ज्येष्ठ पूर्णिमा को सावित्री ब्राह्मणों के लिए अत्यंत जरूरी माना जाता है। इस दिन महिलाएं अपने पतिदेव की लम्बी आयु और सुख-समृद्धि की प्राप्ति के लिए व्रत रखती हैं।

पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 21 जून, 2024 को सुबह 06 बजकर 01 मिनट पर होगी। वहीं, इसका समापन 22 जून, 2024 को सुबह 05 बजकर 07 मिनट पर होगा।

यह व्रत महिलाओं के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है, जिसमें वे सावित्री देवी की कथा सुनती हैं और उन्हें पूजती हैं।

सावित्री माता ने विशेष तपस्या और उपासना से अपने पति की आयु बढ़ाने की कथा है, जिसलिए इस दिन को पतिदेव की लंबी आयु के लिए व्रत रखा जाता है।

इस दिन को समुद्र मंथन के समय भी माना जाता है, जब देवताओं और असुरों ने समुद्र मंथन किया था।

वेदों में भी ज्येष्ठ पूर्णिमा को महत्वपूर्ण माना गया है और इसके व्रत का उल्लेख मिलता है।

इसे सावित्री अमावस्या के रूप में भी जाना जाता है, जब माता सावित्री ने अपनी पति के लिए तपस्या की थी।

हिंदू धर्म में, यह त्योहार पतिव्रता और प्रेम की महिमा का प्रतीक माना जाता है।

इस दिन महिलाएं सावित्री देवी की पूजा-अर्चना करती हैं और उनकी कृपा के लिए प्रार्थना करती हैं।