आत्मा का विशेष अनुभव: आत्मा के अंतिम समय में विशेष अनुभव होता है।

कर्मों का महत्व: आत्मा का अंत उसके किए गए कर्मों पर निर्भर करता है।

अच्छे और बुरे कर्मों का परिणाम: अच्छे कर्मों से पुण्यमय अंत और बुरे कर्मों से दुखमय अंत होता है।

मृत्यु के समय की पीड़ा: मृत्यु के समय की पीड़ा और भ्रूण की तरह की प्रतीति होती है।

अगले जन्म का निर्धारण: कर्मों के आधार पर अगले जन्म में योनि तय होती है।

विचारशील समय: मृत्यु से पहले का समय बहुत विचारशील होता है।

दुखद समय: जीव के प्राण छूटने का समय बहुत दुखद होता है।

नरक की यातनाएं: नरक की यातनाओं के बारे में जानकारी नहीं होती।

देह छोड़ने की प्रक्रिया: देह छोड़ने की प्रक्रिया समय कठिन होती है।

मुक्ति का मार्ग: आत्मा की मुक्ति के लिए ईश्वर की शरण में जाना आवश्यक होता है।