डेली संवाद, चंडीगढ़। Bogus Billing Scam in VAT: प्रवर्तन निदेशालय (ED) चंडीगढ़ ने हरियाणा के सिरसा जिले में सामने आए बहुचर्चित VAT घोटाले में बड़ी कार्रवाई करते हुए मुख्य आरोपियों पदम बंसल, महेश बंसल और उनके परिवार के सदस्यों की कुल 17.16 करोड़ रुपये मूल्य की 37 अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से जब्त कर लिया है।
ईडी (ED) द्वारा यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत की गई है। ED का कहना है कि जांच अभी जारी है और आने वाले समय में इस घोटाले से जुड़े अन्य लोगों और अवैध धन की भी जांच की जाएगी।

VAT रिफंड घोटाले से जुड़ा मामला
ED के अनुसार यह पूरा मामला आबकारी एवं कराधान विभाग से संबंधित है। जांच में सामने आया कि कुछ फर्मों ने फर्जी C-फॉर्म का इस्तेमाल कर गलत तरीके से VAT रिफंड हासिल किया।
ईडी के मुताबिक केवल VAT रिफंड की राशि ही करीब 4.41 करोड़ रुपये बताई जा रही है, जबकि टैक्स, ब्याज और जुर्माने को मिलाकर सरकार को कुल 43.65 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
फर्जी फर्में बनाकर किया घोटाला
जांच के दौरान यह भी खुलासा हुआ कि महेश बंसल और पदम बंसल के नेतृत्व में एक संगठित गिरोह सक्रिय था, जिसने गरीब, अनजान और नौकरीपेशा लोगों के नाम पर फर्जी फर्में बनाईं। फर्जी बनाकर करोड़ों रुपए का घोटाला किया गया।
इन लोगों के दस्तावेजों का दुरुपयोग कर उनके नाम से बैंक खाते खुलवाए गए और उन्हीं खातों के जरिए करोड़ों रुपये का फर्जी लेनदेन किया गया। बाद में यह पैसा आरोपियों के निजी खातों में ट्रांसफर कर दिया गया, जिससे महंगी अचल संपत्तियां खरीदी गईं।
37 संपत्तियां जब्त, जांच और तेज
ED ने जिन 37 अचल संपत्तियों को जब्त किया है, वे सिरसा और अन्य स्थानों पर स्थित बताई जा रही हैं। इन संपत्तियों को कथित तौर पर अवैध तरीके से अर्जित धन से खरीदा गया था। ED का कहना है कि यह कार्रवाई सिर्फ शुरुआत है और आने वाले दिनों में और भी संपत्तियों तथा बैंक खातों पर कार्रवाई हो सकती है।
ट्रायल कोर्ट की सुनवाई पर लगी रोक
फर्जी फर्मों से जुड़े मामलों में आरोपियों के खिलाफ सिरसा ट्रायल कोर्ट में केस चल रहा था। हालांकि अब इन मामलों की सुनवाई पर रोक लग गई है। पुलिस ने वर्ष 2015 से 2020 के बीच इस घोटाले से जुड़े करीब 30 एफआईआर दर्ज की थीं।
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने 14 दिसंबर को आदेश जारी कर ट्रायल कोर्ट को निर्देश दिया है कि वह इन मामलों की सुनवाई को हाईकोर्ट में अगली तय तारीख तक स्थगित रखे। इस केस की अगली सुनवाई 29 जनवरी 2026 को निर्धारित की गई है।
फर्जी फर्मों से जुड़े प्रमुख मामले
इस घोटाले में कई चौंकाने वाले मामले सामने आए हैं। छतरिया निवासी विकास ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि महेश बंसल, रमेश कुमार, प्रमोद बंसल, सुनील कुमार और रविंद्र बंसल ने उसके नाम से डिंग रोड पर विकास कॉटन मिल के नाम से फर्म बना दी।
विकास के अनुसार वह एक नौकरीपेशा व्यक्ति है और उसने कभी कोई फर्म नहीं बनाई। उसकी आईडी का गलत इस्तेमाल कर टैक्स चोरी का कारोबार किया गया। इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया।
दूसरों के नाम पर करोड़ों का कारोबार
गुसाईयाना निवासी गुलशन कुमार ने भी पुलिस को बताया कि महेश बंसल ने उसके नाम से भगवती ट्रेडर्स नाम की फर्म बनाकर धोखाधड़ी की। उसके नाम से बैंक खाता खुलवाया गया, जिसे महेश बंसल खुद संचालित करता रहा। आरोप है कि इस फर्म के जरिए करोड़ों रुपये का कारोबार किया गया, जबकि गुलशन खुद नौकरी करता है।
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इसके अलावा पुलिस जांच में गणेश ट्रेडर्स नाम की एक और फर्जी फर्म का खुलासा हुआ, जिसके जरिए करोड़ों रुपये का फर्जी लेनदेन किया गया। इस मामले में भी महेश बंसल, पवन कुमार और प्रमोद बंसल के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया।

आगे भी बढ़ सकती है कार्रवाई
ED का कहना है कि यह VAT घोटाला बेहद संगठित तरीके से अंजाम दिया गया है और इसमें कई और लोग भी शामिल हो सकते हैं। जांच एजेंसी अब मनी ट्रेल, बैंक लेनदेन और अन्य संपत्तियों की गहराई से जांच कर रही है। माना जा रहा है कि आने वाले समय में इस मामले में और भी बड़ी कार्रवाई देखने को मिल सकती है।








