हर साल 20 अगस्त को वर्ल्ड मॉस्किटो डे मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य लोगों को मच्छरों से होने वाली बीमारियों के प्रति जागरूक करना है। 

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वर्ल्ड मॉस्किटो डे 

20 अगस्त 1897 को सर रोनाल्ड रॉस ने एनाफिलीज मच्छर की खोज की, जो मलेरिया जैसी घातक बीमारी फैलाता है। 

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सर रोनाल्ड रॉस की खोज 

यह मच्छर मलेरिया का कारण बनता है, जो दुनिया भर में लाखों लोगों की जान ले सकता है।

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एनाफिलीज मच्छर 

दुनिया में करीब 100 ट्रिलियन मच्छर हैं, जो बहुत तेजी से जनसंख्या में वृद्धि कर रहे हैं।

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मच्छरों की संख्या 

मच्छरों की लगभग 3000 प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें से कुछ ही मनुष्यों के लिए हानिकारक हैं।

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प्रजातियों की विविधता 

मच्छर इंसानों की पहचान इंफ्रारेड रेडिएशन द्वारा करते हैं, जिससे वे अपने शिकार को ढूंढ पाते हैं।

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इंफ्रारेड रेडिएशन द्वारा पहचान 

एक मच्छर अपने वजन से करीब 3 गुना अधिक खून पी सकता है, जिससे उसकी खून पीने की क्षमता उसके वजन से कहीं अधिक होती है। 

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खून पीने की क्षमता 

मच्छरों के काटने से मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, और जीका जैसी गंभीर बीमारियाँ फैलती हैं।

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मच्छरों का खतरा 

मच्छरों का जीवनकाल कुछ दिनों से लेकर कुछ हफ्तों तक होता है, लेकिन इस दौरान वे गंभीर बीमारियाँ फैला सकते हैं।

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मच्छरों का जीवनकाल 

वर्ल्ड मॉस्किटो डे का उद्देश्य लोगों को मच्छरों से बचाव के उपायों के बारे में जागरूक करना है ताकि इन खतरनाक बीमारियों से बचा जा सके। 

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जागरूकता की जरूरत