डेली संवाद, जालंधर। Jalandhar News: जालंधर (Jalandhar) में अर्बन एस्टेट (Urban Estate) से वडाला रोड (Wadala Road) पर गुरु तेग बहादुर एवेन्यू में पाम रोज प्लैट (Palm Rose Flats) के ठीक सामने बनी दो मंजिला मार्केट में भूलकर भी दुकानें मत खरीदना, नहीं तो बाद में पछाताना पड़ सकता है। क्योंकि इन दुकानों को पावर काम न तो बिजली कनेक्शन देगा और न ही नगर निगम कभी इसकी एनओसी जारी करेगा। क्योंकि ये दुकानें अवैध बताई जा रही हैं और इसकी शिकायत लोकपाल में लंबित है।
जालंधर (Jalandhar) में अर्बन एस्टेट (Urban Estate) से वडाला रोड (Wadala Road) पर गुरु तेग बहादुर एवेन्यू में पाम रोज प्लैट (Palm Rose Flats) के सामने आज से करीब 3 साल पहले 16 मरले 141 फुट की रिहाइशी रजिस्ट्री तहसील में करवाई गई थी। इस रिहाइशी जगह पर न तो कोई सीएलयू करवाया गया और न ही नगर निगम से नक्शा पास करवाया गया। बावजूद इसके इसके फ्रंट पर दो मंजिला मार्केट (12 दुकानें) बना दी गई हैं।

न CLU, न नक्शा पास करवाया
जालंधर (Jalandhar) के आरटीआई एक्टिविस्ट करणप्रीत सिंह ने इसका खुलासा किया है। करणप्रीत सिंह का आरोप है कि बैगर सीएलयू और नक्शे के ही यहां 12 दुकानें बनाई हैं। हालांकि इस जमीन की रजिस्ट्री मनप्रीत सिंह के नाम पर है। लेकिन बिल्डिंग बनाने और कालोनी काटने का काम उसके पिता खुद करते हैं। आरोप है कि बिल्डर्स ने नगर निगम लाखों रुपए का नुकसान पहुंचाया है। इसमें निगम के कुछ अफसर और एक सत्ताधारी नेता का संरक्षण बताया जा रहा है।
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करणप्रीत सिंह का आरोप है कि बिल्डर्स को एक सत्ताधारी नेता संरक्षण दे रहा है, जिससे बिल्डर्स सरकार को ही चूना लगाने में जुटा हुआ है। करणप्रीत सिंह के मुताबिक हरिंदर सिंह घग्ग पुत्र काबल सिंह निवासी गार्डन कालोनी जालंधर ने मनप्रीत सिंह पुत्र सुरिंदर सिंह ढींगरा निवासी गुरु गोबिंद सिंह नगर जालंधर को 20 अक्टूबर 2023 को 16 मरले 141 फुट रिहाइशी जमीन की रजिस्ट्री की। इसके बाद इस जमीन पर फ्रंट में अवैध रूप से दुकानें बना दी गई हैं।

नगर निगम ने नोटिस जारी किया
अवैध रूप से बनी इन दुकानों को लेकर करणप्रीत सिंह ने नगर निगम के कमिश्नर से शिकायत की। इसके बाद बिल्डिंग ब्रांच ने बिल्डर्स को नोटिस जारी कर दिया। नोटिस जारी करने के बाद नगर निगम ने इन दुकानों पर कोई कार्रवाई नहीं की। वहीं, इसकी शिकायत पंजाब स्टेट पावर कारपोरेशन लिमिटेड (PSPCL) से भी की गई। जिससे पावरकाम ने इन दुकानों को बिजली कनेक्शन देने से साफ मना कर दिया। इन दुकानों को बिजली कनेक्शन नहीं मिलेगा।
शिकायतकर्ता के मुताबिक नगर निगम के अधिकारियों द्वारा कार्ऱवाई न किए जाने बाद इसकी शिकायत लोकपाल में की गई। जहां ये शिकायत लंबित है। इसकी सुनवाई चल रही है। सूत्र बता रहे हैं कि अवैध रूप से बनी इन दुकानों को बिल्डर्स बेचने में जुटा हुआ है। कहा जा रहा है कि एक दुकान की कीमत 40 लाख रुपए तय की गई है। फिलहाल बिल्डर्स के खिलाफ लोकपाल में चल रही शिकायत में नगर निगम के अफसरों को भी पार्टी बनाया गया है।






