अन्याय से कमाया धन: चाणक्य कहते हैं कि अन्याय से कमाया धन 10 साल तक भी नहीं टिकता है।

झूठ बोलकर कमाया धन: जो लोग झूठ बोलकर धन कमाते हैं, उनके घर में कभी सुख-शांति नहीं रहती।

लालच से कमाया धन: लालच से कमाया धन भी जल्दी खत्म हो जाता है।

घमंड से कमाया धन: जो लोग धन का घमंड करते हैं, वे भी धन को खो देते हैं।

अवैध तरीकों से कमाया धन: चोरी, डकैती, जुआ आदि अवैध तरीकों से कमाया धन भी जल्दी नष्ट हो जाता है।

ईमानदारी से कमाया धन: चाणक्य कहते हैं कि ईमानदारी से कमाया धन ही टिकता है और समृद्धि लाता है।

धन का सदुपयोग: चाणक्य कहते हैं कि धन का सदुपयोग करना चाहिए, न कि उसका अहंकार करना।

दान-पुण्य: चाणक्य दान-पुण्य को धन टिकाने का एक तरीका मानते हैं।

संयम: चाणक्य कहते हैं कि धन का दुरुपयोग करने से उसका नाश होता है, इसलिए धन का संयम से उपयोग करना चाहिए।

कृतज्ञता: चाणक्य कहते हैं कि धन के प्रति कृतज्ञता रखने से वह टिकता है और बढ़ता है।