डेली संवाद, जालंधर/कोच्चि
यौन शोषण के आरोपी जालंधर के बिशप फ्रैंको मुलक्कल को वैटिकन ने उनके पद से हटा दिया है। मुलक्कल ने चार दिनों पहले पोप को चिट्ठी लिखकर जांच पूरी होने तक पद छोड़ने की इच्छा जताई थी, जिसे वैटिकन ने स्वीकार कर लिया है। इसके बाद पुलिस कभी भी बिशप को गिरफ्तार कर सकती है।
कैथलिक बिशप कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया (सीबीसीआई) ने एक बयान में कहा, ‘बिशप फ्रैंको मुलक्कल को वैकिटन के अंशकालिक तौर पर पास्टर की जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया है।
फ्रैंको मुलक्कल के खिलाफ रेप का आरोप लगने के बाद इस मामले पर चर्च के रुख की काफी आलोचना हो रही थी। उधर मुलक्कल गुरुवार को भी केरल पुलिस के सामने पूछताछ के लिए पेश हुए, इससे पहले बुधवार को भी पुलिस ने उनसे छह घंटे पूछताछ की थी।
यह है मामला
कोट्टायम जिला पुलिस अधीक्षक को की गई शिकायत में नन ने आरोप लगाया है कि 2014 में जिले के कुरावलंगद क्षेत्र में एक अनाथालय के नजदीक एक गेस्ट हाउस में पहली बार उससे यौन शोषण किया गया। इसके बाद उसका 14 बार यौन उत्पीडऩ किया गया है। यह नन पंजाब में जालंधर स्थित डायोसीस कैथलिक चर्च के तहत चलने वाले एक संस्थान में काम करती थी। इस संस्थान के मुखिया 54 वर्षीय बिशप फ्रैंको मुलक्कल है।
https://youtu.be/m5HwuWS-1l8