निर्जला एकादशी का नाम 'निर्जला' इसलिए है क्योंकि इस दिन उपवास के दौरान व्रती को पानी भी नहीं पीना चाहिए।

इस एकादशी व्रत को 24 घंटे तक माना जाता है, जिसमें सूर्योदय से पहले और सूर्यास्त के बाद तक व्रती को उपवास रखना होता है।

निर्जला एकादशी का पालन करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और भक्त भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।

इस दिन लोग भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं। इस साल यह 18 जून, 2024 को मनाई जाएगी।

निर्जला एकादशी पर भक्त भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करते हैं और उनकी आराधना में ध्यान देते हैं।

इस दिन व्रती को संतान की प्राप्ति, समृद्धि और रोगों से मुक्ति मिलती है।

निर्जला एकादशी का पालन करने से बहुत अधिक पुण्य मिलता है और आध्यात्मिक उन्नति होती है।

यह एकादशी व्रत भगवान के निकट समीपता और पूर्णता की ओर ले जाता है।

निर्जला एकादशी का पालन करने से व्यक्ति का जीवन समृद्धि और शांति से भर जाता है।

इस व्रत को करने से भक्त भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और उनके द्वारा बनाये जाने के अवसर में प्राप्त कर सकते हैं।