डेली संवाद, जालंधर। Jalandhar News: जालंधर शहर (Jalandhar City) की सबसे प्रमुख और व्यस्त सब्जी मंडियों में शुमार मकसूदां सब्जी मंडी (Maksudan Sabji Mandi) इन दिनों गंभीर विवाद के चलते सुर्खियों में है। मंडी में पार्किंग ठेकेदार की कथित धक्केशाही और आम जनता व व्यापारियों से जबरन वसूली को लेकर आढ़तियों में भारी रोष देखा जा रहा है।
जालंधर (Jalandhar) के मकसूदां सब्जी मंडी (Maksudan Sabji Mandi) का यह विवाद अब इतना बढ़ चुका है कि आढ़ती एसोसिएशन ने मंडी को पूरी तरह बंद रखने का ऐलान कर दिया है, जिससे शहर की सब्जी आपूर्ति व्यवस्था पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। आढ़ती एसोसिएशन ने ऐलान किया है कि मंगलवार को पूरी मंडी कर चाबियां डीसी को सौंप देंगे।

मंडी में इंट्री फीस वसूली
आढ़ती एसोसिएशन का आरोप है कि मंडी परिसर में आने वाले ग्राहकों, किसानों और छोटे व्यापारियों से पार्किंग के नाम पर मनमानी वसूली की जा रही है। नियमों के अनुसार जहां दोपहिया और चारपहिया वाहनों के लिए 15 से 20 रुपये तक शुल्क निर्धारित है, वहीं ठेकेदार के कर्मचारी 50 से लेकर 200 रुपये तक जबरन वसूल रहे हैं।
आरोप है कि वसूली से इनकार करने पर लोगों के साथ बदसलूकी की जाती है और कई बार धमकाया भी जाता है। आढ़तियों का कहना है कि यह समस्या नई नहीं है, बल्कि पिछले काफी समय से चली आ रही है। मंडी में आए दिन ठेकेदारों और आढ़तियों के बीच इसी मुद्दे को लेकर कहासुनी और विवाद होता रहा है।
ठेकेदार के कारिंदे करते हैं मारपीट
कई बार मामला हाथापाई तक पहुंचने की कगार पर भी पहुंच चुका है। इसके बावजूद संबंधित अधिकारियों द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, जिससे ठेकेदारों के हौसले और बुलंद हो गए। एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बताया कि उन्होंने इस गंभीर समस्या को लेकर मंडी बोर्ड के अधिकारियों और जिला प्रशासन के समक्ष कई बार लिखित शिकायतें दी हैं।
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अधिकारियों को पार्किंग वसूली के नियमों और ठेकेदार की मनमानी से अवगत करवाया गया, लेकिन अब तक कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई। आढ़तियों का आरोप है कि प्रशासनिक उदासीनता के चलते ठेकेदार अपनी मनमर्जी से लोगों को लूटने में लगे हुए हैं।
आढ़तियों का ऐलान
प्रशासन की इस कथित अनदेखी से नाराज आढ़तियों ने अब आर-पार की लड़ाई का मन बना लिया है। आढ़ती एसोसिएशन ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि सोमवार तक पार्किंग ठेकेदार की धक्केशाही पर रोक नहीं लगाई गई, तो मंगलवार को सभी आढ़ती अपनी-अपनी दुकानों की चाबियां जिला उपायुक्त हिमांशु अग्रवाल को सौंप देंगे और मंडी को पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा। यह फैसला सर्वसम्मति से लिया गया है और इसमें सभी आढ़तियों का समर्थन बताया जा रहा है।

एसोसिएशन के प्रतिनिधियों का कहना है कि उनका यह कदम किसी दबाव की राजनीति के लिए नहीं, बल्कि आम जनता और व्यापारियों के हितों की रक्षा के लिए उठाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मंडी एक सार्वजनिक स्थल है, जहां किसानों और आम लोगों को बिना किसी डर और शोषण के आना-जाना चाहिए। पार्किंग के नाम पर की जा रही अवैध वसूली से न केवल जनता परेशान है, बल्कि मंडी की छवि भी खराब हो रही है।
मंडी बंद होने सब्जी आपूर्ति होगी ठप
यदि मंडी बंद होती है तो इसका सीधा असर शहर की सब्जी आपूर्ति पर पड़ेगा। मकसूदां मंडी से जालंधर सहित आसपास के क्षेत्रों में सब्जियों की सप्लाई होती है। मंडी बंद रहने से सब्जियों के दाम बढ़ने की आशंका है, जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ सकता है। यही कारण है कि उपभोक्ता भी प्रशासन से जल्द समाधान की उम्मीद लगाए बैठे हैं।
मामले को लेकर अब प्रशासन पर दबाव बढ़ता जा रहा है। उम्मीद की जा रही है कि जिला प्रशासन और मंडी बोर्ड जल्द ही इस विवाद में हस्तक्षेप कर पार्किंग ठेकेदार के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे और आढ़तियों व ठेकेदारों के बीच सामंजस्य स्थापित करने का प्रयास करेंगे, ताकि मंडी में फिर से शांति और सुचारू व्यवस्था बहाल हो सके।







