Punjab News: वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा द्वारा ‘विकसित भारत-ग्राम जी’ स्कीम गरीबों एवं संघीय ढांचे पर हमला करार

Muskaan Dogra
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डेली संवाद, चंडीगढ़। Punjab News: पंजाब के वित्त मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने आज भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि वह योजनाबद्ध तरीके से मनरेगा स्कीम को खत्म कर रही है और गरीबों से उनकी रोजी-रोटी का हक छीन रही है। विधानसभा में मनरेगा स्कीम में हाल ही में किए गए बदलावों एवं इसका नाम बदलकर ‘विकसित भारत – ग्राम जी’ रखने के खिलाफ पेश प्रस्ताव का समर्थन करते हुए वित्त मंत्री चीमा ने इस कदम को ‘हाशिए पर धकेले गए लोगों के पेट पर हमला’ करार दिया।

अपने संबोधन के दौरान वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा (Harapl Singh Cheema) ने एक महिला मनरेगा वर्कर चरणजीत कौर की भावुक चिट्ठी पढ़ी, जिसमें हजारों ग्रामीण मजदूरों के डर को उजागर किया गया था। चरणजीत कौर ने चिट्ठी में चिंता जताई कि बदलते नियमों एवं केंद्रित गांवों की सूचियों के कारण बच्चे शिक्षा से तथा बुजुर्ग दवाइयों से वंचित रह जाएंगे। वित्त मंत्री चीमा ने जोर देकर कहा कि केंद्र सरकार स्कीम का केंद्रीकरण करके एवं मोबाइल-आधारित जटिल हाजिरी प्रणाली लागू करके काम की उस ‘गारंटी’ को छीन रही है, जो कभी ग्रामीण जीवन का आधार थी।

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बाबा साहिब डॉ. बी.आर. अंबेडकर द्वारा लिखे गए संविधान की भावना के विरुद्ध कार्य करने के लिए भाजपा की आलोचना करते हुए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि केंद्र की नीतियां संविधान की प्रस्तावना (प्रीएंबल) को कमजोर कर रही हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि संविधान की प्रस्तावना, जो राष्ट्र के बुनियादी सिद्धांतों एवं मूल्यों-कीमतों को दर्शाती है, को केंद्र की नीतियों द्वारा कमजोर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि संविधान की प्रस्तावना भारत को एक ‘संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य’ के रूप में स्थापित करती है। वित्त मंत्री ने कहा कि भारत की सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसलों में बार-बार घोषणा की है कि संविधान की प्रस्तावना, जो इसके पवित्र स्वभाव की पुष्टि करती है, को बदला या विकृत नहीं किया जा सकता।

लोकतंत्र की रूह पर हमला

वित्त मंत्री ने आगे कहा कि केंद्र सरकार हर स्कीम का केंद्रीकरण करके देश के मजदूरों को ‘बंधुआ मजदूर’ एवं केंद्रीय प्रणाली के ‘गुलाम’ बनाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि यह दृष्टिकोण सहकारी संघीय ढांचे को तबाह कर रहा है, राज्यों के हक छीन रहा है एवं स्थानीय अर्थव्यवस्था को कमजोर कर रहा है, जो सीधे तौर पर लोकतंत्र की रूह पर हमला है।

धार्मिक चिह्नों के नाम पर स्कीम का नाम बदलने पर सख्त ऐतराज जताते हुए वित्त मंत्री चीमा ने कहा कि जहां पूरी दुनिया भगवान राम का सम्मान करती है, वहीं सरकारी स्कीम के लिए धार्मिक नाम का उपयोग करना सरकार को आलोचना से बचाने की एक राजनीतिक चाल है। उन्होंने चेतावनी दी कि यह एक खतरनाक रुझान है जिसकी आड़ में अपनी दिहाड़ी या हक मांगने वाले प्रदर्शनकारियों पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का लेबल लगाया जा सकता है।

केंद्र की नीतियों की पंजाब सरकार की पहलकदमियों से तुलना करते हुए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने इस बात पर जोर दिया कि आम आदमी पार्टी ठोस कार्रवाइयों के माध्यम से दलित समुदाय के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए दिन-रात कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि पंजाब के इतिहास में पहली बार मान मंत्रिमंडल में 15 में से 6 मंत्री दलित समुदाय से हैं। एक और ऐतिहासिक पहलकदमी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह भी पहली बार हुआ है कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने दलित परिवार से संबंधित व्यक्ति को वित्त मंत्री नियुक्त किया है, एक ऐसा पद जो पिछली कांग्रेस एवं अकाली सरकारों ने कभी किसी दलित नेता को नहीं सौंपा।

वित्त मंत्री ने आगे बताया कि ‘आप’ सरकार अब तक 15,000 से अधिक दलित युवाओं को सरकारी नौकरियां दे चुकी है एवं लगभग 5000 जरूरतमंद दलित परिवारों के कर्ज माफ किए गए हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वर्ष 2025-26 के बजट में एस.सी./एस.टी. सब-प्लान के तहत लगभग 14,000 करोड़ रुपये रखे गए हैं। उन्होंने कहा कि यह पंजाब के इतिहास में सबसे अधिक आवंटन को दर्शाता है, जो यह सुनिश्चित करता है कि कुल विकास बजट का 34 प्रतिशत विशेष रूप से हाशिए पर धकेले गए एवं वंचित वर्गों के विकास के लिए समर्पित है।















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मुस्कान डोगरा, डेली संवाद ऑनलाइन में डिजिटल कंटेंट प्रोड्यूसर हैं। वे क्राइम, राजनीति और लोकल खबरों पर दमदार पकड़ रखते हैं। वह 4 सालों से अधिक समय से Daily Samvad (Digital) में पत्रकार के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने पत्रकारिता करियर की शुरुआत डेली संवाद से की। उन्होंने हरियाणा के महर्षि दयानंद युनिवर्सिटी से मास कॉम्यूनिकेशन की डिग्री हासिल की है।
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