ञों के अनुसार, वीजा अपॉइंटमेंट में हो रही देरी का संबंध H-1B और H-4 आश्रित वीजा आवेदनों पर लागू की गई नई सोशल मीडिया जांच नीति से है। इस नीति के तहत आवेदकों की सोशल मीडिया गतिविधियों की गहन जांच की जा रही है। अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने और संभावित खतरों से अमेरिका को सुरक्षित रखने के लिए जरूरी है।

हालांकि, इस सख्त जांच प्रक्रिया का सीधा असर आवेदकों पर पड़ रहा है। कागजी कार्रवाई और सत्यापन में ज्यादा समय लगने के कारण दूतावासों पर दबाव बढ़ गया है, जिससे अपॉइंटमेंट की उपलब्धता सीमित हो गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक प्रक्रिया को सरल नहीं किया जाता या अतिरिक्त संसाधन नहीं लगाए जाते, तब तक स्थिति में सुधार की संभावना कम है।
आवेदकों में बढ़ती चिंता
वीजा अपॉइंटमेंट रद्द होने और लंबे इंतजार ने आवेदकों में निराशा बढ़ा दी है। कई लोग अपने करियर, परिवार और भविष्य की योजनाओं को लेकर असमंजस में हैं।
कुछ छात्रों और पेशेवरों को नौकरी जॉइन करने या प्रोजेक्ट्स पर काम शुरू करने में भी देरी का सामना करना पड़ रहा है। कुल मिलाकर, H-1B वीजा से जुड़ी यह स्थिति भारतीय पेशेवरों के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर उभरी है, जिसका समाधान फिलहाल दूर नजर आ रहा है।







