अगस्त 2020 में तीन कृषि बिलों के विरोध में किसानों ने आंदोलन शुरू किया।

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने सितंबर 2020 में इन विधेयकों पर अपनी मुहर लगाई।

किसानों ने सिंघू और टिकरी बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन शुरू किया।

किसानों को डर था कि नए कानूनों से उनकी निर्भरता कॉरपोरेट्स पर बढ़ जाएगी और एमएसपी खत्म हो जाएगा।

इस आंदोलन ने World level पर ध्यान आकर्षित किया।

केंद्र सरकार और किसान संघ के बीच 11 दौर की बातचीत हुई, लेकिन समाधान नहीं निकल सका।

12 जनवरी 2021 को Supreme Court ने कृषि कानूनों के कार्यान्वयन पर रोक लगा दी।

26 जनवरी 2021 को किसानों ने ट्रैक्टर परेड के दौरान लाल किला में प्रदर्शन किया।

शंभू रेलवे स्टेशन पर किसानों के धरने से रेल यातायात ठप, 22 दिन में 184 ट्रेनें प्रभावित

आंदोलन के बावजूद पंजाब में BJP को मिल रहा किसानों का वोट